Syau ki Mala on Ahoi ashtami Vrat: संतान की सुरक्षा और लंबी उम्र के लिए अहोई अष्टमी पर हर मां को पहननी चाहिए स्याहू की माला

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 23 Oct, 2024 07:38 AM

Syau ki Mala on Ahoi ashtami Vrat 2024: साल 2024 में अहोई अष्टमी का व्रत 24 अक्टूबर को रखा जाएगा। इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत कर मां अहोई मईया से अपनी संतान की सुरक्षा और

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Syau ki Mala on Ahoi ashtami Vrat 2024: साल 2024 में अहोई अष्टमी का व्रत 24 अक्टूबर को रखा जाएगा। इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत कर मां अहोई मईया से अपनी संतान की सुरक्षा और लंबी उम्र के लिए प्रार्थना करती हैं। अहोई अष्टमी के दिन माताएं अपने गले में स्याहु की माला भी धारण करती हैं। ये इस व्रत से जुड़ी एक खास रस्म होती है। कहते हैं इसके बिना व्रत अधूरा माना जाता है लेकिन क्या आप जानते हैं अहोई अष्टमी पर स्याहु की माला क्यों धारण करते हैं। इसके पीछे  का रहस्य और इसे कब धारण करते हैं। अगर नहीं तो जानें स्याहु की माला से जुड़ी संपूर्ण जानकारी-

PunjabKesari Syau ki Mala

अहोई अष्टमी पर संतान की लंबी आयु के लिए व्रत रखा जाता है। कार्तिक मास में आने वाली अष्टमी पर संतान की रक्षा और उनकी मंगल कामना के निमित्त माताएं निर्जला व्रत रखती हैं। इस दिन अहोई देवी की पूजा की जाती है। व्रत पूजा के साथ एक खास चीज इस पूजा में बहुत मायने रखती है वह है स्याहु। स्याहु माला का इस व्रत में बहुत महत्व होता है। स्याहु की माला में चांदी के दाने और अहोई मईया का लॉकेट होता है। ये चांदी के दाने संतान की संख्या के अनुसार एक, दो या उससे अधिक बनाई जाती है। अहोई माता की विधि अनुसार पूजा करने के बाद स्याहु माला धारण की जाती है।

PunjabKesari Syau ki Mala
अष्टमी के दिन स्याहु की पूजा रोली, अक्षत, दूध और पके हुए चावल से की जाती है। पूजा के बाद माताएं इसे अपने गले में पहनती हैं। इस माला को अष्टमी के दिन धारण करने के बाद दिवाली तक लगातार पहने रहना होता है। दिवाली वाले दिन जब अहोई अष्टमी के दिन जल भरे करवा से ही संतान जब स्नान कर लेती है तब माताएं स्याहु को निकाल कर सुरक्षित रख देती हैं।

स्याहु की माला में एक खास बात ये होती है कि इस माला में हर साल एक दाना बढ़ा कर पहना जाता है। दीवाली के बाद इस माला को पूजा स्थल या किसी पवित्र स्थान पर निकाल कर रखा जा सकता है। स्याहु संतान का प्रतीक माना जाता है और इसे चांदी के रूप में देवी अहोई के साथ धारण करने के पीछे मान्यता यही है कि देवी संतान की रक्षा करेंगी। इससे संतान की आयु भी बढ़ती है।

PunjabKesari Syau ki Mala
अहोई अष्टमी के दिन रात में माताएं तारे को अर्घ्य देकर संतान की लंबी उम्र की कामना करती हैं। इसके बाद महिलाएं व्रत खोलती हैं। इस दिन मान्यता है कि यदि कोई नि:संतान महिला भी व्रत करे तो इससे उसे संतान की प्राप्ति होती है।

PunjabKesari Syau ki Mala

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!