Edited By ,Updated: 02 Feb, 2017 10:37 AM
लक्ष्मी जी का वाहन उल्लू जो रात्रि में जागता और दिन में सोता है बहुत ही रहस्यमय है जिसे
लक्ष्मी जी का वाहन उल्लू जो रात्रि में जागता और दिन में सोता है बहुत ही रहस्यमय है जिसे आज तक कोई भी व्यक्ति समझ नहीं पाया है। भारत में प्रत्येक परिवार में उल्लू शुभ व अशुभ दायरे में विद्यमान है। कहते हैं कि उल्लू को संकट से पूर्व में ही अनुभव हो जाता है। इसलिए इसे अपशकुन का प्रतीक माना जाता है लेकिन कुछ विद्वानों ने उल्लू के निम्र संकेतों को शुभ व लाभदायक माना है। कहते हैं कि रोगी व्यक्ति को प्राकृतिक रूप से उल्लू छू ले तो वह शीघ्र ही स्वस्थ हो जाता है। सुबह-सवेरे उल्लू की वाणी सुनना लाभदायक व मंगलकारी है।
यदि उल्लू गर्भवती औरत को छूता है तो पुत्री होने का संकेत है। पूर्व दिशा में और वृक्ष पर बैठे उल्लू को देखने और उसकी आवाज सुनने वाले व्यक्ति को धन लाभ होता है। दक्षिण दिशा में उल्लू की आवाज सुनने पर उस व्यक्ति के शत्रुओं का नाश होता है। उल्लू का प्राकृतिक स्पर्श पाने वाले व्यक्ति का जीवन सुख ऐश्वर्य से व्यतीत होता है।
यदि यात्रा करते समय उल्लू पीछे उड़ रहा हो या आवाज कर रहा हो तो यात्रा शुभ होती है। यदि उल्लू उत्तर दिशा की ओर आवाज करे तो सुनने वाले को भयंकर बीमारी होने की संभावना होती है। रात को यदि उल्लू पास बैठकर आवाज करे तो यह मंगल कार्य का सूचक होता है। उल्लू यदि किसी विशेष स्थान पर आकर रोज-रोज रोए तो यह भयंकर दुखदायी घटना का सूचक है। इसके अलावा यदि उल्लू घर के आंगन में मरा मिले तो पारिवारिक कलह का सूचक है। पश्चिम दिशा की ओर बैठे उल्लू की आवाज सुनने वाले व्यक्ति को भयंकर धन हानि होती है। इस प्रकार उल्लू हमेशा हमें शुभ और अशुभ संकेत देता है।