Edited By Niyati Bhandari,Updated: 23 May, 2024 08:27 AM
हिंदू धर्म में वैशाख पूर्णिमा बहुत खास मानी गई है क्योंकि इसी दिन भगवान विष्णु के 9वें अवतार महात्मा बुद्ध का जन्म हुआ था
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Vaishakh Purnima- हिंदू धर्म में वैशाख पूर्णिमा बहुत खास मानी गई है क्योंकि इसी दिन भगवान विष्णु के 9वें अवतार महात्मा बुद्ध का जन्म हुआ था इसलिए वैशाख पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। इस साल 23 मई, दिन गुरुवार को बुद्ध पूर्णिमा पड़ रही है। इस बार की वैशाख पूर्णिमा विशेष तौर पर खास रहने वाली है क्योंकि इस दिन कई शुभ संयोग बन रहे हैं। आईए जानें स्नान-दान, लक्ष्मी पूजा, सत्यनारायण पूजा का शुभ मुहूर्त और इस दिन बनने वाले शुभ योगों के बारे में...
हिंदू पंचांग के अनुसार, वैशाख पूर्णिमा तिथि का आरंभ 22 मई को शाम 06 बजकर 47 मिनट पर हो चुका है और इसका समापन अगले दिन 23 मई को रात 07 बजकर 22 मिनट पर होगा। ऐसे में वैशाख पूर्णिमा यानी कि बुद्ध पूर्णिमा 23 मई, दिन गुरुवार को मनाई जाएगी। इस दिन स्नान-दान का शुभ मुहूर्त प्रातःकाल 04 बजकर 04 मिनट से लेकर 04 बजकर 45 मिनट तक रहेगा। व
सत्यनारायण पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 05 बजकर 06 मिनट से लेकर 07 बजकर 09 मिनट तक और सुबह 10 बजकर 47 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 18 मिनट तक का रहेगा। इस दिन अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 51 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 46 मिनट तक रहेगा।
मां लक्ष्मी की पूजा का शुभ मुहूर्त रात 07 बजकर 10 मिनट से लेकर 08 बजकर 27 मिनट तक रहेगा।
चंद्रोदय का समय रात 07 बजकर 12 मिनट का रहेगा।
इस साल बुद्ध पूर्णिमा पर कई शुभ संयोग बन रहे हैं। जैसा कि इस बार बुद्ध पूर्णिमा गुरुवार को पड़ रही है। गुरुवार और पूर्णिमा पर भगवान सत्यनारायण की पूजा की जाती है। ऐसे में बुद्ध पूर्णिमा पर गुरुवार का संयोग बनना आपको कई गुना ज्यादा लाभ देने वाला है। इसके अलावा इस दिन सूर्य-शुक्र की युति शुक्रादित्य योग और गुरु-शुक्र की युति से गजलक्ष्मी राजयोग का निर्माण हो रहा है। वहीं इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग और शिव योग का निर्माण हो रहा है। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 09 बजकर 15 मिनट से लेकर अगले दिन सुबह 05 बजकर 26 मिनट तक रहेगा और शिव योग दोपहर 12 बजकर 12 मिनट से लेकर अगले दिन सुबह 11 बजकर 22 मिनट तक रहेगा। इन शुभ योगों में पूजा-पाठ और व्रत करने से व्यक्ति के सभी कार्य सिद्ध होते हैं और मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।
वैशाख पूर्णिमा के दिन पवित्र नदी में स्नान करना बहुत पुण्य देता है। इसके अलावा इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करने से दरिद्रता का नाश होता है। साथ ही इस दिन भगवान बुद्ध की भी पूजा करनी चाहिए। मान्यताओं के अनुसार, इस दिन चंद्रमा को अर्घ्य देने से चंद्र दोष से मुक्ति मिलती है और मानसिक तनाव दूर होता है।