Suryadev Vrat Katha: सूर्य देव अपरंपार बरसाएंगे कृपा, रविवार के दिन अवश्य पढ़ें ये कथा

Edited By Prachi Sharma,Updated: 29 Sep, 2024 09:11 AM

suryadev vrat katha

रविवार का दिन सूर्य देव को समर्पित है। यह दिन विशेष रूप से उन भक्तों के लिए महत्वपूर्ण है जो सूर्य देव की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं। सूर्य देव स्वास्थ्य, समृद्धि और ऊर्जा के प्रतीक हैं

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Suryadev Vrat Katha: रविवार का दिन सूर्य देव को समर्पित है। यह दिन विशेष रूप से उन भक्तों के लिए महत्वपूर्ण है जो सूर्य देव की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं। सूर्य देव स्वास्थ्य, समृद्धि और ऊर्जा के प्रतीक हैं। रविवार को सूर्य देव की पूजा करने से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आ सकते हैं।  रविवार के दिन यदि उनकी व्रत कथा सुन ली जाए तो जीवन की दशा सुधर जाती है। तो चलिए जानते हैं रविवार सूर्य देव व्रत कथा के बारे में विस्तार से- 

कथा का प्रारंभ:
मान्यताओं के अनुसार प्राचीन समय में एक गांव में एक ब्राह्मण परिवार निवास करता था। उस ब्राह्मण का नाम नारायण था। नारायण एक बहुत धार्मिक व्यक्ति थे और वे प्रतिदिन भगवान की पूजा करते थे। हालांकि उनके जीवन में एक समस्या थी  उनका पुत्र अर्जुन हमेशा बीमार रहता था। नारायण ने सभी उपचार करवाएलेकिन अर्जुन की तबियत में कोई सुधार नहीं हुआ। एक दिन नारायण ने विचार किया कि शायद उनका पुत्र सूर्य देव की कृपा से ही ठीक हो सकता है। इसलिए उन्होंने निर्णय लिया कि वे रविवार का व्रत करेंगे और सूर्य देव की आराधना करेंगे। नारायण ने यह संकल्प लिया कि वे पूरे श्रद्धा भाव से सूर्य देव की पूजा करेंगे।

नारायण ने व्रत के लिए विशेष तैयारी की। उन्होंने सबसे पहले स्नान किया और ताजगी के साथ सूर्य देव को अर्घ्य देने के लिए सूर्य के उदय होने से पहले अपने घर के आंगन में एक जल पात्र रखा। उन्होंने उसमें शुद्ध जल, गुड़ और लाल फूल डाले। इसके बाद उन्होंने भगवान सूर्य की स्तुति में गायत्री मंत्र का जाप किया।
रविवार के दिन, नारायण ने केवल फल-फूल का सेवन किया और किसी भी प्रकार का अनाज नहीं खाया। उन्होंने अपने मन में प्रार्थना की कि सूर्य देव उनके पुत्र को स्वास्थ्य प्रदान करें। इस दौरान नारायण ने सूर्य देव की आराधना की और उनके चरणों में अपने पुत्र की स्वास्थ्य की प्रार्थना की।

PunjabKesari Suryadev Vrat Katha

सूर्य देव की कृपा:
इस व्रत के पहले रविवार को नारायण ने मन में यह संकल्प लिया कि वह इस व्रत को लगातार करेंगे। उन्होंने ध्यान से पूजा की और भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया। धीरे-धीरे, नारायण की भक्ति और समर्पण के परिणामस्वरूप, सूर्य देव उनकी आराधना से प्रसन्न हो गए।

एक दिन सूर्य देव ने नारायण के समक्ष प्रकट होकर कहा, "भक्त नारायण, तुमने मेरी भक्ति से मुझे प्रसन्न किया है। मैं तुम्हारे पुत्र अर्जुन को स्वास्थ्य प्रदान करूंगा।" 

सूर्य देव ने कहा कि अगले रविवार को अर्जुन स्वस्थ होंगे।

PunjabKesari Suryadev Vrat Katha

अर्जुन का स्वास्थ्य:

नारायण ने सूर्य देव की कृपा से उत्साहित होकर व्रत जारी रखा। अगले रविवार को, जब नारायण ने अर्जुन को देखा, तो वह चकित रह गए। अर्जुन की तबियत अचानक ठीक हो गई थी। वह पहले से ज्यादा स्वस्थ और उत्साही दिख रहा था। नारायण ने तुरंत समझ लिया कि यह सूर्य देव की कृपा का परिणाम है।

अर्जुन के स्वास्थ्य को देखकर नारायण बहुत खुश हुए और उन्होंने सूर्य देव की स्तुति की। उन्होंने सूर्य देव का धन्यवाद किया और कहा, "हे सूर्य देव, आप मेरी जीवन में प्रकाश लाए हैं। आपके बिना यह संभव नहीं था।"

व्रत का महत्व:
इस कथा से यह सिद्ध होता है कि सूर्य देव की आराधना और रविवार का व्रत किसी भी प्रकार की बीमारी और दुखों से मुक्ति दिला सकता है। नारायण की तरह यदि कोई व्यक्ति पूरे मन और श्रद्धा से सूर्य देव की पूजा करता है, तो निश्चित ही उसे सुख, समृद्धि और स्वास्थ्य की प्राप्ति होगी। रविवार के दिन सूर्य देव का व्रत करने से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन होते हैं। यह दिन सूर्य देव की कृपा पाने का सर्वोत्तम दिन है। इस दिन व्रत करने से व्यक्ति के सभी कष्ट दूर होते हैं और उसके जीवन में ऊर्जा का संचार होता है।
PunjabKesari Suryadev Vrat Katha

Trending Topics

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!