Edited By Prachi Sharma,Updated: 03 Jan, 2025 11:45 AM
आज बात करेंगे सूर्य ग्रहण की। 2025 का पहला ग्रहण 29 मार्च को लगेगा, यह ग्रहण हालांकि भारत में नजर नहीं आएगा लेकिन इसका प्रभाव बहुत ज्यादा रह सकता है पूरी दुनिया के ऊपर।
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Solar Eclipse 2025: आज बात करेंगे सूर्य ग्रहण की। 2025 का पहला ग्रहण 29 मार्च को लगेगा, यह ग्रहण हालांकि भारत में नजर नहीं आएगा लेकिन इसका प्रभाव बहुत ज्यादा रह सकता है पूरी दुनिया के ऊपर। सूर्य ग्रहण 29 मार्च सुबह 8.50 मिनट पर शुरू होगा और 10.47 पर यह पीक पर होगा और 12.43 मिनट पर यह पीक पर होगा। यह लगभग 4 घंटे का ग्रहण है। उत्तरी अमेरिका, उत्तरी एशिया में वेस्ट अफ्रीका में और बाकी जो दूसरा कॉन्टिनेंट है कनाडा में इसका प्रभाव नजर आ सकता है। भारत में इसका प्रभाव नजर नहीं आएगा लिहाजा भारत में इसका सूतक नहीं लगेगा। भारत में ग्रहण शुरू होगा दोपहर 2:20 पर 06:01 पर तक शाम तक चलेगा। चूंकि ग्रहण भारत में नहीं लग रहा है इसलिए सूतक नहीं लगेगा, मंदिरों के कपाट बंद नहीं।
ग्रहण का प्रभाव कहां-कहां रहेगा ?
ग्रहण लग रहा है मीन राशि में उत्तर भाद्रपद, पूर्व भाद्रपद नक्षत्र में यह ग्रहण लगेगा। भारत का जो नॉर्थ पार्ट है जो क्योंकि मीन राशि नॉर्थ दिशा को रिप्रेजेंट करती है। नॉर्दर्न पार्ट ऑफ इंडिया या नॉर्दर्न पार्ट ऑफ वर्ल्ड डिस्टर्ब हो सकता है। नेपाल, रेगिस्तान, फ्रांस, वेस्टर्न यूरोप डिस्टर्ब हो सकता है। यहां पर मीन राशि में पूर्व भाद्रपद नक्षत्र में जब ग्रहण लगेगा तो ग्रहण के प्रभाव में सूर्य, बुध भी रहेंगे। सूर्य का तो ग्रहण लग रहा है, बुध भी ग्रहण के प्रभाव में रहेंगे। शनि यहां पर है ग्रहण के प्रभाव में नजर नहीं आते लेकिन डिग्री के हिसाब से शनि भी ग्रहण के प्रभाव में है। 29 मार्च रात को शनि का राशि परिवर्तन हो रहा है और सूर्य जहां पर बैठे हुए हैं वो शनि को अस्त कर रहे हैं इसलिए शनि भी डिग्री के लिहाज से ग्रहण के प्रभाव में है। ग्रहण के दौरान शनि अस्त रहेंगे, बुध अस्त रहेंगे चंद्रमा भी साथ रहेंगे तो चंद्रमा भी अस्त है। इसके अलावा बुध और शुक्र ग्रहण के समय वक्री भी है, जब इतने सारे ग्रहण एक साथ वक्री भी हो जाते हैं अस्त भी हो जाते हैं ग्रहण की भी स्थिति है तो निश्चित तौर पर यह दुनिया भर के लिए खतरनाक स्थिति हो सकती है। यह ऐसा इसलिए भी है क्योंकि 19 दिसंबर 2019 को एक ग्रहण लगा था सूर्य को और उस ग्रहण के दौरान छह ग्रह सूर्य ग्रहण के प्रभाव में आ गए थे। खास बात यह है कि उस समय गुरु भी ग्रहण के प्रभाव में थे, इस समय गुरु ग्रहण के प्रभाव में नहीं है गुरु थोड़े से बाहर नजर आ रहे हैं लेकिन गुरु पीड़ित हो जाएंगे। जब इस तरह के ग्रहण लगते हैं तो बहुत बड़े नेचुरल डिजास्टर की आशंका रहती है।
