Kundli Tv- शत्रु की काट के लिए ये दिन है बेहद खास

Edited By Lata,Updated: 09 Dec, 2018 10:37 AM

this day is very special for defeat enemy

रविवार दिनांक 09.12.18 को मार्गशीर्ष शुक्ल तृतीया पर मूल नक्षत्र के कारण से बने गंड योग में देवी रक्तदंतिका का पूजन श्रेष्ठ रहेगा। देवी का रक्तदंतिका रूप जगदंबिका का तामसिक रूप है। रक्तदंतिका का अर्थ है खून से सने दांत। देवी रक्तदंतिका का स्वरूप...

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रविवार दिनांक 09.12.18 को मार्गशीर्ष शुक्ल तृतीया पर मूल नक्षत्र के कारण से बने गंड योग में देवी रक्तदंतिका का पूजन श्रेष्ठ रहेगा। देवी का रक्तदंतिका रूप जगदंबिका का तामसिक रूप है। रक्तदंतिका का अर्थ है खून से सने दांत। देवी रक्तदंतिका का स्वरूप साहस, शौर्य व बल का अद्भुत मिश्रण है। पौराणिक मतानुसार कालांतर में दैत्य वैप्रचलित से संसार को मुक्ति दिलाने के लिए मूलप्रकृति ने रक्तदंतिका रूप में धरती पर अवतार लिया था, जिनके विकराल स्वरूप से दैत्यों का कलेजा कांप उठा था। असहाय देवों ने मूलप्रकृति की उपासना की जिससे जगदंबा ने रक्तदंतिका रूप में प्रकट होकर असुर सेना के साथ वैप्रचलित का भक्षण कर दैत्यों का रक्त पान किया। तब उनके दांत व मसूडे़ फूलकर अनार के फूलों जैसे लाल हो गए। इसी कारण ये रक्तदंतिका कहलाई। अगहन रविवार पर रक्तदंतिका के विशेष उपाय व पूजन से दुर्भाग्य समाप्त होता है। शत्रुओं का अंत होता है। साहस में वृद्धि होती है।
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स्पेशल पूजन विधि: घर की पूर्व दिशा में लाल कपड़ा बिछाकर, तांबे के लोटे में जल, दूध, रोली, सुपारी, सिक्के, इत्र डालकर तथा लोटे के मुख पर अशोक के पत्तों पर श्रीफल रखकर रक्तदंतिका कलश स्थापित करें साथ ही नवार्ण यंत्र रखकर विधिवत षोडशोपचार पूजन करें। चमेली के तेल का दीपक करें, गुग्गल से धूप करें, अनार का फूल चढ़ाएं, सिंदूर चढ़ाएं व लाल मावे का भोग लगाएं। लाल चंदन की माला से इन विशेष मंत्रों का 1-1 माला जाप करें। पूजन के बाद भोग प्रसाद स्वरूप ग्रहण करें।
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प्रातः पूजन मुहूर्त: सुबह 07:06 से सुबह 08:08 तक। (सर्वार्थ सिद्धि योग)

विजय मुहूर्त: दिन 13:56 से दिन 14:37 तक। 

संध्या पूजन मुहूर्त: शाम 17:20 से शाम 18:43 तक। 
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स्पेशल मंत्र: पूजन मंत्र: रं रक्तदंतिकाय देव्यै नमः॥

स्पेशल टोटके: 
साहस में वृद्धि के लिए: देवी रक्तदंतिका पर चढ़े सिंदूर से नित्य तिलक करें।

दुर्भाग्य से मुक्ति के लिए: देवी रक्तदंतिका पर चढ़ा लाल वस्त्र किसी सुहागन को भेंट करें। 
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विरोधियों के अंत के लिए: पीली सरसों सिर से वारकर देवी रक्तदंतिका के समक्ष कपूर से जलाएं। 

गुडलक के लिए: अनार हाथ में लेकर "ॐ मूल प्रकृति रूपायै नमः" मंत्र का जाप करें।

विवाद टालने के लिए: देवी रक्तदंतिका पर अनार का फूल चढ़ाएं।
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नुकसान से बचने के लिए: देवी रक्तदंतिका पर 12 लाल फूलों की माला चढ़ाएं।

प्रोफेशनल सक्सेस के लिए: देवी रक्तदंतिका पर चढ़े 1रु के 10 सिक्के भिखारी को दान करें। 

एजुकेशन में सक्सेस के लिए: लाल पेन से नोटबुक पर "ऐं ह्रीं क्लीं" लिखें। 
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फॅमिली हैप्पीनेस के लिए: लाल चंदन की माला से "ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडायै विच्चे:" मंत्र का जाप करें।

लव लाइफ में सक्सेस के लिए: देवी रक्तदंतिका पर चढ़ी रोली से नाभि पर तिलक करें।

आचार्य कमल नंदलाल
ईमेल: kamal.nandlal@gmail.com
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