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नैनीताल में हो रहा 3 दिन फ्री कथक नृत्य कार्यशाला का आयोजन, हर वर्ग के लोग ले सकते हैं हिस्सा

Edited By Prachi Sharma,Updated: 01 Mar, 2025 09:09 AM

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उत्तराखंड, जो भारत में एक अपना अलग स्थान रखता है। प्राक्रतिक सौन्दर्य के लिए उत्तराखंड को देव भूमि भी कहा जाता है, जहां शिव मंदिर के साथ-साथ भगवान विष्णु के के भी प्राचीन मंदिर है

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उत्तराखंड, जो भारत में एक अपना अलग स्थान रखता है। प्राक्रतिक सौन्दर्य के लिए उत्तराखंड को देव भूमि भी कहा जाता है, जहां शिव मंदिर के साथ-साथ भगवान विष्णु के के भी प्राचीन मंदिर है। वही नैनीताल उत्तराखंड का सबसे खूबसूरत स्थान माना जाता है जहां स्वयं माता नैना देवी का विश्व प्रसिद्ध मंदिर है। जो 52 शक्तिपीठों में आता है।

वहीं यहां की संस्कृति भी अपने आप में अनेकों विभिन्न प्रकार के रंगों को समेटे हैं। इसी क्रम में नैनीताल की खूबसूरत वादियों के बीच अपनी भारतीय शास्त्रीय नृत्य कथक की कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें कथक नृत्य के कलाकार और कोरियोग्राफर आशीष सिंह (नृत्य मंजरी दास) जी को भगवान श्री कृष्ण की नगरी वृन्दावन से वृंदावन डांस एवम् म्यूज़िक एकेडमी में बुला कर यहां के विद्यार्थी को कथक नृत्य की पारंपरिक तालीम दिलाई जा रही है जिसका शुभारंभ 28 फरवरी को नैनीताल के तल्लीताल में किया गया।

यह कार्यशाला 3 मार्च तक आयोजित की जाएगी जो कि सभी वर्ग के लोगों के लिए फ्री है। इस कार्यशाला को आयोजित करने का उद्देश्य हमारी आज की युवा पीढ़ी को अपनी भारतीय संस्कृति से अवगत कराना है। आशीष सिंह ने आज बच्चों को कथक नृत्य की प्राचीन परंपरा के अंतर्गत आमद, टुकड़ा, तिहाई, तोड़ा, हस्तक, तत्कार नृत्य के मूल आयाम की तालीम दी। 

आशीष कहते हैं कि नैनीताल में अगर समय-समय पर ऐसे आयोजन होते रहे तो अपनी संस्कृति के साथ-साथ बच्चों में भी अपने भारतीय संस्कार आएंगे। 

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