mahakumb

Smile please: बुजुर्गों के अनुभव और धैर्य का लाभ युवाओं को उठाना चाहिए

Edited By Prachi Sharma,Updated: 02 Feb, 2025 04:00 AM

smile please

बुजुर्गों के सामथ्र्य की तीन विशेषताएं होती हैं- अनुभव, धैर्य और प्रदाय। वृद्धावस्था की सबसे बड़ी विशेषता होती है उसकी प्रदायिनी शक्ति। बुजुर्ग अपनी संतान को अपना सब कुछ देना चाहते हैं

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Smile please: बुजुर्गों के सामथ्र्य की तीन विशेषताएं होती हैं- अनुभव, धैर्य और प्रदाय। वृद्धावस्था की सबसे बड़ी विशेषता होती है उसकी प्रदायिनी शक्ति। बुजुर्ग अपनी संतान को अपना सब कुछ देना चाहते हैं, वे अपने लिए कुछ भी नहीं बचा कर रखना चाहते। अब यह युवा पीढ़ी पर निर्भर करता है कि वह उसको कितना हासिल करना चाहती है। समाज और देश कोई पृथ्वी इकाइयां नहीं हैं- मनुष्य के समूह की ही विभिन्न स्तर्ग अभिव्यक्तियां हैं।

चिंतन में वृद्धावस्था बेहद उर्वर होती है। उसका सामथ्र्य प्रौढ़ों की तुलना में कम नहीं, यह युवा पीढ़ी को समझना है। वृद्धावस्था तरुणाई की मार्गदर्शक होती है। जरूरत है उनके सामथ्र्य को पहचानने और उससे लाभांवित होने की। वृद्ध भी सामथ्र्यवान हैं, यह समझना आवश्यक है।

युवावस्था अक्सर तेज रफ्तार की हामी होती है, उसे अंत नहीं सुहाता। परंतु वृद्धावस्था का अनुभव और धैर्य यदि उसके साथ हो तो वह अपने विकास के प्रयासों का सर्वोत्तम लाभ उठा सकता है। यह तभी संभव है जब वृद्धों की उपेक्षा न की आए। वृद्धावस्था यदि चुका हुआ सामथ्र्य होती तो देश के सर्वोच्च पदों पर अनुभवी बुजुर्गों को चुने जाने का कोई अर्थ ही नहीं होता।

जब तक प्रकृति जीवन पर पूर्णविराम नहीं लगा देती, तब तक न तो मनुष्य की उपयोगिता समाप्त होती है और न ही दायित्व। जीवन की हर अवस्था में हासिल करने के कुछ नियम होते हैं। बच्चे मांग कर हासिल करते हैं, युवा अपने श्रम से हासिल करते हैं, प्रौढ़ युवाओं से हस्तांतरित होने के बूते प्राप्त करते हैं, लेकिन वृद्धावस्था मौन रहकर हासिल करना चाहती है।
 
मौन ही उसकी भाषा होती है। वृद्धों में परिवार, समाज और राष्ट्र के प्रति दायित्व निर्वाह करने का न केवल सामथ्र्य ही होता है, बल्कि इसकी तीव्र इच्छा भी होती है, आवश्यकता सिर्फ इतनी है कि उन्हें अपने सामथ्र्य का अहं रहे।
आॢथक सम्पन्नता किसी मनुष्य के सामथ्र्य को नहीं बांधती। मनुष्य को मानसिक, सामाजिक व संवेदनात्मक सुरक्षा की  दरकार होती है। वृद्धावस्था में इन तीन चीजों की सबको जरूरत होती। इसके लिए आवश्यक है कि उनकी भावनाओं का मखौल न उड़ाया जाए और उन्हें आॢथक रूप से निराश कर उनके जीवन का श्रम व्यर्थ सिद्ध न किया जाए।

Related Story

Trending Topics

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!