Edited By Niyati Bhandari,Updated: 03 Apr, 2023 07:15 AM
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार चैत्र मास का अंतिम और हिन्दू नववर्ष का प्रथम प्रदोष व्रत चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि यानी आज 3 अप्रैल को पड़ रहा है। सनातन धर्म में प्रदोष व्रत को बहुत ही खास और
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Som Pradosh Vrat 2023: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार चैत्र मास का अंतिम और हिन्दू नववर्ष का प्रथम प्रदोष व्रत चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि यानी आज 3 अप्रैल को पड़ रहा है। सनातन धर्म में प्रदोष व्रत को बहुत ही खास और शुभ माना जाता है। दिन के हिसाब से प्रदोष व्रत का नाम होता है जैसे की आज सोमवार है इसलिए इसे सोम प्रदोष व्रत कहते हैं। ये दिन बहुत ही महत्वपूर्ण होता है क्योंकि आज के दिन भोलेनाथ अपनी असीम कृपा भक्तों पर बरसाते हैं। तो आइए जानते हैं कौन से शुभ मुहूर्त में भोलेनाथ की पूजा करनी चाहिए।
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Som pradosh shubh muhurat सोम प्रदोष शुभ मुहूर्त: सोम प्रदोष सुबह 6:24 मिनट पर शुरू होगा और अगले दिन 4 अप्रैल को सुबह 8:00 बजकर 5 मिनट पर इसका समापन होगा। इस मुहूर्त में पूजा करने से कई ज्यादा पुण्य मिलेगा।
Som Pradosh Vrat Puja Method सोम प्रदोष व्रत पूजा विधि: सोम प्रदोष के दिन व्रत रखकर विधिपूर्वक पूजा करने से दो गायों के दान का पुण्य मिलता है।
प्रदोष व्रत के दिन सूर्यास्त से कुछ समय पहले भोलेनाथ की पूजा की जाती है इसलिए शाम के समय भोलेनाथ का पंचामृत से अभिषेक करें और 11 बेलपत्र, 11 शमी के पत्र और 108 चावल चढ़ाएं। पूजा करते समय ध्यान रखें कि आपका मुख उत्तर की तरफ हो।
Mantra jaap: पूजा के समय भगवान शिव के मंत्रों का कम से कम 21 माला जाप करें-
ओम साधो जातये नम:।। ओम वाम देवाय नम:।।
ॐ पार्वतीपतये नमः।
ओम ईशानाय नम:।।
To work the effects of Chandra Dosh चंद्र दोष के प्रभाव को कम करने के लिए: अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में चंद्र दोष हो या फिर उनका चंद्रमा कमजोर हो तो उन्हें सोम प्रदोष का व्रत रखकर इन उपायों को जरूर करना चाहिए।
आज के दिन गरीबों में में खीर वितरित करें।
शिवलिंग पर दूध का अर्घ्य देने से भी चंद्र मजबूत होता है।
आज शाम के समय महादेव की पूजा करते वक्त सफेद वस्त्र धारण करें। ऐसा करने से चंद्रमा की स्थिति मजबूत होती है।
सोमवार के दिन प्रदोष के कारण इन उपायों का दोगुना फल मिलेगा और महादेव जल्द ही खुश होकर अपने भक्तों की मनोकामना को पूर्ण करेंगे।