Solar Eclipse 2024: संकट के 91 दिन सूर्य को ग्रहण, ये 6 राशियां रहें सावधान

Edited By Prachi Sharma,Updated: 22 Sep, 2024 01:02 PM

ज्योतिष गणना के अनुसार 2 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है। सूर्य ग्रहण हालांकि ग्रहण भारत में नहीं लग रहा लेकिन इसके बावजूद इसका

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Solar Eclipse 2024: ज्योतिष गणना के अनुसार 2 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है। सूर्य ग्रहण हालांकि ग्रहण भारत में नहीं लग रहा लेकिन इसके बावजूद इसका असर भारत में नजर आ सकता है। इसका कारण यह है कि जब 2005 में इस तरह का ग्रह आखिरी बार लगा था यह कुंडली आपके सामने 2005 के ग्रहण की है वो भी हस्ता नक्षत्र में लगा था। उस समय भी ग्रहण के प्रभाव में बुध और चंद्रमा साथ आ गए थे। उस समय ग्रहण के ऊपर शनि की दृष्टि थी यह 3 अक्टूबर 2005 का ग्रहण है। इस ग्रहण के पांच दिन बाद 8 अक्टूबर 2005 को कश्मीर में जबरदस्त अर्थक्वेक आया था। जिसका असर पाकिस्तान और भारत दोनों जगह पर देखने को मिला था। अब जो ग्रहण लग रहा है 2 अक्टूबर को बिल्कुल लगभग वैसा ही ग्रहण लग रहा है। शनि ग्रहण के समय वक्री रहेंगे। यह अकेले प्लेनेट है लेकिन ग्रहण का प्रभाव 45 दिन रहता है अगले 90 दिन इस तरह की पोजीशंस बन रही है 91 डेज के आसपास। आगे जाकर ग्रहण का असर ज्यादा नेगेटिव हो सकता है। इसके अलावा 9 अक्टूबर को गुरु वक्री हो जाएंगे। गुरु लगभग 120 दिन के लिए वक्री रहेंगे, ये फरवरी तक वक्री रहेंगे। यह पोजीशन अच्छी नहीं है शनि पहले से वक्री हैं 15 नवंबर तक वक्री रहेंगे 9 अक्टूबर को गुरु वक्री हो जाएंगे। 26 नवंबर को बुध वक्री होंगे, 6 दिसंबर को मंगल वक्री हो जाएंगे और इसी बीच मंगल जब राशि परिवर्तन करेंगे 20 अक्टूबर के आसपास। 20 अक्टूबर को जब मंगल का राशि परिवर्तन होगा तो यह शनि के साथ टाक योग बना देंगे। मंगल और शनि का ये टाक योग ज्योतिष के लिहाज से बिल्कुल अच्छा नहीं है। आपकी राशि यदि मकर है या कुंभ है तो शनि वक्री नजर आ सकता है। आपकी राशि यदि धनु है या मीन है तो गुरु वक्री है उसका असर नजर आएगा।

कन्या राशि: कन्या राशि के जातकों के लिए राशि का स्वामी भी वक्री होगा। आगे जाकर ग्रहण भी इसी राशि में लग रहा है इसलिए कन्या राशि के जातकों को थोड़ा सा ज्यादा अलर्ट रहना पड़ेगा। अपने खाने-पीने का जरूर ध्यान रखिए। गाड़ी धीमी चलाएं, इससे नुकसान हो सकता है। किसी की कंट्रोवर्सी में जाने की जरूरत नहीं है। ये ग्रहण की स्थिति है यह अच्छी स्थिति नहीं है। यह हेल्थ के लिए नुकसानदायक हो सकता है। 

