Solar Eclipse 2025: खतरनाक है 2025 का पहला सूर्य ग्रहण, मेष राशि पर ऐसा होगा असर

Edited By Prachi Sharma,Updated: 27 Dec, 2024 09:44 AM

आज बात करेंगे सूर्य ग्रहण की।  2025 का पहला ग्रहण 29 मार्च को लगेगा, यह ग्रहण हालांकि भारत में नजर नहीं आएगा लेकिन पूरी दुनिया के ऊपर इसका प्रभाव बहुत ज्यादा रह सकता है।

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Solar Eclipse 2025: आज बात करेंगे सूर्य ग्रहण की। 2025 का पहला ग्रहण 29 मार्च को लगेगा, यह ग्रहण हालांकि भारत में नजर नहीं आएगा लेकिन  पूरी दुनिया के ऊपर इसका प्रभाव बहुत ज्यादा रह सकता है। सूर्य ग्रहण 29 मार्च सुबह 8.50 मिनट पर शुरू होगा और 10.47 पर यह पीक पर होगा और 12.43 मिनट पर यह पीक पर होगा। यह लगभग 4 घंटे का ग्रहण है। उत्तरी अमेरिका, उत्तरी एशिया में वेस्ट अफ्रीका में और बाकी जो दूसरा कॉन्टिनेंट है कनाडा में इसका प्रभाव नजर आ सकता है।  भारत में इसका प्रभाव नजर नहीं आएगा लिहाजा भारत में इसका सूतक नहीं लगेगा। भारत में ग्रहण शुरू होगा दोपहर 2:20 पर 06:01 पर तक शाम तक चलेगा। चूंकि ग्रहण भारत में नहीं लग रहा है इसलिए सूतक नहीं लगेगा, मंदिरों के कपाट बंद नहीं।

ग्रहण का प्रभाव कहां-कहां रहेगा ?

ग्रहण लग रहा है मीन राशि में उत्तर भाद्रपद, पूर्व भाद्रपद नक्षत्र में यह ग्रहण लगेगा। भारत का जो नॉर्थ पार्ट है जो क्योंकि मीन राशि नॉर्थ दिशा को रिप्रेजेंट करती है। नॉर्दर्न पार्ट ऑफ इंडिया या नॉर्दर्न पार्ट ऑफ वर्ल्ड डिस्टर्ब हो सकता है। नेपाल, रेगिस्तान, फ्रांस, वेस्टर्न यूरोप डिस्टर्ब हो सकता है। यहां पर मीन राशि में पूर्व भाद्रपद नक्षत्र में जब ग्रहण लगेगा तो ग्रहण के प्रभाव में सूर्य, बुध भी रहेंगे। सूर्य का तो ग्रहण लग रहा है, बुध भी ग्रहण के प्रभाव में रहेंगे। शनि यहां पर है ग्रहण के प्रभाव में नजर नहीं आते लेकिन डिग्री के हिसाब से शनि भी ग्रहण के प्रभाव में है।  29 मार्च रात को शनि का राशि परिवर्तन हो रहा है और सूर्य जहां पर बैठे हुए हैं वो शनि को अस्त कर रहे हैं इसलिए शनि भी डिग्री के लिहाज से ग्रहण के प्रभाव में है। ग्रहण के दौरान शनि अस्त रहेंगे, बुध अस्त रहेंगे चंद्रमा भी साथ रहेंगे तो चंद्रमा भी अस्त है। इसके अलावा बुध और शुक्र ग्रहण के समय वक्री भी है, जब इतने सारे ग्रहण एक साथ वक्री भी हो जाते हैं अस्त भी हो जाते हैं ग्रहण की भी स्थिति है तो निश्चित तौर पर यह दुनिया भर के लिए खतरनाक स्थिति हो सकती है। यह ऐसा इसलिए भी है क्योंकि 19 दिसंबर 2019 को एक ग्रहण लगा था सूर्य को और उस ग्रहण के दौरान छह ग्रह सूर्य ग्रहण के प्रभाव में आ गए थे। खास बात यह है कि उस समय गुरु भी ग्रहण के प्रभाव में थे, इस समय गुरु ग्रहण के प्रभाव में नहीं है गुरु थोड़े से बाहर नजर आ रहे हैं लेकिन गुरु पीड़ित हो जाएंगे। जब इस तरह के ग्रहण लगते हैं तो बहुत बड़े नेचुरल डिजास्टर की आशंका रहती है। 

