Edited By Niyati Bhandari,Updated: 24 Dec, 2024 01:00 PM
अपने शत्रुओं से प्रेम करो
अपने शत्रुओं से प्रेम करो और अपने सताने वालों के लिए प्रार्थना, कि तुम अपने स्वर्गीय पिता की संतान हो जाओ क्योंकि वह बुरे और भले, दोनों पर ही सूर्योदय करते हैं। इसी प्रकार वह धर्मी तथा अधर्मी, दोनों पर ही वर्षा होने देते...
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Christmas 2024:
अपने शत्रुओं से प्रेम करो
अपने शत्रुओं से प्रेम करो और अपने सताने वालों के लिए प्रार्थना, कि तुम अपने स्वर्गीय पिता की संतान हो जाओ क्योंकि वह बुरे और भले, दोनों पर ही सूर्योदय करते हैं। इसी प्रकार वह धर्मी तथा अधर्मी, दोनों पर ही वर्षा होने देते हैं। यदि तुम प्रेम मात्र उन्हीं से करते हो, जो तुमसे प्रेम करते हैं तो तुम किस प्रतिफल के अधिकारी हो? क्या चुंगी लेने वाले भी यही नहीं करते? यदि तुम मात्र अपने बंधुओं को ही नमस्कार करते हो तो तुम कौन-सा सराहनीय काम कर रहे हो? क्या अन्य जाति भी ऐसा ही नहीं करते? इसलिए जरूरी है कि तुम सिद्ध बनो, जैसे तुम्हारे स्वर्गीय पिता सिद्ध हैं।
धन्य कौन
धन्य हैं वे, जो मन के दीन हैं, क्योंकि स्वर्ग का राज्य उन्हीं का है। धन्य हैं वे, जो शोक करते हैं, क्योंकि वे शांति पाएंगे।
धन्य हैं वे, जो विनम्र हैं क्योंकि वे पृथ्वी के अधिकारी होंगे। धन्य हैं वे जो धर्म के भूखे और प्यासे हैं, क्योंकि वे तृप्त किए जाएंगे।
धन्य हैं वे, जो दयावंत हैं, क्योंकि उन पर दया की जाएगी। धन्य हैं वे, जिन के मन शुद्ध हैं, क्योंकि वे परमेश्वर को देखेंगे।
धन्य हैं वे, जो मेल करवाने वाले हैं, क्योंकि वे परमेश्वर के पुत्र कहलाएंगे। धन्य हैं वे, जो धर्म के कारण सताए जाते हैं, क्योंकि स्वर्ग का राज्य उन्हीं का है। धन्य हो तुम, जब मनुष्य मेरे कारण तुम्हारी निन्दा करें और सताएं और झूठ बोल-बोल कर तुम्हारे विरोध में सब प्रकार की बुरी बात कहें, आनंदित और मगन होना क्योंकि तुम्हारे लिए स्वर्ग में बड़ा फल है इसलिए कि उन्होंने उन भविष्यवक्ताओं को जो तुम से पहले थे इसी रीति से सताया था।
तुम कौन हो
तुम पृथ्वी के नमक हो, परंतु यदि नमक का स्वाद बिगड़ जाए, तो वह फिर किस वस्तु से नमकीन किया जाएगा? फिर वह किसी काम का नहीं, केवल इसके कि बाहर फैंका जाए और मनुष्यों के पैरों तले रौंदा जाए। तुम जगत की ज्योति हो। जो नगर पहाड़ पर बसा हुआ है वह छिप नहीं सकता और लोग दीपक जला कर पैमाने के नीचे नहीं परंतु दीवट पर रखते हैं, तब उससे घर के सब लोगों को प्रकाश पहुंचता है। उसी प्रकार तुम्हारा उजियाला मनुष्यों के सामने चमके कि वे तुम्हारे भले कामों को देखकर तुम्हारे पिता की, जो स्वर्ग में हैं, बड़ाई करें।