Edited By Prachi Sharma,Updated: 29 Oct, 2024 12:10 PM
यमुनोत्री से प्रकट होकर इस धरती पर आने वाली श्री यमुना जी मात्र कोई नदी नहीं हैं। शास्त्रों में वर्णित हैं कि जब स्वयं श्री राधा कृष्ण को इस धरती पर लीला के लिए प्रकट होना होता है
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Srila Bhaktivedanta Damodar Maharaj Ji: यमुनोत्री से प्रकट होकर इस धरती पर आने वाली श्री यमुना जी मात्र कोई नदी नहीं हैं। शास्त्रों में वर्णित हैं कि जब स्वयं श्री राधा कृष्ण को इस धरती पर लीला के लिए प्रकट होना होता है तो वह सबसे पहले श्री यमुना जी को ही प्रार्थना करके धरती पर भेजते हैं, जिसके तट पर ही प्रकट होता है। श्री धाम वृंदावन जिसमें भगवान श्री राधा कृष्ण अपनी दिव्य लीलाएं संपादित करते हैं। श्री राधिका जी श्री कृष्ण से स्पष्ट रूप से कह देती हैं कि जहां श्री यमुना नहीं, जहां गोवर्धन नहीं, जहां वृंदावन नहीं, वहां मैं एक पैर भी नहीं रखूंगी। शास्त्रों में श्री यमुना जी की बहुत बड़ी महिमा है। श्री यमुना सूर्य की पुत्री हैं इसलिए इन्हें कालिंदी भी कहते हैं। साधु, ऋषि, तपस्वी भक्त, ग्रन्थ तो इनकी महिमा गाते कभी थकते ही नहीं।
इनके दर्शन मात्र से ही मोक्ष मिल जाता है। यमुना जी में स्नान करने से जीव श्री राधा कृष्ण की नित्य सेवा को प्राप्त कर लेता है। शास्त्र जिनकी वंदना करते हुए कहते हैं कि सूर्य पुत्री वह यमुना, मुझे सदैव पवित्र बनाती रहें कि, जो अपने जल बिन्दु से स्पर्श करने वाले प्राणी मात्र के दुष्कर्म जनित फलको विनष्ट करने वाली हैं एवं नन्द नन्दन श्री कृष्ण की अंतरंगभक्ति अर्थात रागानुगा भक्ति की धारा को बढ़ाने वाली हैं तथा अपने तट पर निवास करने की अभिलाषा वाले व्यक्ति मात्र का कल्याण करने वाली हैं।
बड़े दुःख का विषय है ऐसी श्री यमुना जी आज प्रदूषित नदी के रूप में बह रही हैं। जिनके दर्शन से जीव का अन्तर्मन तक साफ हो जाता है, वह स्वयं इतनी दूषित कर दी गयी हैं कि उनके जल से कोई आचमन भी नहीं कर सकता। सभी साधु-संत इसी प्रयास में लगे हैं। कई आंदोलन किये गए किन्तु सरकार की तरफ से ठोस कदम नहीं उठाए गए। फिर भी श्री यमुना जी के भक्तों ने और पर्यावरण के प्रति जागरूक लोगों और संतों ने हार नहीं मानी।
इसी दिव्य उद्देश्य की पूर्ति हेतु एक कदम बढ़ाया "शरणागति-मध्व गौड़ीय मठ" के साधको ने। 27 अक्टूबर रविवार की सुबह 06 बजे ही शरणागति-मध्व गौड़ीय मठ के युवा "Clean yamuna-clean heart" की भावना से दिल्ली के ही कश्मीरी गेट के यमुना घाट पर गए। स्थिति बड़ी विचित्र थी, बहुत गन्दगी थी लेकिन युवाओं की साफ शुद्ध भावना के आगे नहीं टिकी और कश्मीरी गेट स्थित यमुना घाट को साफ किया गया।
पूरी सफाई के पश्चात शरणागति टीम के युवाओं की बस इतनी प्रार्थना है। आप जहां भी हैं जिस शहर में भी हैं, स्वयं के दोस्तों का ग्रुप तैयार करिए और स्वयं आगे आइए इस स्वछता अभियान में और अगर दिल्ली में हैं तो शरणागति के इस छोटे से किन्तु बड़े प्रयास में साथ दीजिए। यमुना हम सभी की हैं, देश हम सभी का है। सरकार करेगी इसके भरोसे बैठने से अच्छा एक कदम खुद बढ़ाते हैं। एक-एक करके बढ़ेंगे तो कुछ दिन में सब साथ चलेंगे। जब सब ध्यान देंगे तो यमुना जी के साथ-साथ अन्य नदियां भी अपनी दिव्यता को प्राप्त होंगी।
पूज्यपाद श्री भक्तिवेदांत दामोदर महाराज