Edited By Jyoti,Updated: 10 Jul, 2022 10:40 AM
हमारे देश में भगवान शंकर के अनगिनत मंदिर है। जिनसे जुड़े ऐसे ऐसे रहस्य हैं जो यहां आने वाले भक्तों को अचंभित कर देते हैं। तो वही कुछ मंदिरों में स्थापित प्रतिमाएं इतनी भव्य व आलीशान अर्थात सुंदर होती है और बात जहां भोलेनाथ की हो तो इनका भोलापन हर...
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हमारे देश में भगवान शंकर के अनगिनत मंदिर है। जिनसे जुड़े ऐसे ऐसे रहस्य हैं जो यहां आने वाले भक्तों को अचंभित कर देते हैं। तो वही कुछ मंदिरों में स्थापित प्रतिमाएं इतनी भव्य व आलीशान अर्थात सुंदर होती है और बात जहां भोलेनाथ की हो तो इनका भोलापन हर भक्त के मन को मोह लेता है।
अधिकतर मंदिरों में देवों के देव महादेव का शिवलिंग रूप व एक मुख वाला मूर्ति स्वरूप देखने को मिलता है जिसमें शिव जी ध्यान मग्न होने हैं परंतु क्या जानते हैं इनका एक मंदिर ऐसा भी है जिसमें इनके तीन मुख हैं? अगर नहीं तो बता दें आज हम आपको इनके ऐसे ही मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं। हम बात कर रहे हैं हिमाचल प्रदेश के मंडी में स्थित प्राचीन त्रिलोकीनाथ मंदिर की। तो आइए जानते हैं क्या है इस मंदिर की खासियत-
मंडी न केवल हिमाचल प्रदेश का एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है, बल्कि अपने आध्यात्मिक महत्व के लिए भी अद्वितीय है। इसे हिमाचल की काशी भी कहा जाता है क्योंकि यहां काशी या वाराणसी के 80 मंदिरों की तुलना में 81 मंदिर हैं। ऐसा ही एक प्राचीन मंदिर त्रिलोकीनाथ का है जिसके प्रमुख देवता भगवान शिव हैं।
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भगवान शिव की मूर्ति के 3 मुख हैं जो तीन अलग-अलग दिशाओं को दर्शाते हैं इसलिए इसे त्रिलोकीनाथ या तीनों लोकों के भगवान के रूप में नामित किया गया है।
यहां, भगवान शिव अपने बैल नंदी के पीछे बैठे हैं और उनके साथ उनकी दिव्य पत्नी देवी पार्वती भी हैं। किंवदंती है कि 16वीं शताब्दी की रानी सुल्तान देवी ने इस मंदिर के निर्माण का जिम्मा लिया था। यह मंदिर पुरानी मंडी में मुख्य बस स्टैंड से केवल 1 किलोमीटर दूर है जो मंडी-पठानकोट राष्ट्रीय राजमार्ग के साथ पुराने विक्टोरिया ब्रिज पर ब्यास नदी के तट पर स्थित है। कुल मिलाकर यह एक स्वच्छ और सुव्यवस्थित मंदिर है जो प्रभावशाली वास्तुकला और सभी के लिए प्रचुर शांति से परिपूर्ण है।