Edited By Niyati Bhandari,Updated: 16 Sep, 2023 07:08 AM
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सूर्य देव को नवग्रहों का राजा कहते हैं और शनि देव को न्यायाधीश। रिश्ते में ये दोनों देव पिता-पुत्र हैं लेकिन ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पिता-पुत्र होते हुए भी इन दोनों
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Surya-Shani Shatruta: सूर्य देव को नवग्रहों का राजा कहते हैं और शनि देव को न्यायाधीश। रिश्ते में ये दोनों देव पिता-पुत्र हैं लेकिन ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पिता-पुत्र होते हुए भी इन दोनों के बीच घोर शत्रुता है। अब सवाल यह है कौन सी वजह के कारण दोनों के बीच इतनी गहरी दुश्मनी है। हालांकि इससे जुड़ी जानकारी शायद ही कुछ लोगों को पता हो लेकिन इसका जवाब हमें हमारे पौराणिक ग्रंथों में देखने को मिलता है। अगर आप भी इसी शंका से गुजर रहे हैं तो चलिए आपकी अभिलाषा को शांत करने के लिए जानते हैं, इसके पीछे का कारण।
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Why Shani Dev and Surya Dev are enemies क्यों शनि देव और सूर्य देव हैं शत्रु
पौराणिक कथाओं के अनुसार सूर्य देव का विवाह विश्वकर्मा की पुत्री संज्ञा से हुआ। सारे संसार को रोशन करने वाले सूर्यदेव का तेज इतना था कि उनकी पत्नी संज्ञा तेज सहन नहीं कर पाती थी। विवाह का कुछ समय बीत जाने पर सूर्य देव के मनु, यमराज और यमुना नाम की तीन संतानें हुईं।
सूर्यदेव के तेज से बचने के लिए उनकी पत्नी संज्ञा ने तपस्या करने की ठानी और अपने बच्चों की देख-रेख करने के लिए हमशक्ल छाया बना ली। बच्चों की जिम्मेदारी छाया को सौंपकर वो तपस्या करने चली गईं। छाया ने तनिक भी सूर्य देव को अपने ऊपर संदेह नहीं करने दिया कि वो संज्ञा की छाया है। इसके बाद छाया और सूर्य से तीन संतानों का जन्म हुआ जिनका नाम था तपती, भद्रा और शनि।
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शनि देव जब छाया के गर्भ में थे तो वो खूब व्रत और तपस्या किया करती थी। ऐसा कहा जाता है कि ज्यादा व्रत-उपवास करने के कारण शनि देव का रंग काला पड़ गया। जब सूर्य देव ने काले रंग में शनि को देखा तो उन्हें भ्रम हो गया कि ये उनका पुत्र नहीं है। इस कारण सूर्य देव ने अपनी पत्नी छाया को त्याग दिया। अपनी मां का अपमान देखने के बाद दोनों पिता-पुत्र के बीच के संबंध खराब हो गए।
इस घटना के बाद शनिदेव ने भगवान शिव की कठोर तपस्या की। महादेव खुश हो गए और वरदान मांगने को कहा। तब शनिदेव ने बोला कि आप मुझे मेरे पिता से भी ज्यादा शक्तिशाली बना दें। तब तथास्तु कहकर देवों के देव महादेव ने छाया पुत्र को वरदान दे दिया और कहा कि देवता, असुर, सिद्ध, विद्याधर और गंधर्व आपके नाम से भयभीत होंगे। शनि देव न्याय के देवता हैं, अगर वो खुश हो जाएं तो व्यक्ति को रंक से राजा और गुस्सा हो जाएं तो राजा से रंक बना देते हैं।
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