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Stock Market Astrology: इस साल डबल स्पीड में गुरु, बाजार की भी लगेगी दौड़

Edited By Prachi Sharma,Updated: 04 Apr, 2025 12:39 PM

देव गुरु बृहस्पति इस साल 14 मई को रात को मिथुन राशि में गोचर करेंगे और इसी साल 18 अक्टूबर को कर्क राशि में आ जाएंगे, गुरु की यह चाल सामान्य नहीं है, ऐसा लंबे समय बाद हो रहा है

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Stock Market Astrology: देव गुरु बृहस्पति इस साल 14 मई को रात को मिथुन राशि में गोचर करेंगे और इसी साल 18 अक्टूबर को कर्क राशि में आ जाएंगे, गुरु की यह चाल सामान्य नहीं है, ऐसा लंबे समय बाद हो रहा है जब गुरु एक साल में दो बार राशि बदल रहे हैं। गुरु सामान्य तौर पर 12 महीने एक ही राशि में रहते हैं लेकिन इस साल गुरु का मिथुन राशि में गोचर महज 158 दिन का है। हालांकि इसके बाद गुरु एक बार फिर 5 दिसंबर को मिथुन राशि में आ जाएंगे लेकिन गुरु मिथुन राशि में  यह प्रवेश वक्री अवस्था में रहते हुए करेंगे। गुरु इस साल 11 नवंबर को वक्री होंगे और अगले साल 31 मई तक वक्री अवस्था में ही रहेंगे।

गुरु की इस चाल को अतिचारी कहा जा रहा है और इसी चाल के आधार पर बाजार में भूचाल आने की बात कही जा रही है। सबसे पहले जानेंगे आखिर गुरु अतिचारी कब होते हैं। गुरु की सामान्य चाल 5 आर्क मिनट प्रतिदिन है, आर्क मिनट वह इकाई है जिससे ग्रह की रोजाना गति को मापा जाता है, यदि गुरु इस गति से चलते हैं तो साल बाद राशि परिवर्तन करते हैं। यदि गुरु की चाल इस से ज्यादा हो जाती है तो इसे शीघ्र गति कहा जाता है। गुरु की शीघ्र गति 12.22 आर्क मिनट प्रतिदिन है और यदि गुरु 14.4 आर्क मिनट प्रतिदिन की चाल से चलते हैं तो इसे परम शीघ्र गति माना जाता है और गुरु की यही गति अतिचारी कही जाती है। इस गति से चलने पर गुरु 128 दिन में एक राशि बदलते हैं, गुरु इस गति से 147 दिन में राशि बदलेंगे। इस साल गुरु 158 दिन में राशि बदलेंगे लिहाजा इसकी रोजाना गति 11.39 आर्क मिनट होगी जो सामान्य गति 5 आर्क मिनट प्रति दिन की दोगुना से भी ज्यादा है इसीलिए इसे अतिचारी कहा जा रहा है। हालांकि तकनीकी और परिभाषा के तौर पर यह अतिचारी नहीं है लेकिन गुरु की इतनी तेज गति भी बाजार पर असामान्य प्रभाव डाल सकती है। अब सवाल है कि क्या यह प्रभाव नेगेटिव ही होगा, पिछले रेफरेंस देखेंगे तो लगता है कि बाजार इस अवधि में नई ऊंचाई पर होना चाहिए क्योंकि इस से पहले गुरु ने 1999 और 1988 में दो बार इतनी तेज गति से राशि बदली है,आइए देखते हैं उस दौरान गुरु ने बाजार को कैसे प्रभावित किया था। 

1999 में 13 जनवरी को गुरु ने मीन राशि में प्रवेश किया था और 26 मई 1999 में मेष राशि में आ गए थे। गुरु लगभग 134 दिन ही मीन राशि में रहे थे। अब इस दौरान सेंसेक्स की चाल देखिए। सेंसेक्स 134 दिन में 18 फीसदी से ज्यादा बढ़ा था। 13 जनवरी 1999 को सेंसेक्स 3310 अंक पर था और इसने इसी दौरान 20 मई को 4197 का हाई बनाया था हालांकि 26 मई को सेंसेक्स 3973 पर बंद हुआ था।  

इससे पहले 1988 गुरु अतिचारी गति से चले थे। गुरु ने 3 फरवरी 1988 को मेष राशि में प्रवेश किया था और 19 जून 1988 को वृषभ राशि में आ गए थे। यह कुल पीरियड करीब 136 दिन का था और इन 136 दिनों में सेंसेक्स ने 34 फीसदी का रिटर्न दिया था। 3 फरवरी को सेंसेक्स 436 अंक पर था और इसने 8 जून को 628 का हाई बनाया था। 17 जून 1988 को सेंसेक्स 594 अंक पर था और 136 दिन में सेंसेक्स का रिटर्न 34 फीसदी था।  

गुरु की पिछले 37 साल में दो बार की अतिचारी गति और इसके बाजार पर प्रभाव को आपने देखा। यह तमाम जानकारी पब्लिक डोमेन पर मौजूद है और आप इसे क्रॉस चेक कर सकते हैं। ज्योतिष एक रिसर्च का विषय है और आप रिसर्च के सहारे ही आने वाले समय में होने वाली घटनाओं के बारे में संकेत हासिल कर सकते हैं। 

नरेश कुमार
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