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Solar Eclipse 2025: खतरनाक है 2025 का पहला सूर्य ग्रहण, वृष राशि पर ऐसा होगा असर

Edited By Prachi Sharma,Updated: 27 Dec, 2024 10:35 AM

आज बात करेंगे सूर्य ग्रहण की।  2025 का पहला ग्रहण 29 मार्च को लगेगा, यह ग्रहण हालांकि भारत में नजर नहीं आएगा लेकिन इसका प्रभाव बहुत ज्यादा रह सकता है पूरी दुनिया के ऊपर।

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Solar Eclipse 2025: आज बात करेंगे सूर्य ग्रहण की।  2025 का पहला ग्रहण 29 मार्च को लगेगा, यह ग्रहण हालांकि भारत में नजर नहीं आएगा लेकिन इसका प्रभाव बहुत ज्यादा रह सकता है पूरी दुनिया के ऊपर। सूर्य ग्रहण 29 मार्च सुबह 8.50 मिनट पर शुरू होगा और 10.47 पर यह पीक पर होगा और 12.43 मिनट पर यह पीक पर होगा। यह लगभग 4 घंटे का ग्रहण है। उत्तरी अमेरिका, उत्तरी एशिया में वेस्ट अफ्रीका में और बाकी जो दूसरा कॉन्टिनेंट है कनाडा में इसका प्रभाव नजर आ सकता है।  भारत में इसका प्रभाव नजर नहीं आएगा लिहाजा भारत में इसका सूतक नहीं लगेगा। भारत में ग्रहण शुरू होगा दोपहर 2:20 पर 06:01 पर तक शाम तक चलेगा। चूंकि ग्रहण भारत में नहीं लग रहा है इसलिए सूतक नहीं लगेगा, मंदिरों के कपाट बंद नहीं।

ग्रहण का प्रभाव कहां-कहां रहेगा ?

ग्रहण लग रहा है मीन राशि में उत्तर भाद्रपद, पूर्व भाद्रपद नक्षत्र में यह ग्रहण लगेगा। भारत का जो नॉर्थ पार्ट है जो क्योंकि मीन राशि नॉर्थ दिशा को रिप्रेजेंट करती है। नॉर्दर्न पार्ट ऑफ इंडिया या नॉर्दर्न पार्ट ऑफ वर्ल्ड डिस्टर्ब हो सकता है। नेपाल, रेगिस्तान, फ्रांस, वेस्टर्न यूरोप डिस्टर्ब हो सकता है। यहां पर मीन राशि में पूर्व भाद्रपद नक्षत्र में जब ग्रहण लगेगा तो ग्रहण के प्रभाव में सूर्य, बुध भी रहेंगे। सूर्य का तो ग्रहण लग रहा है, बुध भी ग्रहण के प्रभाव में रहेंगे। शनि यहां पर है ग्रहण के प्रभाव में नजर नहीं आते लेकिन डिग्री के हिसाब से शनि भी ग्रहण के प्रभाव में है।  29 मार्च रात को शनि का राशि परिवर्तन हो रहा है और सूर्य जहां पर बैठे हुए हैं वो शनि को अस्त कर रहे हैं इसलिए शनि भी डिग्री के लिहाज से ग्रहण के प्रभाव में है। ग्रहण के दौरान शनि अस्त रहेंगे, बुध अस्त रहेंगे चंद्रमा भी साथ रहेंगे तो चंद्रमा भी अस्त है। इसके अलावा बुध और शुक्र ग्रहण के समय वक्री भी है, जब इतने सारे ग्रहण एक साथ वक्री भी हो जाते हैं अस्त भी हो जाते हैं ग्रहण की भी स्थिति है तो निश्चित तौर पर यह दुनिया भर के लिए खतरनाक स्थिति हो सकती है। यह ऐसा इसलिए भी है क्योंकि 19 दिसंबर 2019 को एक ग्रहण लगा था सूर्य को और उस ग्रहण के दौरान छह ग्रह सूर्य ग्रहण के प्रभाव में आ गए थे। खास बात यह है कि उस समय गुरु भी ग्रहण के प्रभाव में थे, इस समय गुरु ग्रहण के प्रभाव में नहीं है गुरु थोड़े से बाहर नजर आ रहे हैं लेकिन गुरु पीड़ित हो जाएंगे। जब इस तरह के ग्रहण लगते हैं तो बहुत बड़े नेचुरल डिजास्टर की आशंका रहती है। 

