Edited By Niyati Bhandari,Updated: 18 Apr, 2024 10:22 AM
भूल कर भी कभी पूज्यजनों का अपमान और निरादर न करें। इन्हें कष्ट न दें और जितनी बने, इनकी सेवा करें।
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Smile please: भूल कर भी कभी पूज्यजनों का अपमान और निरादर न करें। इन्हें कष्ट न दें और जितनी बने, इनकी सेवा करें।
परस्त्री को बुरी दृष्टि से न देखें।
विषयासक्ति बढ़ाने वाले सिनेमा, नाटक, ड्रामा, स्वांग न देखें, नहीं तो मन दूषित हो जाएगा। कभी गंदे उपन्यास, अश्लील साहित्य न पढ़ें, नहीं तो बुद्धि भ्रष्ट हो जाएगी और परलोक बिगड़ते देर नहीं लगेगी।
खान-पान में पूरी-पूरी सावधानी बरतें। अपने घर का शुद्ध पवित्र चौके का बना अन्न भगवान को भोग लगाकर भोजन करें।
दान का एक पैसा भी न खाएं। धर्म के काम का एक पैसा भी न हड़पें। धर्मशाला, गोशाला, मंदिर का रुपया अपने लिए उपयोग में न लाएं, नहीं तो परलोक बिगड़ जाएगा।
धर्मद्रोहियों, पाखंडियों, व्यभिचारियों, नशेबाजों से संबंध न रखें।
भूलकर भी किसी जीव को किसी प्रकार का कष्ट न पहुंचाएं, किसी को न सताएं, किसी भी तरह के अपशब्द न कहें और सभी में अपने प्रभु को देखें। जरूरतमंदों की जितनी हो सके, उतनी सेवा करें।
मैं बचपन से देख रहा हूं मेरी मां गरीब बच्चों को बुला कर घर में कुछ न कुछ खिलाती, उनकी सेवा करती रहती हैं। मैं उनके साथ बैठता हूं तो मुझे बड़ी प्रसन्नता महसूस होती है। मैं जो कुछ भी हूं उनकी दुआओं की बदौलत ही हूं। —अक्षय कुमार
किसी के चेहरे पर पहले जैसी रौनक नहीं है। चेहरा चमकाने वाली दुकानों से आर्टिफिशियल चेहरे चमकवा रहे हैं। पर्स में पहले जैसा माल नहीं, पर महंगे पर्स हाथों में पकड़कर झूठी शान दिखा रहे हैं। —दर्शना भल्ला
जो काम कर रहे हो मन लगाकर पूरी ईमानदारी के साथ करते रहो सफलता के रास्ते खुद-ब-खुद खुल जाएंगे।