Edited By Niyati Bhandari,Updated: 02 Dec, 2024 09:43 AM
Astro Tips for Jap Mala: धर्मों और परम्पराओं में अपने ईश-आराध्य की भक्ति में जप का एक विशेष स्थान है। सनातन परम्परा में किसी भी देवता विशेष की पूजा के दौरान मंत्र जाप का विशेष फल मिलता है। इस मंत्र जाप के लिए प्रयोग में लाई जाने वाली माला का भी अपना...
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Astro Tips for Jap Mala: धर्मों और परम्पराओं में अपने ईश-आराध्य की भक्ति में जप का एक विशेष स्थान है। सनातन परम्परा में किसी भी देवता विशेष की पूजा के दौरान मंत्र जाप का विशेष फल मिलता है। इस मंत्र जाप के लिए प्रयोग में लाई जाने वाली माला का भी अपना विशेष महत्व है। एक ओर जहां प्रत्येक देवता के लिए अलग-अलग माला से जाप का विधान है, वहीं दूसरी ओर इन मालाओं को धारण करने का भी अपना महात्म्य है।
Sandalwood garland चंदन की माला : देवी-देवताओं के तिलक के लिए विशेष रूप से प्रयोग में लाए जाने वाले चंदन की तासीर ठंडी होती है। प्रसाद के रूप में माथे पर लगाया जाने वाला चंदन मन और तन दोनों को शीतलता प्रदान कर दैवीय कृपा दिलाता है। इसी चंदन की माला का वैष्णव परम्परा में साधना के दौरान मंत्र जाप में विशेष रूप से प्रयोग किया जाता है। शक्ति की साधना में लाल चंदन की माला से और भगवान कृष्ण के मंत्र का जाप सफेद चंदन की माला से किया जाता है। इस माला के मंत्र जाप से मनोकामना बहुत जल्दी पूर्ण होती है।
Crystal beads स्फटिक की माला : कांच की तरह नजर आने वाले स्फटिक की माला का भी मंत्र-जाप आदि के लिए विशेष रूप से प्रयोग किया जाता है। इस माला को धारण करने वाले व्यक्ति का मन शांत रहता है। इस माला के प्रभाव से उसके पास किसी भी तरह की नकारात्मक शक्ति नहीं फटक पाती। उसे हर क्षेत्र में सफलता मिलती है। मां सरस्वती की साधना-आराधना में स्फटिक माला का विशेष रूप से प्रयोग किया जाता है। स्फटिक की माला धन और मन दोनों तरह की ताकत प्रदान करती है।
Rudraksha rosary रुद्राक्ष की माला : शैव परम्परा के साधक अपने आराध्य की कृपा पाने के लिए हमेशा अपने शरीर पर रुद्राक्ष धारण किए रहते हैं। शिव की साधना में रुद्राक्ष की माला मंत्र जाप के लिए विशेष रूप से प्रयोग में लाई जाती है। मान्यता है कि रुद्राक्ष की माला से मंत्र जाप करने से देवाधिदेव भगवान शिव बहुत जल्दी प्रसन्न होते हैं। हालांकि भगवान शिव की साधना में विशेष रूप से प्रयोग में लाई जाने वाली पवित्र रुद्राक्ष की माला का अन्य देवताओं के लिए किए जाने वाले जाप में भी प्रयोग किया जाता है।
Vaijayanti garland वैजयंती की माला : वैष्णव परम्परा के तहत अपने इष्टदेव की साधना में इस माला का विशेष प्रयोग किया जाता है। भगवान कृष्ण को यह माला बहुत प्रिय थी। भगवान कृष्ण की कृपा पाने के लिए वैष्णव भक्त इस माला को विशेष रूप से धारण करते हैं। वैजयंती की माला से मंत्र जाप करने से भगवान विष्णु शीघ्र प्रसन्न होकर अपने भक्तों की मनोकामना पूर्ण करते हैं। इस माला को धारण करने से शत्रु भी मित्र की तरह व्यवहार करने लगते हैं। इस माला से प्रभु श्री नारायण का जाप करने पर आत्मविश्वास में वृद्धि और सभी कार्यों में सफलता मिलती है।
Turmeric garland हल्दी की माला : सनातन परम्परा में पूजा आदि शुभ कार्यों में हल्दी का विशेष रूप से प्रयोग किया जाता है। हल्दी सेहत से ही नहीं सौभाग्य से भी जुड़ी हुई है। भगवान श्री गणेश और देवगुरु बृहस्पति हल्दी की माला से जप करने पर शीघ्र प्रसन्न होते हैं। संतान एवं ज्ञान की प्राप्ति के लिए इस माला से विशेष रूप से जप किया जाता है। हल्दी की माला में मां बगलामुखी का जाप करने से उनकी शीघ्र कृपा होती है।
Basil garland तुलसी की माला : सनातन परम्परा में तुलसी को अत्यधिक पवित्र पौधा माना गया है। वैष्णव परम्परा से जुड़े लोग न सिर्फ भगवान के प्रसाद में इसके पत्ते का प्रयोग करते हैं बल्कि इसकी माला को विशेष रूप से धारण करते हैं। मान्यता है कि तुलसी की माला धारण करने और भगवान विष्णु और कृष्ण के मंत्रों का जाप करने से यश, र्कीत और समृद्धि बढ़ती है। इस पवित्र माला से जाप करने पर साधक को कई यज्ञ करने का पुण्य प्राप्त होता है। इसे धारण करने वाले व्यक्ति को सात्विक रहते हुए तमाम तरह के नियमों का पालन करना पड़ता है।
Kamal gatte ki mala कमलगट्टे की माला : वैभव की चाह मां लक्ष्मी के आशीर्वाद से ही पूरी होती है। ऐसे में मां लक्ष्मी की साधना-आराधना को पूरे विधि-विधान से किया जाना चाहिए। मां लक्ष्मी के मंत्रों की सिद्धि के लिए कमलगट्टे की माला का प्रयोग किया जाता है। इस माला के मंत्र जाप से माता लक्ष्मी शीघ्र प्रसन्न हो जाती हैं और साधक को सुख-समृद्धि का वरदान प्रदान करती हैं। आर्थिक रूप से परेशान हैं और तमाम प्रयासों के बाद भी आपके पास धन नहीं टिकता तो कमलगट्टे की माला को विधि-विधान से धारण करें और इसी माला से मां लक्ष्मी के मंत्र का जाप करें।