Edited By Prachi Sharma,Updated: 05 Feb, 2024 08:14 AM
गुजरात उच्च न्यायालय ने एक व्यक्ति की वह याचिका खारिज कर दी, जिसमें उसने स्वयंभू बाबा एवं भगौड़े स्वामी नित्यानंद की अवैध कैद में रह रही अपनी दो बेटियों को पेश किए
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अहमदाबाद (प.स.): गुजरात उच्च न्यायालय ने एक व्यक्ति की वह याचिका खारिज कर दी, जिसमें उसने स्वयंभू बाबा एवं भगौड़े स्वामी नित्यानंद की अवैध कैद में रह रही अपनी दो बेटियों को पेश किए जाने और रिहा किए जाने का अनुरोध किया था।
उच्च न्यायालय ने जनार्दन शर्मा की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर शुक्रवार को जारी अपने आदेश में कहा कि ऐसा लगता है कि उनकी बेटियां खुश हैं और जहां भी रह रही हैं, अपने आध्यात्मिक पथ पर हैं। न्यायमूर्ति ए.वाई. कोगजे और न्यायमूर्ति राजेंद्र एम. सरीन की खंडपीठ ने उस व्यक्ति की 21-वर्षीया और 18-वर्षीया दो बेटियों की 10 जनवरी, 2024 को एक वीडियो लिंक के जरिए अदालत के समक्ष पेशी पर भरोसा किया, जिसमें दोनों ने बताया कि वे किसी भी “अवैध कैद” में नहीं हैं, जैसा कि याचिका में दावा किया गया है और उन्होंने सोच-समझकर “आध्यात्मिक मार्ग” पर चलने का निर्णय लिया है।