Edited By Niyati Bhandari,Updated: 26 May, 2021 09:08 AM
आज वैशाख पूर्णिमा पर पहला चंद्रग्रहण, सायंकाल पश्चिम बंगाल, अरुणाचल, नगालैंड, असम, त्रिपुरा, मेघालय में बहुत कम समय के लिए दिखाई देगा। भारत के शेष भागों में यह नहीं दिखेगा।
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Lunar Eclipse Blood Moon 2021- आज वैशाख पूर्णिमा पर पहला चंद्रग्रहण, सायंकाल पश्चिम बंगाल, अरुणाचल, नगालैंड, असम, त्रिपुरा, मेघालय में बहुत कम समय के लिए दिखाई देगा। भारत के शेष भागों में यह नहीं दिखेगा। भारत के अलावा यह ग्रहण जापान, इंडोनेशिया, बंगलादेश, सिंगापुर, म्यांमार, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिणी अमरीका, प्रशांत व हिन्द महासागर में भी दिखेगा।
ज्योतिषीय दृष्टि से यह ग्रहण अनुराधा / ज्येष्ठा नक्षत्र तथा वृश्चिक राशि में लग रहा है। अत: वृश्चिक राशि वालों को अधिक सचेत रहना चाहिए।
चंद्रग्रहण का सूतक : इस ग्रहण का सूतक 26 मई, 2021 की सुबह 6 बज कर 15 मिनट से आरम्भ हो जाएगा परंतु जहां-जहां यह ग्रहण दिखेगा वहीं यह मान्य होगा क्योंकि यह ग्रहण भारत के उत्तर-पश्चिम, पंजाब, राजस्थान, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश जैसे क्षेत्रों में नहीं दिखेगा अत: वहां सूतक नहीं लगेगा।
चंद्रमा पर आंशिक ग्रहण दोपहर में करीब सवा 3 बजे शुरू होगा और शाम तक रहेगा। पूर्व में 26 मई की शाम आसमान पर पूर्ण चंद्रग्रहण के ठीक बाद एक दुर्लभ विशाल व सुर्ख चंद्रमा यानी ‘सुपर ब्लड मून’ नजर आएगा।
ग्रहण आरंभ : अपराह्न 3.15
खग्रास आरंभ : अपराह्न 4.40
ग्रहण मध्य : अपराह्न 4:49
ग्रहण समाप्त : अपराह्न 4:58
ग्रहण समाप्त : शाम 6:23
विज्ञान इसे खगोलीय घटना मानता है परंतु ज्योतिष शास्त्र इस तथ्य से कब मना करता है?
खगोल विज्ञान ग्रहण का विभिन्न लोगों पर प्रभाव नहीं बता सकता जबकि वैदिक शास्त्र सदियों से बताता आ रहा है। चंद्र का संबंध जल से है तो ज्योतिष यह भी बताता है कि ‘फुल मून’ या ‘ब्लू मून’ या चंद्र ग्रहण पर सुनामी या आज वर्तमान में तौकते नामक चक्रवात की तरह ऐसे समुद्री तूफान या भूकम्प या प्राकृतिक आपदाएं कब और क्यों आएंगी। ग्रहणों पर भविष्यवाणियों का आधार मेदनीय ज्योतिष होता है। व्यक्तिगत तौर पर आपके जन्मांग, दशा आदि का भी ध्यान रखना होगा।