शास्त्र कहता है कि ग्रहण का प्रभाव अगले कम से कम 45 दिन के लिए रहता है लेकिन कुछ जगह पर यदि हम संहिता ज्योतिष पढ़ते हैं तो यह भी कहा गया है कि ग्रहण का प्रभाव एक ग्रहण से अगले ग्रहण तक रहता है, तो ग्रहण का प्रभाव डिपेंड करता है। मीन राशि में जब ग्रहण लगेगा तो सूर्य का गोचर यहां पर हो रहा होगा। मीन राशि में 14 अप्रैल को सूर्य राशि परिवर्तन कर जाएंगे। 14 अप्रैल को सूर्य आगे निकल जाएंगे ग्रहण के प्रभाव से निकल जाएंगे। सूर्य मेष में राशि में जाकर उच्च के हो जाएंगे लेकिन बुध यहीं पर रहेंगे। बुध राहु-केतु एक्सिस में भी रहेंगे और 7 मई को राशि बदलेंगे। उसके बाद राहु गोचर करेंगे, राहु और शनि की युति टूट जाएगी। शुक्र 31 मई को राशि परिवर्तन करेंगे फिर यह मीन राशि को थोड़ी सी राहत मिलेगी। 29 मार्च से लेकर 29 मई तक यह दो महीने का समय सारी राशियों के लिए सेंसिटिव है।
कन्या राशि के जातकों के लिए ग्रहण आपके पार्टनर का भाव होता है और राशि का स्वामी बुध अस्त भी है और ग्रहण के प्रभाव में भी है। दूसरा शुक्र आपके लिए धन भाव का स्वामी और भाग्य स्थान का स्वामी वो भी ग्रहण के प्रभाव में आ गया है। राशि का स्वामी और भाग्य स्थ भी ग्रहण प्रभाव में आ गया है। पंचम भाव का स्वामी शनि पंचमेश बनते हैं। तीनों भावों के स्वामी ग्रहण के प्रभाव में बैठ के सप्तम भाव में यदि आप बिजनेस पार्टनरशिप में करते हैं तो खास तौर पर ध्यान रखें। यह पार्टनर का भाव होता है यहां से दशम होता है। बिजनेस पार्टनरशिप वालों को ध्यान ज्यादा रखना पड़ेगा। लाइफ पार्टनर की हेल्थ का खास ध्यान रखें। सारे ग्रहों की दृष्टि है वो यहां रहेगी, आपकी राशि के ऊपर रहेगी। चंद्रमा आपके लिए 11वें भाव के स्वामी है और ग्यारहवें भाव के स्वामी का भी ग्रहण में जाना आपकी आय के लिहाज से अच्छा नहीं है। यहां चीजें थोड़ी सी परेशान कर सकती हैं। बहुत सारे ऐसे जातक है कन्या राशि के जिनके ऊपर गुरु की दशा चल रही है। कुछ लोगों के ऊपर शनि शुरू हो चुके हैं तो यहां पर उन लोगों को खास तौर पर ध्यान रखने की जरूरत है जिनके ऊपर शनि आ रहे हैं। शुक्र, बुध, सूर्य, राहु, चंद्रमा यह सब एक साथ आ गए हैं तो इसका आपको थोड़ा सा नुकसान हो सकता है। दो महीने जरूर सावधानी रखनी पड़ेगी।
सूर्य देव के बुरे प्रभाव से बचने के लिए करें ये उपाय-
सूर्य देव को जल अर्पित करें।
सूर्य देव से जुड़ा दान दें।
यदि आपका लगन धनु है या मीन है तो गुरु की रेमेडी जरूर करें।
नरेश कुमार
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