Tuesday Special: जीवन की हर बाधा को दूर करता है बजरंग बाण पाठ, पढ़ने से पहले जानें ये नियम

Edited By Prachi Sharma,Updated: 20 Aug, 2024 10:46 AM

बाधाएं जिसके भी जीवन में आ जाएं उसके जीवन में खुशियों को ग्रहण लगा देती हैं। बाधाओं के आने की निशानी कुंडली से नजर आ जाते हैं। साढ़ेसाती, राहु का खराब होना और बर्थ चार्ट में मंगल का खराब

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Bajrang baan: बाधाएं जिसके भी जीवन में आ जाएं उसके जीवन में खुशियों को ग्रहण लगा देती हैं। बाधाओं के आने की निशानी कुंडली से नजर आ जाते हैं। साढ़ेसाती, राहु का खराब होना और बर्थ चार्ट में मंगल का खराब होना। यह कई ऐसी निशानियां होती हैं, जो जीवन में आने वाले संकट को बताती हैं। शादी में बार-बार रुकावट पैदा होना, करियर को लेकर परेशानी, रोग लगना आदि ब्लॉकिजेस का असर हर एक के बर्थ चार्ट के मुताबिक अलग-अलग होता है। इसमें घर का खराब वास्तु एक बहुत बड़ी भूमिका निभाता है। आज एक ऐसे मंत्र के बारे में जिक्र करेंगे,  जिसका संबंध हनुमान जी से है। 

मंत्र तीन तरह के होते हैं। एक होते हैं वैदिक मंत्र जो खासतौर पर ऋग्वेद से जुड़ा हुआ होता है। वैदिक मंत्र में गायत्री और पंचाक्षरी मंत्र आ जाते हैं। वैदिक मंत्र की एक खासियत होती है। जब यह सिद्ध हो जाएं तो यह सारा जीवन इंसान को काम देते हैं लेकिन इनकों सिद्ध करना आसान नहीं होता है। इसके लिए एक प्रॉपर गुरु चाहिए। इसके साथ ही बहुत लंबे समय तक आराधना और तपस्या चाहिए। उसके बाद ही यह मंत्र किसी के काम आ सकते हैं। जो लोग अपने गृहस्थ जीवन में व्यस्त है। उन लोगों के लिए वैदिक मंत्रों का जाप करना या इन्हें सिद्ध करना बहुत ही मुश्किल काम होता है। 

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वैदिक मंत्र के बाद जो मंत्र आते हैं, वह तांत्रिक मंत्र होते हैं। तांत्रिक मंत्र की खासियत यह है कि यह जल्दी सिद्ध हो जाते हैं लेकिन इनका प्रभाव पर्टिकुलर कार्य के लिए होता है। उसके बाद इसका प्रभाव जो है डाइल्यूट हो जाता है लेकिन तांत्रिक मंत्र में एक और विशेषता होती है कि अगर इसका उच्चारण गलत हो जाए, तो यह नुकसान भी जल्द दे देता है।     

इसके बाद तीसरी कैटेगरी शाबर मंत्र की आती है। शाबर मंत्र सबसे ज्यादा सेफ मंत्र माने जाते हैं। न वैदिक मंत्रों की तरह ही इनकों लंबे समय के लिए साधना चाहिए। न ही यह तांत्रिक मंत्रों की तरह टेक्निकल होती है। शाबर मंत्र नॉर्मली औघड़ देहाती लैंग्वेज में भी बने होते हैं। जिस इष्ट का शाबर मंत्र होता है उस इष्ट को किसी और इष्ट की दुहाई दी जाती है। शाबर मंत्र की यह निशानी मानी जाती है और यह इनकी खासियत भी होती है।   

बजरंग बाण भी शाबर मंत्र की कैटेगरी में ही आता है। हनुमान चालीसा के पाठ में ही मिलने वाले पाठ को बजरंग बाण कहा जाता है। यह इतना तीक्ष्ण पाठ होता है कि इस पाठ के पीछे कवच नहीं बल्कि बाण लगा होता है। बाण उस मंत्र के पीछे लगता है, जिसको हम राम बाण कहते हैं। बजरंग बाण का पाठ हम तब कर सकते हैं, जब सारे उपाय फेल हो जाते हैं या आपके पास साधन बन ही नहीं रहे हैं। जो लोग शत्रुओं से घिरे हुए हैं या जो लेग कोई बड़ी बीमारी से जूझ रहे होते हैं, वो लोग इस पाठ को कर सकते हैं। बजरंग बाण लाल प्रिंट वाला है लेना चाहिए और बजरंग बाण को रोजाना सात बार पढ़ना है। हो सके तो इसकी शुरुआत मंगल या शुक्रवार के दिन ही करें लेकिन जिन लोगों के पास मंगलवार या शुक्रवार का समय नहीं है तो वह कभी भी इस पाठ की शुरुआत कर सकते हैं। इस पाठ को जब भी शुरू करना है, तो अगले दिन भी उसी समय पर ही रिपीट करना है। इसको 40 दिन तक कम से कम पढ़ना जरूरी है। इसके बीच कोई भी नागा नहीं होना चाहिए।

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बजरंग बाण को शुरू करने से पहले हाथ में जल लेकर अपने पिता जी का नाम, अपना डेट प्लेस और जहां पर बैठे हुए हैं, वो जरूर बोलिए। इसके बाद अपनी समस्या का स्मरण करते हुए हाथ में लिए हुए जल को जमीन पर छोड़ दें। पहले दिन इसको करना जरूरी है,  इसको संकल्प बोलें। जब दिन में सात बजरंग बाण पढ़ लेंगे, तो फिर हनुमान चालीसा का पाठ करके इस पाठ को संपूर्ण करें। इस पाठ को सफल बनाने के लिए हनुमान जी का स्वरूप अपने साथ रखना है।  अपनी बीमारी को ठीक करने के लिए हनुमान जी की संजीवनी बूटी वाली फोटो के अपने पास रखना है। अगर कोई व्यक्ति कोर्ट-कचहरी के मामले में फसा हुआ है, तो हनुमान जी की झंडा लेकर उड़ने वाली फोटो अपने पास रखें। जिन लोगों की शादी नहीं हो रही है, तो ऐसे लोग हनुमान जी की छाती में सियाराम के दर्शन करवा रहे वाली तस्वीर रखें। संतान न होने पर या व्यापार का कोई काम नहीं बन रहा है तो हनुमान जी की वरदान मुद्रा वाली फोटो रखने से आपको लाभ होगा।  

घर में वास्तु दोष है लेकिन बहुत कोशिशों की बाद भी इससे राहत नहीं मिल पा रही तो आपको अपने पास पंचमुखी हनुमान जी की फोटो रखें। इससे आपके सारे काम बहुत ही आसानी से सिद्ध हो जाएंगे और वास्तु की जो भी नेगेटिव एनर्जी है, वो पूरी तरह से दूर हो जाएगी। जब आप पूरे के पूरे 40 दिन का पाठ अपने जीवन में प्रयोग करेंगे। इस दौरान शराब, मांस का सेवन नहीं करना है। जहां तक हो सके पूरी सादगी और साफ-सफाई वाला वातावरण अपने घर में बनाए रखें।   

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