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Smile please: जिस किसी से भी अपने दिल की बात करेंगे वह आगे जरूर पहुंचेगी

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 11 Jan, 2024 08:11 AM

smile please

आनंद अपने भीतर ही निवास करता है, किन्तु मनुष्य उसे स्त्री में, घर में तथा बाह्य सुखों में खोज रहा है।

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आनंद अपने भीतर ही निवास करता है, किन्तु मनुष्य उसे स्त्री में, घर में तथा बाह्य सुखों में खोज रहा है।

सुंदर भवनों और उनके भोग-विलास में लिप्त रहने वाले व्यक्ति प्रभु प्राप्ति के अधिकारी नहीं हैं।

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जो काम-सुख में लीन हैं, वे योगा यास नहीं कर सकते। भोगी योगी बनने का प्रयत्न करेगा तो रोगी बन जाएगा।

आपका प्रत्येक व्यवहार भक्तिमय होना चाहिए।

घर में रहना पाप नहीं, किन्तु उसके भीतर अति आसक्ति पाप है।

यह भक्ति का समय है, वह भोग का, इस प्रकार का भेदभाव रखने वाला व्यक्ति भक्ति नहीं कर सकता।

भगवान का वंदन केवल शरीर से ही नहीं, मन से भी कीजिए। ऐसा वंदन भगवान को प्रेम बंधन में बांध लेता है।

अत्यधिक प्रिय वस्तु भगवान को अर्पित करने से भगवान आप पर प्रसन्न होते हैं।

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पहले लोगों के दिलों में एक-दूसरे के प्रति हमदर्दी होती थी। बात सुन कर अपने अंदर पचा लेते थे। आजकल जिस किसी से भी अपने दिल की बात करेंगे वह आगे जरूर पहुंचाएगा।        

बीज को ज्ञान है कि मैंने वृक्ष बनना है और मैंने ऑक्सीजन बांटनी है। जीवन में देना सीख लें। वृक्ष यदि आक्सीजन देना बंद कर देगा तो हम फले-फूलेंगे कैसे। देने वाले को ही प्रभु देते हैं। प्रभु कहते हैं आप बांटते रहो, मैं तुम्हारे भंडार भरता रहूंगा।    

अपनी आमदनी के हिसाब से खर्चा करोगे तो सुखी रहोगे। तुम्हारे मन की शांति बनी रहेगी और रात को चैन की नींद सो सकोगे। दिखावा करने वाले लम्बे समय तक नहीं टिकते।

बचत करना सीख लोगे तो किसी के आगे हाथ नहीं फैलाने पड़ेंगे। समय कभी एक जैसा नहीं रहता। समय में बदलाव आता रहता है।

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परमात्मा ने हमें सुंदर शरीर दिया है। उसका भजन-सिमरन करना चाहिए, ताकि अगले जन्म किसी अच्छे घर में पैदा हों। कर्म अच्छे करेंगे तो ऊपर जाकर स्वागत होगा।

पढ़ाई ईमानदारी से दिल लगाकर करो ताकि पढ़-लिख कर कोई रुतबा हासिल कर सको। जीवन में ऊंचे पद पर पहुंच कर अपने माता-पिता का नाम रौशन कर सको।

दो रोटियों की खातिर सारा दिन घर से बाहर रहते हो। उन रोटियों की कद्र करना सीखो। खाने के बाद थाली में जूठन मत छोड़ो, उनका भी ध्यान रखो जो रात को भूखे सोए हैं।

मां-बाप की कद्र करोगे तो कई मुश्किलों का हल हो जाएगा। उन्होंने ही उंगली पकड़ कर चलना सिखाया, खुद गीले पर सोए तुम्हें सूखे बिस्तर पर सुलाया। 

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