कर्क राशि: कर्क राशि के जातकों के लिए यह इसलिए खराब है क्योंकि कर्क राशि के जातकों के लिए शनि पहले ही अष्टम भाव में गुजर रहे हैं। ऊपर से मंगल राशि के ऊपर आ जाएंगे। जब मंगल राशि के ऊपर आ जाएंगे ये स्थिति अच्छी नहीं है। मंगल के ऊपर शनि की दृष्टि पड़ना शुभ नहीं है। तो सडन कहीं न कोई लोस हो सकता है। अष्टम भाव आयु स्थान होता है, अष्टम भाव दुर्घटना का भाव होता है यहां पर मंगल की दृष्टि अच्छी नहीं है। किसी भी हाल में मंगल की एक दृष्टि आप के सप्तम भाव में जाएगी। यदि आप मैरिड हैं तो आपके पार्टनर के लिए दिक्कत हो सकती है। आप पहले ही शनि की ढैया से गुजर रहे हैं उसके बाद और शनि इस बीच वक्री भी हैं और मंगल की दृष्टि ऊपर से सप्तम भाव के ऊपर आ जाएगी। मंगल की दृष्टि आपके फोर्थ हाउस के ऊपर आ जाएगी। ग्रहण आपके तीसरे भाव में लगेगा इसलिए भाई के साथ कंफ्लेक्स है खासतौर पर छोटे भाई के साथ तो यहां पर थोड़ा सा ध्यान रखिए। 

कुंभ राशि: कुंभ राशि के जातकों के लिए इसलिए अच्छा नहीं है क्योंकि यहां पर कुंभ राशि के अष्टम में मंगल और छठे भाव में मंगल आएंगे। अष्टम भाव में आपके लिए ग्रहण लगा हुआ है तो। मंगल, छठे में अष्टम में ग्रहण शनि लगन में यानी कि शनि राशि के ऊपर से और शनि की ढैया का दूसरा फेस और प्रभावित हो रहा है। सप्तम भाव यदि आपकी राशि कुंभ है तो अपने पार्टनर को लेकर खास ध्यान रखिए। सेहत में दिक्कत आती है तो यह दिक्कत बढ़ सकती है। कारण क्योंकि सप्तम भाव पाप कर्तरी में आ जाएगा। अष्टम में छठे में मंगल है और सप्तममें शनि की दृष्टि सप्तम के ऊपर है। यानी कि सप्तम को प्रोटेक्शन कहीं से नहीं मिल रही है और प्रोटेक्शन न मिलने के कारण पार्टनर की हेल्थ खराब हो सकती है। अपना टेंपरामेंट कंट्रोल रखिए। यदि आप पार्टनरशिप में बिजनेस करते हैं तो यह स्थिति बिजनेस पार्टनर के साथ भी बन सकती है।

तुला राशि: तुला राशि के जातकों के लिए ग्रहण 12वें भाव में लगेगा। यहां पर थोड़ा सा ध्यान जरूर रखना पड़ेगा। अपनी हेल्थ को लेकर 12वां भाव मोक्ष स्थान होता है। 12वें भाव के ऊपर इतने सारे पाप ग्रहों का प्रभाव अच्छा नहीं है। यदि 12वां भाव इतने जबरदस्त प्रभाव में आ रहा है तो यहां पर आपको थोड़ा सा जरूर सावधान रहना चाहिए। अपने खर्चे नियंत्रण करने की कोशिश करें। किसी को पैसा उधार न दें। तुला राशि के जातकों को यहां पर थोड़ी सी सावधानी जरूर है। कार्यस्थल पर आपके खिलाफ कोई न कोई साजिश करता हुआ नजर आ जाएगा। 

मिथुन राशि: वक्री होने के साथ-साथ मिथुन राशि के जातकों के लिए ग्रहण चौथे भाव में लगेगा। इस राशि के जातकों को थोड़ा सा अपनी मदर की हेल्थ को लेकर सतर्क रहना पड़ेगा। चौथे भाव में बुध वक्री हो रहे हैं. ये पूरी 90 डेज की कैलकुलेशन है, इस दौरान आप ध्यान मा की सेहत का ध्यान रखें और कोई  भी प्रॉपर्टी सोच-समझ कर खरीदें। मंगल, गुरु, बुध और शनि के वक्री होने का प्रभाव है। यह थोड़ा सा आपको ध्यान रखना पड़ेगा। 

रेश कुमार
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