Edited By Jyoti,Updated: 03 Dec, 2021 02:57 PM
![story behind hair donation in tirupati temple](https://img.punjabkesari.in/multimedia/914/0/0X0/0/static.punjabkesari.in/2021_12image_14_57_153623573image36-ll.jpg)
तिरुपति मंदिर न केवल देश भर में प्रसिद्ध बल्कि विदेशों में भी ये मंदिर बेहद प्रसिद्ध है। इसका कारण है इस मंदिर से जुड़ी ये बात कि इसे देश का सबसे अमीर मंदिर कहा जाता है। तो वहीं
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तिरुपति मंदिर न केवल देश भर में प्रसिद्ध बल्कि विदेशों में भी ये मंदिर बेहद प्रसिद्ध है। इसका कारण है इस मंदिर से जुड़ी ये बात कि इसे देश का सबसे अमीर मंदिर कहा जाता है। तो वहीं इससे संबंधित एक और मान्यता है जो इसे देश भर के अन्य मंदिरों से खास बनाती है। दरअसल देश के सबसे अमीर यानि तिरुपति मंदिर में प्राचीन समय बाल दान करने की परंपरा है। परंतु इस परंपरा से जुड़ी क्या धार्मिक कथा या कहानी है इस बारे में कम ही लोगों को जानकारी है। आज इस आर्टिकल में हम आपको इसी परंपरा से जुड़ी पौराणिक कथा। तो आइए बिल्कुल देर न करते हुए जानते हैं इस पौराणिक कथा के बारे में जो धन के देवता कुबेर देव से जुड़ी हुई है।
बताया जाता है कि यहां भक्ति जितनी कीमत के बाल दान करते हैं भगवान उससे 10 गुना ज्यादा कीमत आपको धन के रूप में लौटाते हैं। तो वहीं ये भी कहा जाता जो भी व्यक्ति यहां आकर अपने बालों का दान करता है, उसक पर ताउम्र देवी लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है। बता दें इस प्रसिद्ध मंदिर में केवल पुरुष ही नहीं महिलाएं भी अपनी मनन्त पूरी होने पर अपने बालों का दान करती हैं।
यहा जानें इस मान्यता से जुड़े पौराणिक कथा-
प्राचीन काल में एक समय की बाता है कि एक बार बाला जी विग्रह पर चीटियों का पहाड़ बन गया। तब वहां एक गाय आया करती थी, जो चीटियों के पहाड़ पर दूध देकर जाती थी। जब उसके मालिक को इस बात का पता चला तो उसे अपनी गाय को बेहद गुस्सा आया और उसने एक दिन एक कुल्हाड़ी से गाय के सिर पर वार कर दिया। इस वार से बाला जी की घाठ हो गया और उनके बहुत से बाल गिर गए।
तब वहां मां नीला देवी ने अपने बाल काटकर बाला जी के घाव पर रख दिए। कथाओं के अनुसार जैसे ही नीला देवी ने घाव पर बाल रखे उनका घाव ङर गया। इससे प्रसन्न होकर नारायण ने कहा कि बाल शरीर की सुंदरता का सबसे प्रमुख हिस्सा होता है और देवी आपने मेरे लिए उसका ही त्याग कर दिया। इसलिए अब से जो व्यक्ति मेरे लिए अपने बालों का त्याग करेगा, मैं उसकी हर इच्छा पूर्ण करूंगा। ऐसा कहा जाता है इसे घटना के बाद बालाजी के मंदिर में केश दान करने की मान्यता प्रारंभ हुई। इस मान्यता से जुड़ी अन्य किंवदंतियों की मानें तो इस दान के द्वारा भगवान वेंकटेेश्वर कुबेर जी से लिए गए अपने ऋष को चुकाते हैं।
लोक मान्यता है कि जो व्यक्ति अपने जीवन की बुराईयों आदि के छोड़कर इस मंदिर में आकर अपने केशों का त्याग करता है, देवी लक्ष्मी उसके जीवन में से समस्त प्रकार के दुखों को दूर कर देती हैं बता दें इस मंदिर में इस कार्य को करने से लगभग 6000 नाइयों को नियुक्त किया गया है।