Edited By Niyati Bhandari,Updated: 13 Oct, 2023 06:27 AM
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सनातन धर्म में जिस दिन सूर्य एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं, उस दिन संक्रांति का पर्व मनाया जाता है। सूर्य देव को ग्रहों का स्वामी कहा
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Tula Sankranti: सनातन धर्म में जिस दिन सूर्य एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं, उस दिन संक्रांति का पर्व मनाया जाता है। सूर्य देव को ग्रहों का स्वामी कहा गया है और संक्रांति के दिन इनकी पूजा करने से सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है। वर्तमान में सूर्य कन्या राशि में हैं और अब ये तुला राशि में गोचर करने जा रहे हैं। इस वजह से अश्विन माह में आने वाली संक्रांति को तुला संक्रांति कहा जाता है। इसी के साथ बता दें कि संक्रांति के दिन विनायक चतुर्थी भी है, इसके अलावा इस दिन शारदीय नवरात्रि का चौथा दिन होने के कारण मां कूष्मांडा की आराधना की जाएगी। इन कारणों के कारण संक्रांति का दिन और भी खास हो गया है। तो चलिए इस खास दिन को और खास बनाने के लिए जानते हैं शुभ मुहूर्त और तिथि-
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Tula Sankranti Date 2023 तुला संक्रांति डेट 2023
पंचांग के अनुसार 18 अक्टूबर 2023, बुधवार के दिन तुला संक्रांति का पर्व मनाया जाएगा।
Tula Sankranti Muhurta तुला संक्रांति मुहूर्त 2023
पंचांग के अनुसार तुला संक्रांति का पुण्य काल मुहूर्त सुबह 6:23 से शुरू होगा और दोपहर के 12:06 पर इसका समापन हो जाएगा।
तुला संक्रान्ति महा पुण्य काल का समय: सुबह 6:23 बजे से रात 8:18 बजे तक रहेगा।
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Tula Sankranti is the festival of farmers किसानों का पर्व है तुला संक्रांति
जिस तरह जनवरी माह में मकर संक्रांति के पर्व को बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। उसी तरह उड़ीसा और कर्नाटक के लोगों के लिए यह पर्व बहुत ही खास और महत्वपूर्ण होता है। इस दिन कर्नाटक में कावेरी नदी के तट पर मेला लगता है। जहां पर स्नान-दान करने से बहुत पुण्य प्राप्त होता है।
Importance of Tula Sankranti तुला संक्रांति का महत्व
स्कंद और विष्णु पुराण के साथ-साथ महाभारत में भी सूर्य पूजा के महत्व का उल्लेख है। कहते हैं सूर्य देव की पूजा करने से इच्छा शक्ति बढ़ जाती है। इस वजह से संक्रांति के दिन को बहुत श्रेष्ठ माना गया है। तुला संक्रांति के समय धान के पौधों में दाने आना शुरू हो जाते हैं। इसी के साथ इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा करने से घर के भंडारे हमेशा भरे रहते हैं।
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