Trimbakeshwar temple: श्रद्धा के साथ-साथ उठाएं पर्यटन का आनंद

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 26 Apr, 2021 04:27 PM

trimbakeshwar temple

त्र्यंबकेश्वर, हिंदूओं के पवित्र धार्मिक स्थलों में से एक है। यह स्थान महाराष्ट्र में नासिक के निकट स्थित है। ऐसा माना जाता है कि अगर व्यक्ति त्र्यंबकेश्वर जाए तो उसे मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है। यहां आने वालों के लिए

Trimbakeshwar temple: त्र्यंबकेश्वर, हिंदूओं के पवित्र धार्मिक स्थलों में से एक है। यह स्थान महाराष्ट्र में नासिक के निकट स्थित है। ऐसा माना जाता है कि अगर व्यक्ति त्र्यंबकेश्वर जाए तो उसे मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है। यहां आने वालों के लिए रुकने की भी व्यवस्था है। यहां व्यक्ति को काफी सारे लॉज मिल जाएंगे। यहां कई अन्य धार्मिक स्थलों के साथ-साथ दूर-दूर तक फैले पर्वत तथा वन क्षेत्र भी  मौजूद हैं। मॉनसून में तथा खासकर सावन में श्रद्धालु यहां स्थित दुग्धसागर झरने में श्रद्धा के साथ-साथ पर्यटन का आनंद उठा सकते हैं।

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दूधसागर झरना :
दूधसागर झरना महाराष्ट्र राज्य में सबसे अच्छे झरनों में से एक है। दूधसागर झरना नासिक शहर से 8 किलोमीटर की दूरी पर सोमेश्वर में स्थित है। यह झरना सबसे ज्यादा मानसून के दौरान देखा जाता है। यह झरना 10 मीटर की ऊंचाई से गिरता है। सफेद दूधिया रंग के होने के कारण ही इस झरने का नाम दूधसागर झरना पड़ा।

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पांडवलेनी गुफाएं : पांडवलेनी गुफाएं, नासिक स्थित त्रिवाष्मी हिल्स के पठार पर बसी हैं। यह जगह वास्तुकला प्रेमियों को बहुत भाती है। ये गुफाएं 20वीं सदी से भी अधिक पुरानी हैं। गुफाओं की संख्या चौबीस है और जैन राजाओं द्वारा निर्मित मानी जाती हैं। जैन संत अंबिका देवी, मनिभाद्रजी और तीर्थंकर ऋषभदेव यहां रहते थे। जैन शिलालेख और कलाकृतियों के अलावा, यहां गौतम बुद्ध की मूर्तियों को भी देखा जा सकता है। जटिल पानी के टैंक बड़ी चट्टानों से बाहर नक्काशीदार बने हुए हैं।

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मुक्तिधाम मंदिर : यह प्रसिद्ध मंदिर नासिक शहर से 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस पवित्र मंदिर की वास्तुकला अद्भुत है। इसकी दीवारों पर भगवद्गीता के 18 अध्याय उत्कीर्णत हैं। यह मंदिर भारत में बारह ज्योर्तिलिगों की सटीक प्रतिलिपि है।

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कालाराम मंदिर : कालाराम मंदिर नासिक में एक प्रमुख तीर्थ आकर्षण है। सन् 1794 में गोपिकाबाई पेशवा द्वारा निर्मित, कालाराम मंदिर अपनी स्थापत्य शैली में त्र्यंबकेश्वर मंदिर जैसा दिखता है। कुछ मील दूर स्थित एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है। यह पूरी तरह से काला पत्थर से बनाया गया है। मंदिर 70 फुट लम्बा है और इसका शिखर तांबे का बना है जिस पर सोना चढ़ाया गया है। यह मंदिर भगवान राम, सीता और लक्ष्मण की मूर्तियों से सजा हुआ है। वहां भी एक गणपति मंदिर, हनुमान मंदिर और आसपास के क्षेत्र में मंदिर मौजूद है।

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रामकुंड : रामकुंड टैंक नासिक के क्षेत्र में मुख्य आकर्षणों में से एक है। इसका निर्माण 300 से अधिक वर्ष पूर्व 1616 में चितारो खातरकर द्वारा किया गया। यह पवित्र कुंड 12 मीटर से 27 मीटर के एक विशाल क्षेत्र पर फैला है। किंवदंती है कि भगवान राम और सीता माता ने वनवास के दौरान इस कुंड में स्नान किया था। मान्यताओं के अनुसार मृत व्यक्ति की आत्मा को मोक्ष दिलाने के लिए इस कुंड में अस्थि विसर्जित की जाती हैं। यह नासिक बस स्टैंड से 10 कि.मी. की दूरी पर है।

कैसे पहुंचें
नासिक, महाराष्ट्र का एक प्रमुख जिला होने के कारण रेल व सड़क मार्ग से देश के सभी प्रमुख शहरों एवं रेल स्टेशनों से जुड़ा हुआ है। इसलिए नासिक होकर त्र्यंबकेश्वर व इसके आसपास स्थित अन्य धार्मिक व पर्यटन स्थलों तक रेल व सड़क मार्ग से आसानी से पहुंचा जा सकता है। यहां ठहरने और खाने-पीने के लिए हर दर्जे के होटल और लाज उपलब्ध हैं।

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