Edited By Jyoti,Updated: 17 Nov, 2019 04:18 PM
शादी के बाद हर दंपत्ति की ये इच्छा होती है कि उनके जो संतान हो वो सबसे सुंदर, संस्कारवान, बुद्धिमान स्वस्थ हो और बड़ा होकर समाज में उनका नाम रोशन करें।
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शादी के बाद हर दंपत्ति की ये इच्छा होती है कि उनके जो संतान हो वो सबसे सुंदर, संस्कारवान, बुद्धिमान स्वस्थ हो और बड़ा होकर समाज में उनका नाम रोशन करें। वैसे तो बच्चे का बुद्धिमान और संस्कारी होना परवरिश पर निर्भर करता है परंतु ये बात भी सच है कि प्रैगनेंसी के समय स्त्री जो भी करती है या खाती है उसका सीधा असर होने वाले शिशु पर होता है। लेकिन धार्मिक मान्यता के अनुसार, गर्भावस्था में शिशु का शारीरिक, मानसिक व आध्यात्मिक विकास कर उसे मन चाहे सांचे में ढाला जा सकता है। तो दोस्तों आज हम एक ऐसे ही मंत्र के बारे में बताने जा रहे हैं जिससे आपकी कोख में पल रहें नवजात का विकास ठीक उसी तरह से होगा जैसे आप चाहते हो।
मंत्र है-
रक्ष रक्ष गणाध्यक्षः रक्ष त्रैलोक्य नायकः।
भक्त नाभयं कर्ता त्राताभव भवार्णवात्।।
शास्त्रों के अनुसार जो गर्भवती स्त्री हर रोज़ सूर्योदय से पहले और सूर्यास्त के बाद 51 बार इस मंत्र का उच्चारण करते हुए अपने गर्भ पर हाथ रखें तो इससे गर्भ में पल रहे बच्चे पर बहुत अच्छा असर होता है और भगवान की कृपा उस पर बनी रहती है और एक संस्कारी बच्चा पैदा हो जाता है। साथ ही वो जिस भी फील्ड में जाता है, उसमें उसे तरक्की मिलती है। इसके साथ ही अगर आप गायत्री मंत्र का उच्चारण भी करना बच्चे के लिए शुभ माना जाता है।
गायत्री मंत्र-
ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्।
तो इसका आपको और आपको बच्चे को बहुत फायदा मिलता है। गायत्री मंत्र का जाप करते समय सूर्य देव का ध्यान करें और प्रभु से विनती करें कि आपकी गर्भ में जो संतान पल रही है वो जन्म लेने के बाद दिव्य, तेजस्वी, बुद्धिमान, चतुर, निरोगी, समाज की प्रिय, यशस्वी, और दीर्घजीवी हो। ज्योतिष शास्त्र में इस मंत्र का जाप आपको प्रतिदिन करना चाहिए।