Edited By Punjab Kesari,Updated: 17 Nov, 2017 10:55 AM
तमिल कवि वल्लुवर की स्त्री का नाम वासुकी था। वह बड़ी ही पतिव्रता थीं। विवाह के दिन वल्लुवर ने खाना परोसते समय उससे कहा, ‘‘मेरे खाना खाते समय नित्य एक कटोरे में पानी तथा एक सूई रख दिया करो।’’
तमिल कवि वल्लुवर की स्त्री का नाम वासुकी था। वह बड़ी ही पतिव्रता थीं। विवाह के दिन वल्लुवर ने खाना परोसते समय उससे कहा, ‘‘मेरे खाना खाते समय नित्य एक कटोरे में पानी तथा एक सूई रख दिया करो।’’
वासुकी ने जीवनपर्यंत पति की इस आज्ञा का पालन किया। जीवन के अंतिम क्षणों में जब वल्लुवर ने उससे पूछा, ‘‘तुम्हें कुछ चाहिए? क्या कोई इच्छा है तुम्हारी?’’
‘‘हां, एक बात पूछनी है। विवाह के दिन आपने भोजन करते समय नित्य एक कटोरा पानी और एक सूई रखने को कहा था। मैंने आपसे उसका प्रायोजन पूछे बिना ही वह कार्य प्रतिदिन किया। तथापि आज यह जानने की मेरी इच्छा हो रही है कि आप ये दोनों चीजें क्यों मांगा करते थे? यदि बता दें तो मैं शान्ति से मर सकूंगी।’’
वल्लुवर ने स्नेहपूर्वक उत्तर दिया, ‘‘मैंने इसलिए पानी और सूई रखने के लिए कहा था कि खाना परोसते समय यदि चावल के दाने गिर पड़ें, तो उन्हें सूई से उठाकर पानी से धोकर खा सकूं, किंतु तुम इतनी दक्ष थीं कि तुमने एक दिन भी सूई और पानी का उपयोग करने का मुझे अवसर ही नहीं दिया।’’