Edited By Niyati Bhandari,Updated: 03 Sep, 2022 07:37 AM
आज शनिवार 3 सितंबर को भाद्रपद शुक्ल अष्टमी के दिन दूर्वा अष्टमी पर्व मनाया जाएगा। भविष्योत्तरपुराण, स्मृतिकौस्तुभ, हेमाद्रि, कृत्यकल्पतरु, पुरुषार्थचिंतामणि जैसे शास्त्रों ने दूर्वा घास का व्याख्यान मिलता है।
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Durva Ashtami 2022: आज शनिवार 3 सितंबर को भाद्रपद शुक्ल अष्टमी के दिन दूर्वा अष्टमी पर्व मनाया जाएगा। भविष्योत्तरपुराण, स्मृतिकौस्तुभ, हेमाद्रि, कृत्यकल्पतरु, पुरुषार्थचिंतामणि जैसे शास्त्रों ने दूर्वा घास का व्याख्यान मिलता है। श्रीगणेश को अति प्रिय दूर्वा को अमृता, शतपर्वा व भार्गवी की उपाधि प्राप्त है। तंत्र उपासना में 2, 3 या 5 दुर्वा अर्पण की जाती है। यज्ञ कार्य में 3 दूर्वा का प्रयोग आणव, कार्मण व मायिक रूपी अवगुणों को भस्म करने हेतु होता है। इस दिन तिल व गेहूं के आटे से बने पकवान चढ़ाएं जाते हैं। दूर्वा अष्टमी के विशेष व्रत, पूजन व उपायों से सौभाग्य और सुख की प्राप्ति होती है व दुर्गति से मुक्ति मिलती है।
1100 रुपए मूल्य की जन्म कुंडली मुफ्त में पाएं। अपनी जन्म तिथि अपने नाम, जन्म के समय और जन्म के स्थान के साथ हमें 96189-89025 पर व्हाट्सएप करें
विशेष पूजन: शिव परिवार का पूजन करें। गौघृत का दीप करें, गूगल धूप करें, लाल फूल चढ़ाएं, 21 दूर्वा मौली में बांधकर शिव परिवार पर चढ़ाएं, सिंदूर चढ़ाएं, तिल व गेहूं के आटे से बने मीठे रोट का भोग लगाएं व रुद्राक्ष माला से यह विशिष्ट मंत्र जपें। पूजन उपरांत भोग ब्राह्मणों में बांट दें।
पूजन मंत्र: दुर्वा करान्सह रितान मृतन्मंगल प्रदान। आनी तांस्तव पूजार्थ गृहाण परमेश्वर॥
गुडलक के लिए करें ये खास उपाय
सिंदूरी रंग के वस्त्र पहनें व मस्तक पर तिलक लगाएं।
इस मंत्र का कम से कम एक माला जाप करें- ह्रीं ॐ नमः शिवाय ह्रीं॥
हर तरह के संकटों का नाश करना चाहते हैं तो गणेश जी पर 11 दूर्वा चढ़ाएं।
मनचाही सफलता हेतु शिवालय में शमी बिल्व पत्र चढ़ाएं।
दंपति द्वारा शिवालय में तिल और गेहूं दान करने से दांपत्य संबंध ठीक होंगे।