Edited By Niyati Bhandari,Updated: 10 Aug, 2023 08:01 AM
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सनातन धर्म में हरियाली और हरतालिका तीज को बहुत ही विशेष माना जाता है। ये दोनों ही व्रत मां पार्वती से जुड़े हुए हैं और इन्हें पति की दीर्घायु और परिवार की सुख-शांति के लिए
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Teej 2023: सनातन धर्म में हरियाली और हरतालिका तीज को बहुत ही विशेष माना जाता है। ये दोनों ही व्रत मां पार्वती से जुड़े हुए हैं और इन्हें पति की दीर्घायु और परिवार की सुख-शांति के लिए रखा जाता है। 2023 में हरियाली तीज का व्रत 19 अगस्त को और 18 सितंबर को हरतालिका तीज का व्रत रखा जाएगा। इतनी समानता होने के बाद भी ये व्रत अलग-अलग क्यों रखे जाते हैं ? इस बात को लेकर काफी लोग कंफ्यूज रहते हैं। तो आपकी इस परेशानी को दूर करने के लिए आज लेकर आए हैं स्पेशल आर्टिकल, जिसमें दोनों तीजों के बारे में विस्तार से बताया जाएगा। तो चलिए जानते हैं ...
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Hariyali Teej 2023 हरियाली तीज
हर वर्ष श्रावण माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया को हरियाली तीज का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन भगवान शिव और मां गौरा की पूजा करने का विधान है। सुहागिन महिलाएं निर्जला व्रत रखकर पति की लंबी आयु की कामना करती हैं। कहते हैं इस उपवास को करने से दोनों पति-पत्नी के बीच महादेव और मां गौरा जैसा प्रेम-प्यार और साथ बना रहता है। इस दिन महिलाएं 16 श्रृंगार करके झूला झूलती हैं और सावन के प्यारे लोकगीत गाती हैं और हाथों में मेहंदी लगाती हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन देवी ने महादेव को अपने पति के रूप में स्वीकार किया था।
Hartalika Teej 2023 हरतालिका तीज
हिंदू पंचांग के अनुसार भाद्रपद शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरतालिका तीज का व्रत रखा जाता है। इस दिन भी भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा की जाती है। कथाओं के अनुसार मां गौरा ने महादेव को पति के रूप में पाने के लिए सबसे पहले ये व्रत किया था। अच्छे पति की प्राप्ति के लिए अविवाहित कन्याएं भी ये व्रत रखती हैं।
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Difference of Hariyali Teej and Hartalika Teej हरियाली तीज और हरतालिका तीज में अंतर
ये दोनों व्रत अलग-अलग माह में रखें जाते हैं। हरियाली तीज को सावन महीने के दौरान रखा जाता है और हरतालिका तीज भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की तीज के दिन मनाई जाती हैं। एक तीज से व्रत शुरू होता है और दूसरी तीज पर व्रत की समाप्ति होती है।
Different rules for both दोनों व्रत रखने के हैं अलग-अलग नियम
बात करें हरियाली तीज की तो, इसे मौज-मस्ती का पर्व कहा जाता है। महिलाओं व कुंवारी कन्याओं के लिए ये दिन बहुत ही खास होता है। सारी महिलाएं एक साथ इकट्ठा होकर हंसी-ठिठोली करती हैं और झूला-झूलती हैं। कई जगहों पर हरियाली तीज के दिन लड़कियां अपने मायके जाती हैं।
वहीं इसी के साथ हरतालिका तीज के दिन महिलाएं कठिन नियमों के साथ ये व्रत रखती हैं। इस व्रत में महिलाएं 16 श्रृंगार कर के भगवान शिव और मां पार्वती की आराधना करती हैं। इसके साथ आपको ये भी बता दें कि हरियाली तीज को छोटी तीज और हरतालिका तीज को बड़ी तीज कहा जाता है।
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