Edited By Prachi Sharma,Updated: 02 Jan, 2024 07:43 AM
इवैक्यूई ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड (ई.टी.पी.बी.) ने प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट (पी.एम.यू.) करतारपुर को धन जारी करना शुरू कर दिया है जो एक स्व-राजस्व उत्पन्न करने वाली संस्था है और करतारपुर कॉरिडोर
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गुरदासपुर (विनोद): इवैक्यूई ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड (ई.टी.पी.बी.) ने प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट (पी.एम.यू.) करतारपुर को धन जारी करना शुरू कर दिया है जो एक स्व-राजस्व उत्पन्न करने वाली संस्था है और करतारपुर कॉरिडोर परियोजना का प्रबंधन करती है। करतारपुर कॉरिडोर परियोजना एक वीजा मुक्त सीमापार और धार्मिक गलियारा है जो पाकिस्तान में गुरुद्वारा श्री करतार साहिब को भारत में गुरुद्वारा डेरा बाबा नानक से जोड़ता है।
सीमापार सूत्रों के अनुसार पाकिस्तान सरकार से मंजूरी के बाद ई.टी.पी.बी. ने सोमवार को प्राथमिक किस्त के रूप में 70 लाख रुपए की धनराशि प्रदान की। जनवरी से बोर्ड पी.एम.यू. करतारपुर को 13 करोड़ रुपए का मासिक भुगतान प्रदान करेगा जो करतारपुर में बनने वाली दर्शनी ड्योढ़ी व सिख रिजॉर्ट पर खर्च होगी। ई.टी.पी.बी. अपनी वित्तीय स्थिति को स्थिर करने के लिए पी.एम.यू. करतारपुर को 2 साल की अवधि में 312 करोड़ रुपए का अनुदान प्रदान करेगा।
सूत्रों के अनुसार अक्तूबर 2023 में ई.टी.पी.बी. की 353वीं बैठक दौरान पी.एम.यू. करतारपुर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने बोर्ड के अध्यक्ष और सदस्यों को इकाई के गंभीर वित्तीय नुकसान के बारे में सूचित किया। पाकिस्तान सरकार से मंजूरी मिलने के बाद ई.टी.पी.बी. के लेखा अनुभाग ने पी.एम.यू. करतारपुर को धन का वितरण आज शुरू कर दिया है। पी.एम.यू. तीर्थ यात्रियों और पर्यटकों से एकत्रित प्रवेश शुल्क के माध्यम से उत्पन्न राजस्व से अपने खर्चों को पूरा करने की कोशिश कर रहा है जो बेहद अपर्याप्त है परंतु पाकिस्तान सरकार से राशि मिलने से इसकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो सकता है।