Edited By Prachi Sharma,Updated: 13 Dec, 2024 06:57 AM
सुप्रीम कोर्ट ने वीरवार को एक महत्वपूर्ण निर्देश देते हुए अगले आदेश तक देश की सभी अदालतों को 1991 के कानून के तहत उपासना स्थलों के सर्वेक्षण समेत मंदिर-मस्जिद विवादों को लेकर किसी
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नई दिल्ली (प.स.): सुप्रीम कोर्ट ने वीरवार को एक महत्वपूर्ण निर्देश देते हुए अगले आदेश तक देश की सभी अदालतों को 1991 के कानून के तहत उपासना स्थलों के सर्वेक्षण समेत मंदिर-मस्जिद विवादों को लेकर किसी भी मुकद्दमे पर विचार करने और कोई भी प्रभावी अंतरिम या अंतिम आदेश पारित करने से रोक दिया।
चीफ जस्टिस संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति के.वी. विश्वनाथन की पीठ ने यह निर्देश उपासना स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम, 1991 से संबंधित याचिकाओं और प्रतिवाद याचिकाओं पर दिया। इससे संबंधित कानून के अनुसार 15 अगस्त, 1947 को विद्यमान उपासना स्थलों का धार्मिक स्वरूप वैसा ही बना रहेगा, जैसा वह उस दिन था। यह किसी धार्मिक स्थल पर फिर से दावा करने या उसके स्वरूप में बदलाव के लिए वाद दायर करने पर रोक लगाता है।
पीठ ने कहा कि उसके अगले आदेश तक कोई नया मुकद्दमा दायर या पंजीकृत नहीं किया जाएगा और लंबित मामलों में, अदालतें उसके अगले आदेश तक कोई ‘प्रभावी अंतरिम या अंतिम आदेश’ पारित नहीं करेंगी।
इसने कहा, ‘‘हम 1991 के अधिनियम की शक्तियों, स्वरूप और दायरे की पड़ताल कर रहे हैं।’’ पीठ ने अन्य सभी अदालतों से इस मामले में दूर रहने को कहा।