Edited By Niyati Bhandari,Updated: 30 Dec, 2024 09:53 AM
जालंधर (इंट): जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले की त्रिकुटा पहाड़ियों में रोपवे प्रोजैक्ट के धरना प्रदर्शन रविवार को पांचवें दिन में प्रवेश कर गया है जिससे श्रद्धालुओं को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। तीर्थयात्रियों का कहना है कि उन्हें कई...
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जालंधर (इंट): जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले की त्रिकुटा पहाड़ियों में रोपवे प्रोजैक्ट के धरना प्रदर्शन रविवार को पांचवें दिन में प्रवेश कर गया है जिससे श्रद्धालुओं को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। तीर्थयात्रियों का कहना है कि उन्हें कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
इस बंद के दौरान तीर्थयात्री कहां खाना खाएंगे या आराम करेंगे? यह विरोध करने का सही तरीका नहीं है। उन्होंने कहा कि हम विनम्रतापूर्वक विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करने वालों से हड़ताल वापस लेने का अनुरोध करते हैं क्योंकि हजारों तीर्थयात्रियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
श्राइन बोर्ड की है वैकल्पिक व्यवस्था
हालांकि श्राइन बोर्ड के अधिकारियों ने रेल-सड़क नैटवर्क के माध्यम से कटरा पहुंचने वाले तीर्थयात्रियों को जलपान उपलब्ध कराने के लिए रेलवे स्टेशन और बस स्टेशन पर कुछ वैकल्पिक व्यवस्था की है। खराब मौसम ने तीर्थयात्रियों की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं, क्योंकि टट्टू और पिट्ठू ढोने वाले लोग न होने के कारण श्रद्धालुओं के लिए सामान के साथ घुमावदार रास्ता तय करना मुश्किल हो गया है। इस साल अब तक 93.60 लाख तीर्थयात्री गुफा मंदिर में पूजा-अर्चना कर चुके हैं।
कटरा में सभी गतिविधियां निलंबित
श्री माता वैष्णो देवी संघर्ष समिति ने बंद का आह्वान किया और कहा कि विरोध प्रदर्शन के दौरान कटरा में सभी गतिविधियां निलंबित रहेंगी। समिति के नेता भूपिंदर सिंह और सोहन चंद के नेतृत्व में सैंकड़ों लोगों ने शहर में विरोध मार्च निकाला था।
प्रदर्शनकारियों ने श्राइन बोर्ड और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए अड़ियल रवैया अपनाने का आरोप लगाया है।
अधिकारियों ने बताया कि भूपिंदर सिंह और सोहन चंद समेत कई प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने हिरासत में लिया था।
250 करोड़ रुपए की है परियोजना
बता दें कि पिछले महीने श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने वरिष्ठ नागरिकों, बच्चों और अन्य लोगों के लिए मंदिर तक पहुंच की सुविधा के लिए रोपवे स्थापित करने की योजना की घोषणा की थी जिन्हें गुफा मंदिर तक 13 किलोमीटर लंबे रास्ते पर चलना चुनौतीपूर्ण लगता है।
प्रस्तावित 250 करोड़ रुपए की परियोजना का लक्ष्य ताराकोटे मार्ग को सांजी छत से जोड़ना है जो मंदिर की ओर जाता है। इस बीच तीर्थयात्रियों ने भोजनालयों के बंद होने और स्थानीय परिवहन के निलंबन का हवाला देते हुए बंद पर निराशा व्यक्त की, जिससे काफी असुविधा हुई। अभी तक वैष्णो देवी आने वाले श्रद्धालुओं को खच्चर और पालकीवाले ही मंदिर दर्शन कराने ले जाते हैं। ये उनकी कमाई का जरिया है। इसलिए वे रोपवे प्रोजैक्ट का विरोध कर रहे हैं।