Edited By Jyoti,Updated: 21 Oct, 2022 07:30 PM
इस साल दिवाली से ठीक एक दिन बाद यानि 25 अक्टूबर, 2022 दिन मंगलवार को साल का अंतिम सूर्य ग्रहण पड़ रहा है। बता दें सूर्य ग्रहण हो या चंद्र ग्रहण दोनों का मानव जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ रहा है।
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इस साल दिवाली से ठीक एक दिन बाद यानि 25 अक्टूबर, 2022 दिन मंगलवार को साल का अंतिम सूर्य ग्रहण पड़ रहा है। बता दें सूर्य ग्रहण हो या चंद्र ग्रहण दोनों का मानव जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ रहा है। ज्योतिष शास्त्रियों के मानें तो इस दौरान कुछ कास नियमों का पालन करना आवश्यक होता है। जो व्यक्ति इस दौरान बताई गई सावधानियां का ध्यान नहीं रखता उसे ग्रहण के दुष्रभावों का सामना करना पड़ता है। तो चलिए आज जानते हैं कि इस सूर्य ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को किन बातों का ध्यान रखना चाहिए। कहा जाता है इस दौरान गर्भवती महिलाओं का कोई भी गलत कदम शिशु पर बुरा प्रभाव डाल सकता है।
यहां जानते हैं सूर्य ग्रहण के समय गर्भवती महिलाओं को क्या करना चाहिए और क्या नहीं-
ज्योतिषीय और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ग्रहण काल में प्रेगनेंट महिलाओं को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए। क्योंकि इस समय ग्रहण की किरणें हानिकारक होती है, जिसका सीधा असर शिशु पर पड़ सकता है, और ये शिशु के लिए नुकसानदेह मानी जाती है।
आपको बता दें, ग्रहण का सूतक काल लगने से पहले ही पीने के पानी में तुलसी के पत्ते डाल देने चाहिए। इस पानी को आप ग्रहण के बाद या ग्रहण के दौरान पी सकते हैं। क्योंकि तुलसी के पत्तों के कारण पानी दुषित नहीं हो पाता है। वैसे तो ग्रहण के दौरान पानी पीने से बचना चाहिए लेकिन अगर पीना ही पड़े तो तुलसी के पत्ते डालकर रखा हुआ पानी ही पिएं या फिर इस बीच नारियल पानी पिया जा सकता है।
ग्रहण काल को साधना का काल माना जाता है। इस दौरान अपने ईष्ट देवता की मानसिक साधना करनी चाहिए। गर्भवती महिलाएं इस दौरान गायत्री मंत्र, महामृत्युंजय मंत्र, सूर्य मंत्र, विष्णु मंत्र या फिर सुंदरकांड का पाठ ज़रूर करें। ये बहुत ही लाभदायक माना जाता है। इसके अलावा आपको बता दें, ग्रहण काल में बिना देव मूर्ति स्पर्श किए जप करना चाहिए।
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आपकी जानकारी के लिए बता दें जो गर्भवती महिलाएं है वो ग्रहण के दौरान घर में कहीं भी ताला न लगाकर रखें। इससे शिशु के अंगों पर असर पड़ता है।
ग्रहण के दैरान भोजन करना भी वर्जित माना जाता है लेकिन घर में किसी को बहुत भूख लगी हो तो ईश्वर को प्रणाम कर सेवन कर सकते हैं लेकिन ध्यान रखें भोजन में तुलसी या फिर कुश डला हो।
ग्रहण के दौरान सोने की भी मनाही होती है लेकिन बिमारी और प्रेग्नेंसी के दौरान यदि जागना संभव न हो तो ईश्वर का ध्यान कर आप सो सकती हैं।
ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाएं चाकू, कैंची और सुई का प्रयोग न करें। तो वहीं इस दौरान ग्रहण के दौरान पति-पत्नी को नहीं मिलना चाहिए।
आपको बता दें, प्रेगनेंट महिलाओं और आम लोगों को भी नंगी आंखों से ग्रहण को देखने के लिए मना किया जाता है। माना जाता है कि नंगी आंखों से ग्रहण को देखने पर आंखों की रोशनी प्रभावित हो सकती है।
ग्रहण के समाप्त होते ही दुष्प्रभाव से बचने के लिए प्रेगनेंट महिलाओं को स्नान करना चाहिए।