Edited By Sarita Thapa,Updated: 27 Mar, 2025 03:06 PM

Superstitions: घर से निकलते ही किसी के पूछ लेने से कि कहां जा रहे हो, अक्सर हम सब चिड़ जाते हैं और अपने घर के बड़ों या फिर आदरणीय सदस्यों के आगे भले ही कुछ न कह पाते हों, लेकिन खिन्नता के भाव अवश्य हमारे चेहरे पर स्पष्ट नजर आते हैं।
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Superstitions : घर से निकलते ही किसी के पूछ लेने से कि कहां जा रहे हो, अक्सर हम सब चिड़ जाते हैं और अपने घर के बड़ों या फिर आदरणीय सदस्यों के आगे भले ही कुछ न कह पाते हों, लेकिन खिन्नता के भाव अवश्य हमारे चेहरे पर स्पष्ट नजर आते हैं। अक्सर घरों से ये बातें बहुत बार सुनने को मिली हैं। घर से निकलते ही कोई टोक दे या पूछ ले तो अच्छा शगुन नहीं माना जाता। बिल्ली रास्ता काट दे तो बुरा मानते हैं। विधवा स्त्री का रास्ते में घर से निकलते हुए मिलना, खाली घड़ा या बर्तन लिए हुए रास्ते में मिलना आदि बहुत सारे विश्वास-अंधविश्वास या फिर घर-परिवार में बताई गई कई बातें हमारे जहन में घूमती हैं और अनेक बार हम यह सब सोचने पर मजबूर भी हो जाते हैं कि कहीं न कहीं यह सच होता है।
इन सब बातों से कुछ हट कर चलें तो ऐसी कई बातों पर हम विश्वास भी करते हैं। घर से निकलते ही पानी से भरा घड़ा लिए हुए कोई मिल जाए तो समझें कि हम जिस भी कार्य को लेकर चले हैं, वह अवश्य ही पूर्ण होगा। मेहतर या मेहतरानी का मिलना आदि भी शुभ संकेत माने जाते हैं। हां, सांप के रास्ता काटने को लेकर लोगों में अलग-अलग विचारधाराएं सुनने को मिलती हैं।
इन सभी पर अगर हम जरा गौर करें और देखें तो ऐसा लगता है कि हम घरों से निकल ही नहीं सकते क्योंकि हमारे घरों में ही यह सब अक्सर देखने को मिलता है। हमारे अपने लाखों में ही नहीं बल्कि करोड़ों घरों में युवा बहनें, भाभियां अधेड़ और हमारी विधवा माताएं, दादी, नानियां ही मिल जाएंगी, जिनसे बगैर मिले हम अपने घरों से बाहर कभी निकलते ही नहीं। अब घरों से बाहर निकलते ही किसी का यह पूछ लिया जाना कि कहा जा रहे हो, अटपटा जरूर लगता होगा, लेकिन अब यही पूछे जाने से हमारा कोई काम न बन पाए या पूरा न हो पाए तो इसमें उस पूछने वाले का क्या दोष। कई बार तो हमें बहुत अच्छे से जानने वाले अपने लोग ही ऐसा पूछ लेते हैं। रास्ते में किसी सफाई करने वाले मित्र के मिलने से कभी भी यह सिद्ध नहीं हो सकता कि हमारा किए जाने वाला काम अवश्य ही पूरा हुआ हो या फिर पानी का भरा घड़ा मिलने से भी हमारा कार्य पूर्ण हो गया हो।

प्राय: हम अपनी गलतियों को दरकिनार करने की कोशिश में अपना दोष दूसरों पर डालने की फिराक में रहते हैं, बल्कि हम सब करते भी लगभग ऐसा ही हैं। समाज में हमने कुछ ऐसी ही धारणाएं परोस रखी हैं। हमें इन बेमतलब की बातों को अपनी जिंदगी से हमेशा दूर रखने की जरूरत है। हां, यह बात अवश्य है कि घर से निकलते हुए अपने घर के किसी भी सदस्य को यह बताना हमेशा जरूरी समझें कि हम कहां जा रहे हैं, किस काम के लिए जा रहे हैं वगैरह-वगैरह।
यह बात भी सामने आती है कि हम कई अनुचित बातें करते हुए घर के लोगों को इन सब बातों से दूर या अनजान बनाए रखने में अपनी भलाई समझते हैं। समझा जा सकता है कि कभी-कभी तो यह सही हो सकता है लेकिन हर बार नहीं। अक्सर अपने घर के बड़े या छोटे सदस्यों से छुपाई गई बातों से हम कानून की लपेट में आ जाते हैं, जिससे हमारा ही नहीं, बल्कि कई बार हमारे घर के लोगों का बचना भी मुश्किल ही नहीं बल्कि नामुमकिन हो जाता है। एक बात तो हम सभी बहुत अच्छे से समझते हैं, जानते हैं कि हमारे द्वारा किए गए कार्यों के ही हमें परिणाम भी मिलते हैं। हमेशा अपने जीवन में अच्छी, सकारात्मक सोच रखें, ताकि हम और हमारा समाज हमारे आसपास पलने और बढऩे वाले झूठे आडम्बरों, दकियानूसी विचारों और खोखला करते अंधविश्वासों से बच सकें, दूर रह सकें।
