Srimad Bhagavad Gita: ईमानदारी से प्रयास करने के बाद जीवन में दुःख क्यों ?

Edited By Prachi Sharma,Updated: 02 Oct, 2024 06:00 AM

srimad bhagavad gita

विचारों की भिन्नता/द्वैतवाद को पार करना, गीता में एक और अचूक निर्देश है। श्रीकृष्ण बार-बार अर्जुन को यह अवस्था प्राप्त करने की सलाह देते हैं। सामान्य प्रश्न जो मानवता को चकित करता है,

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Srimad Bhagavad Gita: विचारों की भिन्नता/द्वैतवाद को पार करना, गीता में एक और अचूक निर्देश है। श्रीकृष्ण बार-बार अर्जुन को यह अवस्था प्राप्त करने की सलाह देते हैं। सामान्य प्रश्न जो मानवता को चकित करता है, वह यह है कि जब हम आनंद प्राप्त करने के लिए ईमानदारी से प्रयास करते हैं तब भी असुखद स्थिति/पीड़ा हमारे पास कैसे आती है ? अपने भीतर गहराई से देखने की बजाय, हम यह कहकर खुद को समेट लेते हैं कि शायद हमारे प्रयास पर्याप्त नहीं हैं।

हालांकि, आशा के साथ-साथ अहंकार हमें आनंद की खोज की प्रक्रिया को फिर से शुरू करने के लिए प्रेरित करता है और यह जीवन के अंत तक चलता रहता है।

PunjabKesari Srimad Bhagavad Gita

व्यक्त दुनिया में, सब कुछ अपने ध्रुवीय विपरीत (द्वंद्व) के रूप में मौजूद है। जन्म मृत्यु के विपरीत ध्रुवीय है; सुख दुख में है, जीत हार, लाभ हानि, जोडऩा घटाना, प्रशंसा आलोचना, सशर्त प्रेम घृणा, यह सूची तो खत्म ही नहीं होती।

नियम यह है कि जब हम इनमें से किसी एक का पीछा करते हैं, तो इसका ध्रुवीय विपरीत स्वत: ही अनुसरण करता है। यदि हम छड़ी को एक सिरे से उठाते हैं, तो दूसरा सिरा उठना तय है।

एक अन्य उदाहरण झूलते हुए पैंडुलम का है। एक ओर की यात्रा करते हुए यह अपनी ध्रुवीय विपरीत दिशा में आने के लिए बाध्य होता है।

PunjabKesari Srimad Bhagavad Gita

ध्रुवीय विपरीतता के सिद्धांत के अनुसार, कोविड-19 का दर्द समय के साथ आनंद में बदल जाएगा और इतिहास बताता है कि इसी तरह की कठिन परिस्थितियों ने हमें बेहतर विज्ञान और प्रौद्योगिकी के माध्यम से आनंदित किया है।

श्रीकृष्ण हमें इन ध्रुवों को पार करने के लिए कहते हैं। वर्तमान में होना अतीत और भविष्य से परे है। इसी तरह बिना शर्त प्यार, सशर्त प्यार और नफरत को पार करना है।

हमें केवल इन ध्रुवों के बारे में जागरूकता की आवश्यकता है और जब हम उनके बीच झूल रहे हों तो उनका निरीक्षण करें। जब तक हम जीवित हैं, ध्रुवीयताओं के संपर्क में आना स्वाभाविक है और यह जागरूकता हमें उन्हें पार करने में मदद करेगी।--गीता आचरण -11

PunjabKesari Srimad Bhagavad Gita

Related Story

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!