Edited By Niyati Bhandari,Updated: 09 Apr, 2023 09:40 AM
नींद परमात्मा ने इसलिए बनाई है कि हम सांसारिक कामों में उलझे न रहें। मोह-माया के
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Smile please: नींद परमात्मा ने इसलिए बनाई है कि हम सांसारिक कामों में उलझे न रहें। मोह-माया के बंधनों से बचाने के लिए हमें नींद दी गई है। नींद न होती तो मोह-माया के पीछे भागते-भागते हम पागल हो जाते। वैसे तो हम सब इस मोह-माया केलि पीछे पागल ही हैं। चाहे कोई देश का राजा हो, चाहे प्रधानमंत्री हो, बेशक कोई बड़े पद पर हो, सोने से पहले उसे पता होता है कि वह कौन से पद पर है। नींद के आगोश में जाते ही उसे कुछ याद नहीं रहता।
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सुबह परमात्मा के आदेश से उसे निद्रा से जागने पर ही फिर याद आता है कि वह कौन है। संत समाज हमें दिन में उस परमात्मा की ओर लगन लगाने को कहता है, ताकि इस जीव ने गर्भकाल में उस ईश्वर से जो वायदे किए थे कि गर्भ से बाहर निकलते ही प्रभु, तेरे नाम की माला जपने के सिवा और कोई कार्य नहीं करूंगा, उन्हें निभा सके।
परमात्मा हमें निद्रा देकर अपनी मोह माया से दूर करते हैं और परमात्मा के भेजे हुए संदेशवाहक ये संत हमें गृहस्थ जीवन के सभी कार्य करते हुए परमात्मा से लौ लगाने के लिए बार-बार चेतावनी देते हुए सत्संग में आने को प्रेरित करते हैं। वे तो यही कहते हैं कि कमल की भांति सुंदर भी लगो, पर पानी छूने न पाए।
सहजो बाई जी ने बहुत ही सुंदर कहा है कि,
‘सहजो’ जग में यूं रहो, जीभ जैसे मुख माहिं।
घीव घणा भक्षण करे, तो भी चिकनी नाहिं॥’
हमारी जिह्वा कितना घी खाती है पर अपने ऊपर रत्ती भर भी चिकनाहट नहीं आने देती, इसी प्रकार जीव को इस संसार में रहना चाहिए। यह संसार एक जंगल है। परमात्मा ने मोह-माया का दर्पण लगा दिया है, जिससे मंगल नजर आता है। इसलिए परमात्मा ने हमें नींद देकर रात को तो बचा लिया। दिन में गफलत की नींद से जाग कर प्रभु को स्मरण करते हुए हर कार्य करें और गुरुओं की वाणी को अमलीजामा पहना कर यमों की मार से बच जाएं।
शिक्षा : इस संसार में रहते हुए काम भी करना है, खाना भी है और कमाना भी है।