5th day of Navratri: आज करें स्कंदमाता की पूजा, बनेंगे Super intelligent

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 30 Sep, 2022 10:21 AM

skandmata 5th day of navratri

नवरात्रि का पर्व दो ऋतुओं के परिवर्तन से पहले हमारे शारीरिक और मानसिक संतुलन को बनाए रखने के लिए ऋषि-मुनियों द्वारा बताया गया अति उत्तम मार्ग है। नवरात्रि के 9 दिनों में दुर्गा के नौ रूपों का पूजन किया जाता है,

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Navratri 2022 Day 5: नवरात्रि का पर्व दो ऋतुओं के परिवर्तन से पहले हमारे शारीरिक और मानसिक संतुलन को बनाए रखने के लिए ऋषि-मुनियों द्वारा बताया गया अति उत्तम मार्ग है। नवरात्रि के 9 दिनों में दुर्गा के नौ रूपों का पूजन किया जाता है, इनमें दुर्गा माता के कुमारी अवस्था से लेकर वात्सल्य रूप तक का वर्णन है। नवरात्रि की पंचम देवी स्कंदमाता मां दुर्गा के वात्सल्य रूप का अद्भुत प्रतीक हैं।

PunjabKesari skandmata 5th day of Navratri

1100  रुपए मूल्य की जन्म कुंडली मुफ्त में पाएं। अपनी जन्म तिथि अपने नाम, जन्म के समय और जन्म के स्थान के साथ हमें 96189-89025 पर व्हाट्सएप करें

PunjabKesari skandmata 5th day of Navratri
Which goddess is worshipped on 5th day of Navratri:
स्कंद पुराण के अनुसार कुमार कार्तिकेय के माता होने के नाते देवी का नाम स्कंदमाता जाना जाता है। देवी का यह चतुर्भुजी रूप है। जिनके एक हाथ में कुमार कार्तिकेय जी बाल रूप में विराजित हैं। दोनों हाथों में कमल का पुष्प और चौथा हाथ भक्तों को आशीर्वाद देते हुए उठा रहता है। देवी की सवारी सिंह है और देवी पद्मासन में रहती हैं। इस कारण देवी का एक नाम पद्मासिनी भी है। जीव मात्र में नव चेतना का संचार करने वाली देवी का पूजन भक्तों के लिए अति हितकारी सिद्ध होता है। ऐसी मान्यता है कि देवी का पूजन करने से जड़ व्यक्ति भी बुद्धिमान हो जाता है। संतान संबंधी समस्याओं से मुक्ति के लिए देवी का आशीर्वाद अत्यधिक प्रभावशाली है।

PunjabKesari skandmata 5th day of Navratri
5th day of navratri mantra मंत्र: या देवी सर्वभूतेषु स्कंदमाता रूपेण संस्थिता नमस्तस्ए नमस्तस्ए नमस्तस्ए नमो नमः

इस मंत्र का उच्चारण करते हुए देवी के विग्रह पर शहद चढ़ाने से हर प्रकार की मनोकामना शीघ्र पूर्ण होती है। मां स्कंदमाता को शहद का भोग लगाने से धन व यश की प्राप्ति होती है। शहद से बनी खीर का भोग लगाना अधिक प्रचलित है, इसके साथ ही मंगल ग्रह का शुभ प्रभाव भी प्राप्त होता है।

संतान संबंधी कष्ट हो तो देवी को पीले रंग के 5 केलों का भोग लगाएं। ऐसा करने से केतु ग्रह का अशुभ प्रभाव भी समाप्त होगा और नि:संतान दंपत्तियों को संतान मिलेगी।

देवी का ध्यान घर के ब्रह्म स्थान में बैठकर करने से सकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बढ़ता है और रात्रि के समय देवी की साधना करने से विशेष लाभ प्राप्त होता है

नीलम
8847472411 

PunjabKesari kundli

Trending Topics

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!