Edited By Jyoti,Updated: 18 Oct, 2019 10:13 AM
जैसलमेर: जैसलमर के स्थानीय लोकदेवता क्षेत्रपाल (खेतपाल) का मंदिर अपनी अनूठी संस्कृति और परम्पराओं से जाना जाने वाला दुनिया का एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां महिला पुजारी ही पूजा करती है।
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जैसलमेर: जैसलमर के स्थानीय लोकदेवता क्षेत्रपाल (खेतपाल) का मंदिर अपनी अनूठी संस्कृति और परम्पराओं से जाना जाने वाला दुनिया का एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां महिला पुजारी ही पूजा करती है। यह मंदिर अनूठे और साम्प्रदायिक सद्भाव की मिसाल है। इसकी मुख्य विशेषता यह है कि यहां पूजा के लिए महिला पुरुष को जोड़े में आना जरूरी है। दूसरा, इस मंदिर की पूजा-अर्चना और अन्य रस्में महिला पुजारी ही करती है, जो परम्परागत रूप से माली समाज की होती हैं। करीब एक हजार वर्ष पुराना यह मंदिर जैसलमेर शहर से करीब 6 किलोमीटर दूर बड़ाबाग में स्थित है।
देश के हर हिस्से से लोग यहां पूजा करने के लिए आते हैं। मंदिर पूजा के लिए श्रद्धालु जोड़े में ही आते हैं। स्थानीय लोगों की मान्यता के अनुसार यह क्षेत्रपाल और भैरव का मंदिर है, जो उनके खेत, क्षेत्र और इलाके की रक्षा करते हैं। प्रचलित मान्यता के अनुसार यहां पुराने समय में सिंध से 7 बहनें यहां आकर बसी थीं, जो देवियों के रूप में जैसलमेर के विभिन्न इलाकों में विराजित हैं। खेतपाल भैरव उन्हीं के भाई माने जाते हैं।