Edited By Prachi Sharma,Updated: 13 Oct, 2024 06:49 AM
हिंदू धर्म में संक्रांति एक महत्वपूर्ण पर्व है। संक्रांति का अर्थ है परिवर्तन या स्थानांतरण। जिस दिन सूर्य देव एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं तो उसे संक्रांति के नाम से जाना जाता है।
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Tula Sankranti 2024: हिंदू धर्म में संक्रांति एक महत्वपूर्ण पर्व है। संक्रांति का अर्थ है परिवर्तन या स्थानांतरण। जिस दिन सूर्य देव एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं तो उसे संक्रांति के नाम से जाना जाता है। सूर्य देवता को समर्पित यह पर्व भक्तों के लिए पुण्य और आत्म-शुद्धि का अवसर प्रदान करता है। अक्टूबर माह में तुला संक्रांति का व्रत रखा जाएगा। इस दिन सूर्य देव तुला राशि में प्रवेश करेंगे। इसे धनतेरस और दीपावली जैसे त्योहारों के आगमन की शुरुआत के रूप में भी मनाया जाता है। तुला राशि को न्याय, सामंजस्य और संतुलन का प्रतीक माना जाता है।
Tula Sankranti Tithi तुला संक्रांति तिथि
पंचांग के अनुसार सूर्य देव 17 अक्टूबर को सुबह तुला राशि में प्रवेश करेंगे। इसके अनुसार 17 अक्टूबर को तुला संक्रान्ति का पर्व मनाया जाएगा।
तुला संक्रांति की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त
17 अक्टूबर प्रात: काल 06 बजकर 23 मिनट से लेकर सुबह 09 बजकर 47 मिनट तक है। इस दौरान यदि आप सूर्य देव की उपासना करते हैं तो जीवन के दुख-दर्द अपने आप समाप्त होने लग जाते हैं।
These auspicious yogas will be formed on this day इस दिन बनेंगे ये शुभ योग
ज्योतिष गणना और पंचांग के अनुसार हर्षण योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और शिव वास योग का निर्माण होगा। बता दें कि शिव वास योग शाम को 4 बजे शुरू होगा और रात तक रहेगा। सर्वार्थ सिद्धि योग की बात करें तो ये पूरा दिन रहेगा। हर्षण योग सुबह से शुरू होगा और रात तक रहेगा।
Worship Sun God in this way इस तरह करें सूर्य देव की पूजा
सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें। पूजा स्थल को साफ करें और एक चादर बिछाएं। इस पर सूर्य देवता की तस्वीर या मूर्ति स्थापित करें।
पहले दीपक जलाएं और उसे पूजा स्थान पर रखें।
एक पात्र में जल लें और हाथ में लेकर सूर्य देव को अर्पित करें। "ॐ सूर्याय नमः" का जाप करें।
पीले और लाल फूलों को सूर्य देव को अर्पित करें। उसके बाद अक्षत अर्पित करें।
अंत में दीपक लेकर सूर्य देव की आरती करें। आरती के दौरान ॐ आदित्याय नमः का जाप करें।
इस दिन विशेष रूप से सूर्य देवता की आरती की जाती है। आरती के दौरान ॐ सूर्याय नमः का जाप करें।
भगवान को तिल का भोग अर्पित करना शुभ माना जाता है। तिल का सेवन करने से समृद्धि और सुख की प्राप्ति होती है।