Edited By Niyati Bhandari,Updated: 26 Aug, 2020 09:20 AM
शनिवार दिनांक 15.09.18 को भाद्रपद शुक्ल षष्ठी व अनुराधा नक्षत्र पर देवी जेष्ठा गौरी का आवाहन कर गणेश के समीप उनकी स्थापना भी की जाती है। शास्त्रों ने गौरी को गणेश की मां व लक्ष्मी की बड़ी बहन कहा है।
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Gauri avahan 2020: आज 26 अगस्त, बुधवार भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी पर देवी ज्येष्ठा गौरी का आवाहन कर गणेश के समीप उनकी स्थापना करने का विधान है। शास्त्रों ने गौरी को गणेश की मां व लक्ष्मी की बड़ी बहन कहा है। इसी कारण इन्हें ज्येष्ठा कहते हैं। पद्मपुराण के अनुसार समुद्र मंथन में हलाहल विष निकलने के बाद देवी ज्येष्ठा की उत्पत्ति हुई थी। लाल रंग के कपड़ों से सुसज्जित देवी के चार हाथ हैं, एक में अभय मुद्रा, दूसरे में वर मुद्रा, तीसरे में तीर व चौथे में धनुष है। इनका वाहन कौआ है। यह सदा कमल पर विराजती हैं। इनका निवास पीपल है। शास्त्रों ने इन्हें धूमावती, अलक्ष्मी व ज्येष्ठा भी कहा है। ये पाप, आलस, दुख, कुरूपता पर आधिपत्य रखती हैं।
पौराणिक मान्यतानुसार कालांतर में असुरों से पीड़ित पृथ्वी की स्त्रियों ने अपने सुहाग की रक्षा के लिए ज्येष्ठा गौरी की शरण ली। ज्येष्ठा गौरी ने असुरों का वध कर प्राणियों को सुखी किया इसलिए अखंड सुहाग के लिए स्त्रियां ज्येष्ठा गौरी का व्रत करती हैं। ज्येष्ठा गौरी के पूजन से दुख दूर होते हैं, दुर्भाग्य समाप्त होता है, दरिद्रता दूर होती है।
स्पेशल पूजन विधि: घर की उत्तर दिशा में नीला कपड़ा बिछाकर उस पर स्टील का लोटा रख कर उसमें जल, दूध, तिल, सिक्के व सुपारी डालें व लोटे पर पीपल के पत्ते रखकर उस पर नारियल रखें। ज्येष्ठा गौरी कलश की स्थापना कर विधिवत पूजन करें। सरसों के तेल का दीपक करें, लोहबान से धूप करें, सिंदूर से तिलक करें, नीले फूल चढ़ाएं व उड़द के हलवे का भोग लगाएं तथा नारियल मिश्री का फलाहार चढ़ाएं। रुद्राक्ष की माला से 108 बार यह विशेष मंत्र जपें। पूजन के बाद भोग प्रसाद स्वरूप सभी में वितरित करें।
मंत्र: ह्रीं ज्येष्टायै नमः॥
ज्येष्ठ गौरी आवाहन का शुभ मुहूर्त
बुधवार सुबह 05:56 से लेकर दोपहर 01:04 तक
आज करें ये खास उपाय
दरिद्रता से मुक्ति प्राप्त करने के लिए ज्येष्ठा गौरी पर चढ़ा नया झाड़ू चौराहे पर फैंक दें।
दुर्भाग्य से मुक्ति प्राप्त करने के लिए नींबू पर लौंग लगा कर सिर से 7 बार वारकर ज्येष्ठा गौरी पर चढ़ाएं।
अखंड सौभाग्य के लिए मुट्ठी भर सतनाजा सिर से वारकर ज्येष्ठा गौरी पर चढ़ाएं।
गुड हेल्थ के लिए ज्येष्ठा गौरी पर चढ़े काजल से मस्तक पर तिलक करें।
गुडलक के लिए ज्येष्ठा गौरी पर उड़द चढ़ाकर गरीब महिला को दान करें।
विवाद टालने के लिए ज्येष्ठा गौरी पर 6 लौंग चढ़ाकर कर्पूर से जलाएं।
नुकसान से बचने के लिए ज्येष्ठा गौरी पर नीले कनेर के फूल चढ़ाएं।
प्रोफेशनल सक्सेस के लिए ज्येष्ठा गौरी पर लौंग चढ़ाकर ऑफिस की दराज़ में रखें।
एजुकेशन में सक्सेस के लिए ज्येष्ठा गौरी पर चढ़ा तेजपत्ता टेक्स्टबुक में रखें।
बिज़नेस में सफलता के लिए ज्येष्ठा गौरी पर 11 बादाम चढ़ाकर मजदूरों में बांटे।
पारिवारिक खुशहाली के लिए शाम के समय घर में लोहबान से धूप करें।
लव लाइफ में सक्सेस के लिए काले स्केच पेन से लवर का नाम लिखकर ज्येष्ठा गौरी पर चढ़ाएं।
मैरिड लाइफ में सक्सेस के लिए पति-पत्नी शिवालय में माता गौरी की मूर्ति पर नारियल चढ़ाएं।