Edited By Jyoti,Updated: 25 Dec, 2021 01:37 AM
‘श्री सीता रामचंद्रस्वामी मंदिर’ पूर्वी तेलंगाना में भद्रचलम शहर में गोदावरी नदी के तट पर स्थित है। इस मंदिर को गोदावरी के दिव्य क्षेत्रों में से एक माना जाता है। इसे दक्षिण अयोध्या के रूप में भी सम्मानित किया जाता है।
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‘श्री सीता रामचंद्रस्वामी मंदिर’ पूर्वी तेलंगाना में भद्रचलम शहर में गोदावरी नदी के तट पर स्थित है। इस मंदिर को गोदावरी के दिव्य क्षेत्रों में से एक माना जाता है। इसे दक्षिण अयोध्या के रूप में भी सम्मानित किया जाता है। यह पवित्र स्थान दुनिया भर से लाखों भक्तों को आकॢषत करता है। यह भगवान राम (श्री महाविष्णु के सातवें अवतार) का निवास है। इस मंदिर का महत्व रामायण काल से है। यह सुसंमत पहाड़ी स्थान रामायण काल के ‘दंडाकारण्य’ में मौजूद था। यह वही स्थान है जहां भगवान राम ने अपनी पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ अपना वनवास बिताया था। पर्णशाला (प्रसिद्ध स्वर्ण मृग से जुड़ा वह स्थान जहां से रावण ने माता सीता का अपहरण किया था) भी यहीं है।
मनसा देवी मंदिर
मनसा देवी उत्तराखंड के हरिद्वार में बहुत प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर देवी मनसा को समॢपत है जो बिलवा पर्वत पर स्थित है। मनसा देवी भगवान शिव और माता पार्वती की पुत्री हैं। अलग-अलग पुराणों में देवी मनसा को लेकर अलग-अलग किंवदंतियां हैं। कुछ पुराणों में बताया गया है कि इनका जन्म शिव के मस्तिष्क से हुआ तथा मनसा किसी भी विष से अधिक शक्तिशाली थीं इसलिए ब्रह्मा जी ने इनका नाम विषहरी रखा। मनसा देवी को कश्यप ऋषि और देवी कद्रू की पुत्री भी माना जाता है। आप ट्राम से पहाड़ी की चोटी पर स्थित इस मंदिर तक पहुंच सकते हैं परंतु दुर्गम पहाडिय़ों पर पैदल चल कर जाने का आनंद ही कुछ और है। मंदिर से मां गंगा और हरिद्वार के अद्भुत दर्शन भी होते हैं।
श्री मंजुनाथ मंदिर
कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिले के धर्मस्थल नगर में स्थित यह मंदिर भगवान मंजुनाथ को समॢपत है जो शिवजी का ही अन्य नाम है। यह शिव भक्तों के लिए देश के सबसे पवित्र मंदिरों में से एक है। मंदिर में भगवान शिव की मूर्ति के साथ अ मानवारू, तीर्थंकर चंद्रप्रभा, जैन धर्म रक्षक, कन्याकुमारी आदि देवी-देवताओं की प्रतिमाएं भी मौजूद हैं।