शास्त्र कहता है कि ग्रहण का प्रभाव अगले कम से कम 45 दिन के लिए रहता है लेकिन कुछ जगह पर यदि हम संहिता ज्योतिष पढ़ते हैं तो यह भी कहा गया है कि ग्रहण का प्रभाव एक ग्रहण से अगले ग्रहण तक रहता है, तो ग्रहण का प्रभाव डिपेंड करता है। मीन राशि में जब ग्रहण लगेगा तो सूर्य का गोचर यहां पर हो रहा होगा। मीन राशि में 14 अप्रैल को सूर्य राशि परिवर्तन कर जाएंगे। 14 अप्रैल को सूर्य आगे निकल जाएंगे ग्रहण के प्रभाव से निकल जाएंगे। सूर्य मेष में राशि में जाकर उच्च के हो जाएंगे लेकिन बुध यहीं पर रहेंगे। बुध राहु-केतु एक्सिस में भी रहेंगे और  7 मई को राशि बदलेंगे। उसके बाद राहु गोचर करेंगे, राहु और शनि की युति टूट जाएगी। शुक्र 31 मई को राशि परिवर्तन करेंगे फिर यह मीन राशि को थोड़ी सी राहत मिलेगी। 29 मार्च से लेकर 29 मई तक यह दो महीने का समय सारी राशियों के लिए सेंसिटिव है। 

मेष राशि पर ऐसा रहेगा सूर्य ग्रहण का असर 

भारत में ग्रहण नहीं लगेगा लेकिन आपकी कुंडली में कोई न कोई ग्रह भाव ऐसा होगा जो ग्रहण के प्रभाव में आ जाएगा। मेष राशि के जातकों के लिए 29 मार्च 2025 को शनि की साढ़ेसाती शुरू होने जा रही है। शनि भी ग्रहण के चंद घंटे बाद यहां पर आ जाएंगे। डिग्री के लिहाज से देखेंगे तो शनि यहीं पर है। 12वां भाव आपके खर्चे का भाव होता है. 12वें भाव से जेल यात्रा देखी जाती है, विदेश का विचार जो है वो भी 12वें भाव से किया जाता है। 12वां भाव इतने सारे खराब ग्रहों का खराब जो एस्पेक्ट है लाइफ के उनका भाव है और इतने सारे ग्रह वहां पर जाकर बैठ जाएंगे। आपका चंद्रमा मन का कारक वो भी बारहवें में बैठ गया है। सूर्य आपकी सोल का कारक है वो भी  बारहवें में बैठ गया है। शुक्र विलासिता के कारक है, वो भी  बारहवें में बैठ गए हैं। बुध आपके लिए करेज के कारक है, वो भी  बारहवें  में बैठ गए हैं। पंचम के स्वामी सूर्य बनते हैं आपके लिए वो भी  बारहवें  में बैठ गए तो निश्चित तौर पर ये चीजें काफी नेगेटिव हो जाती हैं। छठा भाव यहां पर केतु है हालांकि केतु बाद में मूव हो जाएंगे आगे लेकिन छठे भाव के ऊपर इतने सारे ग्रहों का प्रभाव होना अच्छा नहीं है। यह ग्रह रोग, ऋण और शत्रु का भाव होता है। जिनकी कुंडली में महादशा खराब चल रही है, अंतर्दशा खराब चल रही है उनको यह समस्या जो है। उसका खराब फल जरूर मिल सकता है। 2  महीने के लिए किसी की गारंटी गलती से भी नहीं लेनी है, फाइनेंशियल गारंटी भी नहीं लेनी चाहिए। यदि आप कारोबारी हैं, यदि आप कारोबारी नहीं है आप खुद जो करते हैं तो हो सकता है कि आपके खिलाफ कहीं न कहीं परेशानी हो जाए। तो इन चीजों का ध्यान रखना है, पैसा नहीं देना किसी को भी, फाइनेंशियल गारंटी नहीं लेनी। किसी की भी लीगल गारंटी न लें।  

सूर्य देव के बुरे प्रभाव से बचने के लिए करें ये उपाय-

सूर्य देव को जल अर्पित करें। 

सूर्य देव से जुड़ा दान दें। 

यदि आपका लगन धनु है या मीन है तो गुरु की रेमेडी जरूर करें। 

नरेश कुमार
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