Triyuginarayan Temple: दूर-दूर से इस मंदिर में लोग कराने आते हैं शादी, भगवान शिव और मां पार्वती ने भी लिए थे यहां फेरे

Edited By Prachi Sharma,Updated: 30 Aug, 2024 12:38 PM

triyuginarayan temple

अपना देश हो या या फिर विदेश दुनियां भर में महादेव के बहुत से मंदिर हैं। हर मंदिर अपने आप में बहुत खास है और रहस्यों से भरा हुआ है। ऐसा ही एक मंदिर है त्रियुगीनारायण मंदिर। कथाओं

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Triyuginarayan Temple: अपना देश हो या या फिर विदेश दुनियां भर में महादेव के बहुत से मंदिर हैं। हर मंदिर अपने आप में बहुत खास है और रहस्यों से भरा हुआ है। ऐसा ही एक मंदिर है त्रियुगीनारायण मंदिर। कथाओं के अनुसार महादेव और मां पार्वती ने इसी मंदिर में फेरे लिए थे। इस वजह से आज के समय में दूर-दूर से लोग यहां सिर्फ शादी कराने आते हैं। इस मंदिर को लेकर भक्तों में मन में बहुत आस्था है। ऐसा भी कहा जाता है जो भी व्यक्ति यहा फेरे लेता है उनको भगवान शिव और माता पार्वती का खास आशीर्वाद मिलता है। तो चलिए जानते हैं इस मंदिर के बारे में-

PunjabKesari Triyuginarayan Temple

Triyuginarayan Temple त्रियुगीनारायण मंदिर 
इस खास मंदिर का नाम है त्रियुगीनारायण मंदिर। यह उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित है। मान्यताओं के अनुसार इस मंदिर की स्थापना त्रेता युग में हुई थी। इस मंदिर का इतिहास भगवान शिव और मां पार्वती से जुड़ा हुआ है। 

This story is related to this temple इस मंदिर से जुडी है ये कथा 
मां पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए बहुत से तप और व्रत किए थे। बहुत पूजा-पाठ के बाद उनका विवाह भगवान शिव से हुआ। कहते हैं इस मंदिर में ही भगवान शिव और माता पार्वती ने सात फेरे लिए थे। और उनके विवाह के दौरान यहां जो अग्नि जलाई थी वो आज भी इस मंदिर में अब तक जल रही है। कुछ कथाओं के अनुसार इस विवाह में श्री हरि माता पार्वती के भाई बनकर आये थे और सभी रीति-रिवाजों का विधि-विधान से पालन किया था। और ब्रह्मा जी पुरोहित बने थे। इस वजह से इस विवाह स्थल को ब्रह्म शिला के नाम से भी जाना जाता है और ये त्रियुगीनारायण मंदिर के ठीक सामने स्थित है।

PunjabKesari Triyuginarayan Temple

There are three water tanks near this temple इस मंदिर के पास हैं तीन जलकुंड
इस मंदिर की एक और खासियत है वो यह है कि इसके पास तीन जल कुंड हैं। मां गौरी और महादेव के विवाह से पहले इस कुंड का निर्माण किया गया था। इन कुंडों का नाम है रूद्र कुंड, विष्णु कुंड और ब्रह्मा कुंड। सरस्वती कुंड से इन कुंडों में जल आता है। किवदिंतियों के अनुसार इस कुंड की स्थापना भगवान विष्णु की नासिका से हुई थी। जो भी महिला इस कुंड में स्नान करती है उसकी सूनी कोख भर जाती है। 

This temple is also associated with Lord Vishnu भगवान विष्णु से भी जुड़ा है ये मंदिर 
शास्त्रों और पुराणों के अनुसार भगवान शिव के अलावा भगवान विष्णु भी से भी इस मंदिर का संबंध है। इस स्थान पर भगवान विष्णु ने वामन अवतार लिया था। इस जगह पर श्री हरि के वामन रूप को पूजा जाता है। 

PunjabKesari Triyuginarayan Temple

Related Story

Trending Topics

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!