शास्त्र कहता है कि ग्रहण का प्रभाव अगले कम से कम 45 दिन के लिए रहता है लेकिन कुछ जगह पर यदि हम संहिता ज्योतिष पढ़ते हैं तो यह भी कहा गया है कि ग्रहण का प्रभाव एक ग्रहण से अगले ग्रहण तक रहता है, तो ग्रहण का प्रभाव डिपेंड करता है। मीन राशि में जब ग्रहण लगेगा तो सूर्य का गोचर यहां पर हो रहा होगा। मीन राशि में 14 अप्रैल को सूर्य राशि परिवर्तन कर जाएंगे। 14 अप्रैल को सूर्य आगे निकल जाएंगे ग्रहण के प्रभाव से निकल जाएंगे। सूर्य मेष में राशि में जाकर उच्च के हो जाएंगे लेकिन बुध यहीं पर रहेंगे। बुध राहु-केतु एक्सिस में भी रहेंगे और  7 मई को राशि बदलेंगे। उसके बाद राहु गोचर करेंगे, राहु और शनि की युति टूट जाएगी। शुक्र 31 मई को राशि परिवर्तन करेंगे फिर यह मीन राशि को थोड़ी सी राहत मिलेगी। 29 मार्च से लेकर 29 मई तक यह दो महीने का समय सारी राशियों के लिए सेंसिटिव है। 

 वृष राशि पर ऐसा रहेगा सूर्य ग्रहण का असर 

वृष राशि के जातकों के लिए ग्रहण 11वें भाव में लग रहा है।  खास तौर पर जब इस तरह का ग्रहण लगता है, जब बहुत सारे ग्रह प्रभाव में आ जाते हैं तो यहां पर शुक्र राशि के स्वामी खुद ग्रहण के प्रभाव में आ गए। ये ग्रहण आपके लिए शुभ नहीं रहेगा हालांकि गोचर शुभ रहेगा। राहु का 11वें का गोचर शुभ होता है। सूर्य का 11वें का गोचर शुभ होता है। बुध 11वें में शुभ गोचर में होते हैं। चंद्रमा 11वें में शुभ गोचर में होते हैं लेकिन इसके बावजूद चूंकि 11वें में ग्रहण लग रहा है तो निश्चित तौर पर 11वें से संबंधित फल उनकी हानि हो सकती है. इस अवधि के दौरान किसी का रिलेशनशिप टूट सकता है क्योंकि यहां पर सारे ग्रह पांचवें भाव को देख रहे हैं। संतान पक्ष से खराब खबर आ सकती है। जो वृषभ राशि के जातक हैं उनके लिए संतान वाला भाव पांचवां है, उसके ऊपर सारे ग्रहों का प्रभाव होगा। यहां पर दिक्कत पंचम से भी हो सकती है. ऐसी स्थिति आ सकती है कोई ऐसा फैसला आप लें जिससे आपको बाद में जिसके लिए पछताना पड़े। कोशिश करें इन दो महीने के दौरान कोई भी फैसला लेना है आप अपना कोई सेकंड ओपिनियन लेके किसी विश्वसनीय व्यक्ति की मदद लेके ही सलाह लें। संतान पक्ष की तरफ थोड़ा सा खास तौर पर ध्यान रखना पड़ेगा। यदि आप वृषभ राशि के जातक हैं और आपका बच्चा ग्रोइंग एज का है तो वहां पर उनका खास तौर पर ध्यान रखिए।  संतान पक्ष की तरफ से 11वां भाव वृद्धि का भाव होता है, आय का भाव होता है। यहां पर धन की हानि हो सकती है यानी कि लाभ की हानि हो सकती है। यह प्रमोशन का भाव है इस अवधि के दौरान यदि आपकी प्रमोशन होने जा रही है तो वो प्रमोशन भी अटक सकती है। 

सूर्य देव के बुरे प्रभाव से बचने के लिए करें ये उपाय-

सूर्य देव को जल अर्पित करें। 

सूर्य देव से जुड़ा दान दें। 

यदि आपका लगन धनु है या मीन है तो गुरु की रेमेडी जरूर करें। 

नरेश कुमार
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