Edited By Jyoti,Updated: 19 Sep, 2018 12:05 PM
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ज्यादातर लोगों को पता होगा कि गणेशोत्सव की ज्यादा धूम मुंबई व महाराष्ट्र में देखने को मिलती है। इस दौरान यहां की धूम देखने लायक होती है। यहां हर कोई बप्पा का स्वागत डोल व नगाड़ों की गूंज में करता है। आज हम आपको गणपति के एेसे ही मंदिर के बारे में...
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ज्यादातर लोगों को पता होगा कि गणेशोत्सव की ज्यादा धूम मुंबई व महाराष्ट्र में देखने को मिलती है। इस दौरान यहां की धूम देखने लायक होती है। यहां हर कोई बप्पा का स्वागत डोल व नगाड़ों की गूंज में करता है। आज हम आपको गणपति के एेसे ही मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जो मुंबई से 375 किलोमीटर से दूर जिला रत्नागिरि में स्थित है। जहां पर गणेश उत्सव बड़े धूम-धाम से मनाया जाता है। मान्यता के अनुसार यह विशाल मंदिर कोंकण समुद्र तट पर स्थापित है। यहां स्थित स्वयंभू गणेश मंदिर पश्चिम द्वारदेवता के रूप में भी प्रसिद्ध हैं। आइए जानें इस लोकप्रिय मंदिर के बारे में-
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गणपतिपुले मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है यह मंदिर
यह लोकप्रिय स्वयंभू गणपति मंदिर गणपतिपुले मंदिर के नाम से जाना जाता है। मंदिर की सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि ये करीबन 400 साल पुराना है। यहां की लोक मान्यता के अनुसार श्रीगणेश यहां खुद प्रकट हुए जिससे इस प्राचीन मंदिर को स्वयंभू का खिताब दिया गया। मंदिर में स्थित गणेश जी की प्रतिमा सफ़ेद रेत से बनी हुई है जो भक्तों को अपनी ओर आकर्षित करती है।
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यह माना जाता है कि स्थानीय लोग जो गणपतिपुले में रहते हैं उन्हें खुद भगवान आशीर्वाद देकर उनकी देखबाल करते हैं। पौराणिक मान्यता के अनुसार मोदक, भगवान गणपति का पसंदीदा व्यंजन है, इसलिए बाकी मंदिरों की तरह यहां भी इन्हें मोदक का भोग लगाया जाता है लेकिन इसके साथ ही अन्य कईं स्वादिष्ट मिठाईयों का भोग गणपति जी को लगाया जाता है।
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यहां रहने वाले लोग यानि गणपतिपुले के स्थानीय लोग गणपति देवता के बहुत बड़े उपासक हैं। कहा जाता है कि यहां के निवासी बहुत स्नेही और मेहमाननवाज हैं। यहां के स्थानीय निवासी ज्यादातर मराठी में बातचीत करते हैं, हालांकि बहुत से लोग अंग्रेज़ी और हिन्दी में भी बातचीत करते हैं, क्योंकि ये जगह एक प्रमुख पर्यटन स्थल है।
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क्योंकि गणपति पुले अरब सागर के नज़दीक स्थित है, इसीलिए यहां का मौसम वर्ष भर शानदार रहता है। गर्मी के दौरान थोड़ा गर्म रहता है जिस कारण पर्यटक आमतौर पर इस मौसम के दौरान यात्रा करना पसंद नहीं करते। यहां का क्षेत्र प्रचुर मात्रा में वर्षा होने से प्राकृतिक सुंदरता से भरा हुआ है। यहां सर्दियों के दिनों में शीतलता रहती है।
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