Edited By Lata,Updated: 24 Nov, 2019 04:08 PM
सूर्य मंत्र: हिंदू धर्म ग्रथों और वेदों में सूर्यदेव को जगत की आत्मा माना जाता है। कहते हैं कि सूर्य से ही इस पृथ्वी पर जीवन है
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
हिंदू धर्म ग्रथों और वेदों में सूर्यदेव को जगत की आत्मा माना जाता है। कहते हैं कि सूर्य से ही इस पृथ्वी पर जीवन है और यह आज का सत्य है। ऋग्वेद के देवताओं में सूर्य का महत्वपूर्ण स्थान बताया गया है, इसलिए इन्हें एक देव माना गया है। यदि सूर्य देव की पूरी श्रद्धा से पूजा की जाए तो ये अपने शुभ प्रभाव से व्यक्ति के जीवन को रोशन कर देते हैं, वहीं अगर इनका बुरा प्रभाव किसी के जीवन को प्रभावित कर दे तो उसके जीवन की नैय्या डूबने लगती है। लेकिन इससे बचने के लिए शास्त्रों में सूर्य मंत्र स्तुति के बारे में बताया गया है जिनका नियमित उच्चारण करने से व्यक्ति की मुश्किलें आसानी से हल हो सकती हैं।
सूर्य मंत्र
मनोकामना पूर्ति के लिए सूर्य मंत्र
ऊं हृां हृीं सः।।
अपनी सभी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए सूर्य देव के इस मंत्र का जाप करना चाहिए।
संतान प्राप्ति सूर्य देव मंत्र
ऊं भास्कराय पुत्रं देहि महातेजसे।
धीमहि तन्नः सूर्य प्रचोदयात्।।
किसी भी दंपति के जूवन में संतान प्राप्ति बहुत जरूरी होती है। इसके लिए दंपति को नियमित संतान प्राप्ति के लिए या पुत्र प्राप्ति के लिए सूर्य देव के इन मंत्रों का जाप करना चाहिए।
व्यापार में वृद्धि के लिए सूर्य भगवान का मंत्र
ऊं घृणिः सूर्य आदिव्योम।।
यदि आपको लगातार व्यापार में व्यापार में नुक्सान का सामना करना पड़ रहा है तो कारोबार में वृद्धि के लिए रोजाना सूर्य देव के इस मंत्र का जाप करें।
सूर्य प्रणाम मंत्र, ग्रहों के लिए
ऊँ हृीं श्रीं आं ग्रहधिराजाय आदित्याय नमः।।
यदि किसी व्यक्ति पर किसी ग्रह का बुरा असर पड़ जाए या अनिष्ट ग्रहों की दशा के निवारण करना हो तो सूर्य देव के इस मंत्र का जाप करना चाहिए।