Edited By Niyati Bhandari,Updated: 25 Jan, 2024 11:30 AM
भारत सिर्फ सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक नहीं है। यह सांस्कृतिक रूप से जीवंत, धार्मिक रूप से सहिष्णु और आध्यात्मिकता को बढ़ावा देने वाली भूमि भी है। वर्तमान में भारत की शक्ति बढ़ी है, भारत की प्रतिष्ठा बढ़ी है।
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Sri Sri Ravi Shankar: भारत सिर्फ सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक नहीं है। यह सांस्कृतिक रूप से जीवंत, धार्मिक रूप से सहिष्णु और आध्यात्मिकता को बढ़ावा देने वाली भूमि भी है। वर्तमान में भारत की शक्ति बढ़ी है, भारत की प्रतिष्ठा बढ़ी है। देश में अभी भी बहुत सुधार किया जाना बाकी है लेकिन हम सही दिशा में जा रहे हैं। हमें विश्वास है कि इस देश के लोगों का भविष्य बहुत उज्जवल है।
भारत की आवाज़ हमेशा समझदार और न्यायपूर्ण रही है। यह कुछ ऐसा है जिस पर अब दुनिया ने ध्यान देना शुरू कर दिया है- हम समझदार हैं और पूरी दुनिया की भावनाओं और संवेदनाओं के प्रति बहुत संवेदनशील हैं। आज पूरी दुनिया जागृत हो रही है और देख रही है कि विश्व शांति में भारत क्या भूमिका निभा सकता है।
भारत कई संस्कृतियों और परंपराओं का मिश्रण है। हमने कई विविधताओं को अपनाया है। हम सभी परंपराओं, सभी धर्मों का सम्मान करते हैं। भारत में सभी धर्मों को स्थान मिला है और सभी का सम्मान किया जाता है।
हमारे देश के एक हिस्से में कम्युनिस्ट सरकार है। हमारे पास बहुदलीय लोकतंत्र है, जो दुनिया में कहीं नहीं है। अधिकांश सफल लोकतंत्रों में दो से तीन बड़ी पार्टियां होती हैं।
हमारे पास दुनिया की सबसे बड़ी युवा आबादी है। ऐसा लगता है कि यह हमारे इतिहास का एक नया अध्याय है, हम अपनी जड़ों की ओर वापस आ गए हैं। हमने भारत की महिमा, अपनी संस्कृति और अपनी सभ्यता को पहचान लिया है। इससे हमारे युवाओं में आत्मविश्वास पैदा होगा, आज के युवा हमारे इतिहास, दर्शन, अध्यात्म में बहुत रुचि रखते हैं। यह हमारी सॉफ्ट पॉवर है।
कुछ वर्ष पहले अमेरिका में एक साक्षात्कार में हमसे पूछा गया था कि यदि हम लोकतंत्र के बजाय तानाशाही होते तो क्या भारत आर्थिक रूप से तेजी से प्रगति करता। हम यह जानते हैं कि हम ऐसा लोकतंत्र बनना पसंद करेंगे जहां प्रत्येक व्यक्ति की आवाज सुनी जाए।
एक परिवार कब सामंजस्यपूर्ण होगा? जब प्रत्येक सदस्य को आगे के रास्ते की पूरी समझ होती है, तो जब भी उन्हें विरोध करने की आवश्यकता होती है तब वे तब विरोध करते हैं और जब उन्हें सहयोग करने की आवश्यकता होती है तब वे सहयोग करते हैं। कुल मिला-जुलाकर सभी कल्याण और प्रगति के विषय में सोचते हैं।
विपक्ष की आवाज़ बहुत महत्वपूर्ण है, यह किसी भी लोकतंत्र के लिए आवश्यक है। देश के विकास में सभी की भूमिका है। विपक्ष को सरकार की कमियां अवश्य बतानी चाहिए लेकिन सिर्फ विपक्ष में बैठने के कारण हर बात का विरोध नहीं करना चाहिए। ऐसे भी मौके आते हैं जब सभी को एक साथ आना चाहिए और उत्सव मनाना चाहिए। समाज के विभिन्न वर्गों के बीच सहयोग की भावना ही देश को तेजी से प्रगति के पथ पर ले जाएगी।
सभी को अपना नाम मतदाता सूची में अवश्य दर्ज कराना चाहिए। जिन लोगों ने पंजीकरण कराया है, उन्हें अपने मत का प्रयोग अवश्य करना चाहिए। यह आपका पवित्र कर्तव्य है। वोट करते समय अपनी जाति, समुदाय और धर्म न देखें बल्कि ऐसे व्यक्ति को वोट दें जो अच्छा हो और जो समाज की सेवा कर सके।
जब उम्मीदवार आपसे वोट मांगने आएं तो उनसे कहिये कि मैं विचार करूंगा। यदि वे पैसे की पेशकश करते हैं, तो कुछ नोटों के लिए अपने वोट न बेचें, यह अपनी आत्मा बेचने जैसा है। ‘वोट के बदले नकद नहीं’ - यही आपकी नीति होनी चाहिए।
हमारे लोग बहुत समझदार हैं, मैं उनकी सराहना करता हूं। ग्रामीण इलाकों में भी वे काफी समझदार हैं, काफी बुद्धिमान हैं। भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है, यह एक जीवंत, सांस लेता लोकतंत्र है। इसे बनाए रखना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है।