Edited By Niyati Bhandari,Updated: 08 Aug, 2024 06:59 AM
जब सूर्य अथवा चन्द्र ग्रहण लगता है तो लोगों को ग्रहण न देखने की अपील की जाती है, परंतु खगोलशास्त्री सभी विपरीत परिस्थितियों एवं सीमित साधनों के बावजूद प्रत्येक ग्रहण को देखने एवं इसका अध्ययन
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Eclipse Legends Around the World: जब सूर्य अथवा चन्द्र ग्रहण लगता है तो लोगों को ग्रहण न देखने की अपील की जाती है, परंतु खगोलशास्त्री सभी विपरीत परिस्थितियों एवं सीमित साधनों के बावजूद प्रत्येक ग्रहण को देखने एवं इसका अध्ययन करने को प्रयासरत रहते हैं। आज भी इन ग्रहणों के बारे में अनेक प्रकार की कहानियां/किंवदंतियां प्रचलित हैं जो इस प्रकार हैं :
Eclipse Stories/Legends ग्रहण संबंधी कहानियां/ किंवदंतियां
हमारे देश के प्राचीनतम ग्रंथ ऋग्वेद में कहा गया है कि स्वरभानु नामक राक्षस सूर्य को निगल कर धरती को अंधकारमय कर देता है। ‘सूर्य’ को इस संकट से छुड़ाने के लिए देवताओं द्वारा ऋषियों आदि को बुलाया जाता है तथा वे कुछ श्लोकों का जाप कर सूर्य को स्वरभानु से मुक्त करा देते हैं। इस प्रकार ऋग्देव में वर्णित सूर्य के बदलते रूप का वर्णन आज के ग्रहण मुक्त होते सूर्य से बहुत मिलता-जुलता है।
इसी प्रकार ‘रामायण’ में भी सूर्यग्रहण का उल्लेख भगवान श्री राम एवं पूवर नामक राक्षस के बीच हुए घनघोर युद्ध के वृतांत में मिलता है। ‘महाभारत’ में भी सूर्यग्रहण का उल्लेख जयद्रथ वध के दिन मिलता है जबकि कुछ लोग इसे काल्पनिक मानते हैं।
भारतीयों में प्रचलित एक मान्यता के अनुसार ग्रहण के समय ‘राहू’ एवं ‘केतु’ नामक दो राक्षस सूर्य एवं चंद्रमा को ग्रस लेते हैं।
Story of Columbus कोलंबस की कहानी
एक किंवदंती के अनुसार, कोलम्बस भारत की खोज में भटकता हुआ पश्चिमी द्वीप पर पहुंचा तो उसका सारा राशन समाप्त हो चुका था तथा वहां के निवासियों ने उन्हें खाना देने से मना कर दिया। कोलम्बस को ग्रहण की जानकारी थी तथा उस दिन भाग्यवश चंद्रग्रहण था, अत: उसने उन लोगों को धमकी दी कि यदि उन्होंने खाना नहीं दिया तो वह उन्हें आज (उस दिन अर्थात 1 मार्च, 1504 ई. को) को चंद्रमा के प्रकाश से वंचित कर देगा। पूर्व में लोगों ने उस पर विश्वास नहीं किया, परंतु जब रात्रि में चंद्रग्रहण शुरू हुआ तो लोग भयभीत होकर उसके पैरों पर गिर पड़े तथा इस प्रकार उसने अपनी एवं अपने साथियों की प्राण रक्षा की।
Chinese legends चीनी किंवदंतियां : चीनी लोगों का मानना था कि ग्रहण राक्षस द्वारा सूर्य अथवा चंद्रमा को निगलने के प्रयास के कारण ही होता है। चीन के प्रसिद्ध प्राचीन ऐतिहासिक ग्रंथ ‘शू चिंग’ के अनुसार चीन के सम्राट याओ द्वारा ‘सी’ एवं ‘हो’ नामक खगोल वैज्ञानिकों को सूर्यग्रहण की सही भविष्यवाणी करने एवं ग्रहण न लगने देने की जिम्मेदारी सौंप रखी थी तथा ऐसा न कर पाने पर उन्हें मृत्युदंड दे दिया गया। चीन के अन्य ग्रंथों ‘चनु नियु’, ‘सी चुआन’ एवं ‘शिव विंग’ में भी ग्रहणों का उल्लेख मिलता है।
Foreign stories विदेशी कहानियां : इसी प्रकार ‘सोलोमन की खदानें (सर हैनरी राइडर टैगार्ड द्वारा 1885 में लिखित) कहानी में अफ्रीका में एक दल को कबीले वालों द्वारा पकड़े जाने पर वे एक युवती ‘फाल्टा’ की जान यह कह कर बचाते हैं कि वे चंद्रमा को अंधकार में कर सकते हैं। इस उपन्यास पर कई फिल्में भी बनी हैं। ऐसी ही कहानियां ‘आर्थर के राज्य में एक अमरीकी’ (मार्क ट्वेन द्वारा लिखित) एवं ‘सूरज के कैदी’ (फ्रांसीसी कहानी) में वर्णित हैं।
Scientific fact वैज्ञानिक तथ्य : जब किसी वस्तु पर कुछ दूरी पर स्थित प्रकाश स्रोत से प्रकाश पड़ता है तथा इस स्रोत के मध्य यदि कोई अन्य वस्तु आ जाती है तो उसकी प्रच्छाया प्रकाशमान वस्तु पर पड़ती है। यदि प्रकाश स्रोत विस्तृत हो तो छाया के तीन अलग-अलग क्षेत्र दिखाई देंगे जिन्हें पूर्णत: प्रच्छाया आंशिक प्रच्छाया एवं वलयकार प्रच्छाया कहते हैं।
इसी प्रकार ग्रहण एक प्राकृतिक घटना है जिसमें सूर्य, चंद्रमा एवं पृथ्वी तीनों ग्रह एक ही सीधी रेखा में आ जाते हैं। यदि चंद्रमा तथा पृथ्वी की कक्षा एक ही तल पर होती तो प्रत्येक अमावस्या एवं पूर्णिमा को सूर्य एवं चंद्र ग्रहण लगा करते परंतु चंद्रमा एवं पृथ्वी के कक्ष तल एक-दूसरे से 5 डिग्री का कोण बनाते हैं अत: नियमित रूप से ग्रहण नहीं लगते।