Edited By Niyati Bhandari,Updated: 27 Mar, 2025 11:21 AM

Surya grahan and shani amavasaya 2025: आमतौर पर लोग ग्रहण को मात्र एक खगोलीय घटना ही मानते हैं और इसमें किसी भी प्रकार की सावधानी बरतने को अंधविश्वास या दकियानूसी करार देते हैं। यह उनकी मान्यता हो सकती है परंतु वैज्ञानिक दृष्टि से भी ग्रहण के समय...
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Surya grahan and shani amavasaya 2025: आमतौर पर लोग ग्रहण को मात्र एक खगोलीय घटना ही मानते हैं और इसमें किसी भी प्रकार की सावधानी बरतने को अंधविश्वास या दकियानूसी करार देते हैं। यह उनकी मान्यता हो सकती है परंतु वैज्ञानिक दृष्टि से भी ग्रहण के समय रेडिएशन के कारण आंखों, रक्त संचार, रक्त चाप और खाद्य पदार्थों पर हानिकारक प्रभाव पड़ता है। जब ग्रहण का सूतक लगता है तो उस दौरान कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। आइए जानें ग्रहण पर क्या करना चाहिए, जिससे जीवन में मंगल हो सके और ग्रहण का अमंगलमय प्रभाव कभी पास भी न फटके-

Worship of Lord Vishnu भगवान विष्णु की पूजा: सूर्य ग्रहण के दिन श्री हरि विष्णु की पूजा शुभ फल प्रदान करता है। उनकी कृपा पाने का उत्तम माध्यम है विष्णु गायत्री मंत्र और महामंत्र का जाप। इसके जाप से यश, प्रतिष्ठा व उन्नति में वृद्धि होती है। सभी कार्यों में सफलता मिलती है, दुखों व परेशानियों का जीवन में कोई स्थान नहीं रहता। पीले वस्त्र पहन कर सर्वप्रथम धूप व दीप जलाएं, पीले आसन पर बैठें, तुलसी की माला से इस मंत्र का जाप करें-
ऊं नारायणाय विद्महे।
वासुदेवाय धीमहि।
तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।।

सूर्य ग्रहण पर सूर्य पूजा: सूर्य का शब्दार्थ है सर्व प्रेरक। सूर्य ही संपूर्ण जगत की अंतरात्मा हैं। शास्त्रों में सूर्य को संसार की रूह कहा गया है। समस्त संसार को सूर्य नारायण ही रोशन करते हैं । सूर्य के प्रकाश से ही जीवन को गति प्राप्त होती है। सूर्य ब्रह्मण्ड की क्रेन्द्र शक्ति है और सम्पूर्ण जगत का गतिदाता है। नवग्रहों में सर्वप्रथम सूर्य को ही महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है, सूर्य की किरणें सभी रोगों को नष्ट करने वाली, बल तथा उत्साह को बढ़ाने वाली हैं। सूर्य ग्रहण के समय इस मंत्र का जाप करें-

Surya Mantra सूर्य मंत्र- ‘उदसौ सूर्यो अगादुदिदं मामकं वच:।
यथाहं शत्रुहोऽसान्यसपत्न: सपत्नहा।।
सपत्नक्षयणो वृषाभिराष्ट्रो विष सहि:।
यथाहभेषां वीराणां विराजानि जनस्य च।।’
सूर्य देव के इन मंत्रों का जाप करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। ग्रहण से संबंधित किसी भी तरह की नेगेटिविटी का प्रभाव नहीं पड़ता।
Surya Mantra सूर्य मंत्र- ‘ॐ ह्रां ह्रीं हौं स: सूर्याय नम:
ऊँ घृणिः सूर्याय नमः

Shani Puja on Shani Amavasya शनि अमावस्या पर शनि पूजा: घर की पश्चिम दिशा में काले वस्त्र पर शनिदेव का चित्र स्थापित कर विधिवत पूजा करें, सरसों के तेल का दीप करें, लोहबान से धूप करें, नीले फूल, बिल्व पत्र, पीपल के पत्ते चढ़ाएं। काजल चढ़ाएं। तिल चढ़ाएं। उड़द की खिचड़ी का भोग लगाएं व 1 माला इस विशिष्ट मंत्र का जाप करें। इसके बाद भोग काली गाय को दें।
Shani Puja Mantra शनि पूजा मंत्र: शं शनैश्चराय कर्मकृते नमः॥

Do this work on the day of Solar Eclipse and Shani Amavasya सूर्य ग्रहण और शनि अमावस्या के दिन करें ये काम, जीवन में होगा मंगल ही मंगल
पवित्र नदी में स्नान करने के बाद गरीबों और जरूरतमंदों को दान करें।
ग्रहण की समाप्ति पर सारे घर में गंगा जल का छिड़काव करें और स्नान भी करें।
शाम के समय पीपल के पेड़ की 7 परिक्रमा करने के बाद सरसों के तेल का दीपक जलाएं।
शनि देव को सरसों का तेल और काले तिल व उड़द की दाल अर्पित करें।
घर में जितनी भी खाने-पीने की चीज़े हैं, उनमें कुश या दूब डाल कर रखनी चाहिए। संक्रमण से बचने के लिए तुलसी का प्रयोग भी कर सकते हैं।
सूर्य ग्रहण के बाद भगवान श्री हरि विष्णु को केसरिया भात, खीर अथवा दूध से बने पकवानों का भोग अर्पित करें। हर तरह के संकटों से छुटकारा दिलाने में ये उपाय मददगार साबित होगा।
