Edited By Prachi Sharma,Updated: 06 Oct, 2024 10:00 AM
कटड़ा में शारदीय नवरात्रों के उपलक्ष पर नटरंग के सौजन्य से आयोजित हो रही माता की कहानी का नाटक रूपांतरण देख श्रद्धालु मंत्र मुग्ध हो रहे हैं।
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कटड़ा (अमित): कटड़ा में शारदीय नवरात्रों के उपलक्ष पर नटरंग के सौजन्य से आयोजित हो रही माता की कहानी का नाटक रूपांतरण देख श्रद्धालु मंत्र मुग्ध हो रहे हैं। शनिवार को आयोजित माता की कहानी के दौरान जिला उपायुक्त रियासी विशेष पाल महाजन मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। जिनके द्वारा कलाकारों की हौसला ऊंचाई करते हुए कहा गया कि माता की कहानी में हर किरदार द्वारा अपना किरदार बाखूबी निभाया गया है। उन्होंने कहा की जरूरत है की मां भगवती के दर्शनों को आए श्रद्धालु यात्रा के दौरान माता की कहानी से भी रूबरू जरूर हों।
इस कहानी में दर्शाया गया की किस प्रकार मां वैष्णो देवी ने बाबा श्रीधर को भंडारा रखने का आदेश दिया था। इसके बाद भैरव बाबा अपने शिष्यों के साथ वहां पहुंचकर मांस-मदिरा की मांग करते हैं।
इस दौरान यह भी दिखाया गया किस प्रकार मां वैष्णो देवी वहा से लुप्त होकर बाणगंगा में अपने केश धोये थे और कैसे चरण पादुका में पीछे मुड़कर भैरव बाबा की ओर देखा था। इसके बाद उच्च स्थल का नाम चरण पादुका पड़ा था। वही इस कहानी में 9 महीने गर्भ जून में मां भगवती के रुकने का दृश्य भी दर्शाया गया। अंत मे कैसे माता ने भैरव का वध किया और उसे वरदान दिया की माता रानी के दर्शनों के बाद भैरव के दर्शन करने के बाद ही यात्रा संपूर्ण मानी जाएगी ।