दर्शन: मंदिर के अंदर एक छोटे से गड्ढे में रहते हैं त्रिदेव

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 21 Mar, 2019 12:44 PM

trimbakeshwar temple

त्र्यंबकेश्वर मंदिर महाराष्ट्र के नासिक जिले में स्थित है। यह मंदिर नासिक स्टेशन से 34 किलोमीटर दूर गौतमी नदी के तट पर है। मंदिर की नक्काशी बेहद सुंदर है। त्र्यंबकेश्वर की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इस ज्योतिर्लिंग में

ये नहीं देखा तो क्या देखा (Video)


त्र्यंबकेश्वर मंदिर महाराष्ट्र के नासिक जिले में स्थित है। यह मंदिर नासिक स्टेशन से 34 किलोमीटर दूर गौतमी नदी के तट पर है। मंदिर की नक्काशी बेहद सुंदर है। त्र्यंबकेश्वर की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इस ज्योतिर्लिंग में ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों ही विराजित हैं। मंदिर के अंदर एक छोटे से गड्ढे में तीन छोटे-छोटे लिंग हैं, जिन्हें त्रिदेवों (ब्रह्मा, विष्णु और शिव) का प्रतीक माना जाता है।

PunjabKesariराहु-केतु के बुरे असर को मिटाने के लिए होली से पहले करें ये ख़ास उपाय

काले पत्थरों से बना यह मंदिर देखने में बेहद सुंदर नजर आता है। सावन एवं महाशिवरात्रि पर्व पर यहां की रौनक अलग ही होती है। वैसे सोमवार के दिन भगवान त्र्यंबकेश्वर की पालकी निकाली जाती है। यह पालकी कुशावर्त ले जाई जाती है और फिर वहां से वापस लाई जाती है। इस मंदिर में प्रवेश करने से पहले यात्री कुशावर्त कुंड में नहाते हैं। यहां गाय को हरा चारा खिलाना बेहद शुभ माना जाता है। इसी क्षेत्र में अहिल्या नदी, गोदावरी नदी में मिलती है। कई दंपति इस संगम स्थल पर खासतौर पर संतान प्राप्ति की कामना से आते हैं।

PunjabKesariप्रमुख आकर्षण
पंचवटी-नासिक के पास है पंचवटी। यह भारत की दूसरी बड़ी नदी गोदावरी के तट पर स्थित है। इस शहर का ताल्लुक रामायण काल से है। 14 साल के वनवास के दौरान मर्यादा पुरुषोत्तम राम, माता सीता और लक्ष्मण के साथ एक कुटिया बनाकर यहां रहे थे। लक्ष्मण ने शूर्पणखा की नाक यहां काटी थी। इसी कुटिया के बाहर से रावण ने सीता जी का हरण किया था। पंचवटी में पांच बरगद के पेड़ हैं, जो पास-पास हैं। इसी कारण से इसका नाम पंचवटी पड़ा था। यहां से बहने वाली पवित्र गोदावरी नदी के तट पर 12 साल में एक बार कुंभ मेला भी लगता है।

PunjabKesariकालाराम मंदिर- पंचवटी के पास ही कालाराम मंदिर एक प्राचीन हिंदू मंदिर है, जिसमें भगवान राम की मूर्ति स्थापित है। 

PunjabKesariमुक्तिधाम मंदिर- मुक्तिधाम मंदिर नासिक शहर से 8 कि.मी. दूर स्थित है। शुद्ध सफेद संगमरमर से बने इस मंदिर की वास्तुकला अद्भुत और अपरंपरागत है। इसकी दीवारों पर भगवद गीता के 18 अध्याय गुदे हैं। यह मंदिर भारत में बारह ज्योतिर्लिंगों की सटीक प्रतिलिपि है।

PunjabKesariपांडवलेनी गुफाएं- इन्हें नासिक गुफाएं भी कहते हैं। त्रिवाष्मी हिल्स के पठार पर बसी पांडवलेनी गुफाएं 24 नक्काशीदार गुफाओं का यह समूह है बौद्ध जो भक्ति प्रथाओं में बदलावों को दर्शाता है।

PunjabKesariइगतपुरी- महाराष्ट्र के प्रसिद्ध हिल स्टेशन में शुमार इगतपुरी, नासिक जिले का खूबसूरत हिल स्टेशन है, जो अपने घने जंगलों और प्राकृतिक सुंदरता के चलते लोकप्रिय है। यहां ट्रैकिंग के लिए भी बहुत सारे स्थल हैं। इगतपुरी आने पर घाटनदेवी मंदिर जरूर देखना चाहिए। मंदिर से नीचे की घाटी और सह्याद्रि पर्वतमाला के खूबसूरत नजारे देखे जा सकते हैं।

PunjabKesariऐसे पहुंचें
त्र्यंबकेश्वर जाने के लिए नासिक पहुंचा जाता है। यह भारत के हर क्षेत्र से रेल तथा सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है। हवाई मार्ग से जाने के लिए संभाजी नगर तथा पुणे हवाई अड्डा समीप है। त्र्यंबकेश्वर गांव नासिक से काफी नजदीक है। नासिक पहुंचकर, वहां से त्र्यंबकेश्वर के लिए बस, ऑटो या टैक्सी ले सकते हैं।

PunjabKesariभंडारदरा- भंडारदरा सह्याद्रि पर्वत पर नासिक से लगभग 70 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। खूबसूरत झरनों, घने जंगलों, झीलों, बांधों और प्रकृति से घिरा सुंदर हिल-स्टेशन है।

शिव जी के बारह ज्योतिर्लिंगों में श्री त्र्यंबकेश्वर को दसवां स्थान दिया गया है। इसे त्र्यंबकेश्वर शिव मंदिर भी कहते हैं। यहां समीप में ही ब्रह्मगिरि नामक पर्वत से गोदावरी नदी निकलती है। जिस प्रकार उत्तर भारत में प्रवाहित होने वाली पवित्र नदी गंगा का विशेष आध्यात्मिक महत्व है, उसी प्रकार दक्षिण में प्रवाहित होने वाली इस पवित्र नदी गोदावरी का विशेष महत्व है, जहां उत्तर भारत की गंगा को ‘भागीरथी’ कहा जाता है, वहीं इस गोदावरी नदी को ‘गौतमी गंगा’ कहकर पुकारा जाता है। भागीरथी राजा भगीरथ की तपस्या का परिणाम है तो गोदावरी ऋषि गौतम की तपस्या का साक्षात फल है। 

यहां मिलेगी होली से जुड़ी हर जानकारी

Trending Topics

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!